रिश्तों में प्यार बढ़ाती है ये 3 बातें, लाती है नजदीकियां

हर रिलेशनशिप की अपनी अलग ही कहानी होती हैं जिसमें दो लोग एक-दूसरे को अपनेआप को समर्पित कर देते हैं और पूरे जीवन एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा करते है. लेकिन कई बार किन्हीं कारणों की वजह से रिश्तों में खटास आने लगती हैं और रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता हैं. ऐसे में जरूरी हैं कि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए और रिश्तों में प्यार बनाए रखा जाए. आज हम आपको कुछ ऐसे ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं जो रिश्तों में नजदीकियां लेकर आती हैं. तो आइये जानते हैं इन ध्यान देने वाली बातों के बारे में.

प्यार पाने के लिए पहले प्यार देना पड़ता है

हर रिश्ते में यह बेहद जरूरी है कि कभी-कभी पार्टनर (Partner) की पसंद की चीजे़ भी की जाए, चाहे आपका मन न हो। कई बार पार्टनर (Partner) की कोई बात हमें बेहद बुरी लग जाती है जिसके कारण हमें अपने पार्टनर (Partner) के लिए कोई फीलिंग्स नहीं आती है। ऐसे में हम अपने पार्टनर (Partner) के लिए कुछ भी फील नहीं करते हैं। लेकिन एक रिश्ते में ऐसा जाहिर नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि प्यार पाने के लिए पहले प्यार देना पड़ता है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके पार्टनर (Partner) के दिल में आपके लिए स्नेह जागेगा। इसी की वजह से आपके मन में भी अपने पार्टनर (Partner) के लिए प्रेम भावना जागेगी।

साथी को उसकी गलतियां बताकर उसे सुधारा जा सकता है

इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि आलोचना का तरीका सही हो। एक रिश्ते में गलतियां तो होती रहती हैं। अपने पार्टनर (Partner) की गलतियों को जरूर बताना चाहिए लेकिन ब्लेम गेम नहीं खेलना चाहिए। गलतियां बताने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने पार्टनर (Partner) को नीचा दिखा रहे हैं। बल्कि ऐसा करने से वह अपनी गलतियों को सुधार पाएंगे। जब आप उन्हें उनकी गलती बता रहें होंगे तब उन्हें उनकी अच्छाइयों की ओर भी ध्यान दिलाएं।

प्यार में कहना भी है जरूरी

हमें अपने जीवन साथी को अपनी इच्छाओं, जरूरतों, अपेक्षाओं को खुद से ही बताना चाहिए। बिना बताएं कोई भी बात को समझना बेहद मुश्किल होता है। यह बात सच है कि प्यार में बिना कहें मन की बात को समझा जा सकता है। लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है। मान लिजिए की अगर वह समझ भी जाएं तो वह उसे पूरा करने में असर्मथ हो सकते हैं। आपकी बातें ही हैं जो आपके साथी को बताएंगी कि आप अपने रिश्ते में क्या चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप खुद से अपनी बातों का इज़हार करेंगे तब आपकी इच्छाओं, जरूरतों, अपेक्षाओं को बेहतर ढंग से समझा जाएगा।