कहीं आपके बच्चे तो नहीं हो रहे बुलिंग का शिकार, इन 5 संकेतों से लगाए इसका पता

अक्सर देखा जाता है कि जब बच्चा स्कूल या प्लेग्राउंड में खेलने के लिए जाता है तो बड़े बच्चों या साथी छात्र उसे परेशान करते हैं और उसके साथ बदमाशी करते हैं जिसे बुलिंग कहा जाता हैं। अक्सर बच्चा डर के मारे अपने पेरेंट्स को यह बात जता नहीं पाता हैं और मानसिक रूप से स्वयं को नुकसान पहुँचाने लगता हैं। यह बच्चों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता हैं। ऐसे में पेरेंट्स को अपनी समझ से इसका पता लगाने की जरूरत होती हैं। इसलिए आज हम बच्चों में होने वाले कुछ ऐसे बदलावों की जानकारी लेकर आए हैं जो दर्शाते हैं कि बच्चे बुलिंग का शिकार हो रहे हैं। आइये जानें इन बदलावों के बारे में।

अक्सर सिरदर्द रहना
बुली हो रहे बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं लेकिन वो इस बारे में खुलकर नहीं कह पाते। ऐसे में स्कूल ना जाने के लिए सिरदर्द या पेट दर्द के बहाने बनाते हैं। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं कि वह झूठ बोल रहा हो। ऐसा भी हो सकता है कि डर के कारण उसे वाकई में दर्द हो। ऐसे में उनसे खुलकर बात करें और वजह जानने की कोशिश करें।

नंबर ना लाना
जरूरी नहीं कि बच्चा हमेशा फर्स्ट आए लेकिन अगर वह पहले से भी कम नबंर लाने लगे तो एक साइन हो सकता है। दरअसल, इस वजह से बच्चे एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं, जिससे वो पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाते। इतना ही नहीं, इससे बच्चे डिप्रेशन और अनिद्रा का शिकार भी हो सकते हैं।

खेलने में मन न लगना
बच्चों का खेलने का मन ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता लेकिन अगर आपका बुली हो रहा है तो वो बाहर खेलने से भी डरेगा। अगर आपका बच्चा भी बाहर जाने से डरता है और दूसरों बच्चों से बात भी नहीं करता तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

शरीर पर चोटें
खेल-कूद में अक्सर बच्चों को चोट लग जाती है लेकिन अगर बच्चा अक्सर चोट खाकर घर आए तो स्कूल जाकर इस बारे में पता करें। साथ ही आप अपने बच्चे से बात करें या उसे किसी साइकोलॉजिस्ट के पास लेकर जाएं।

भूख न लगना
स्कूल से टिफिन वापिस लाना या घर में भी ठीक से ना खाना भी बच्चे के बुली होने का साइन हो सकता है। अक्सर इस वजह से बच्चे खाना पीना छोड़ देते हैं इसलिए आपको उनकी डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए।