अपने बच्चे को जरूर सिखाएं दोस्ती से जुड़ी ये बातें, बनेंगे सच्चे और अच्छे दोस्त

जिंदगी का सबसे मधुर और अनोखा रिश्ता हैं दोस्ती का जो सभी की जिंदगी में होना जरूरी हैं। क्योंकि एक सच्चा दोस्त पुस्तकालय के समान होता हैं जो आपको जीवन में सही-गलत की राह दिखा सकता हैं। किसी के पास दोस्त ना हो तो यह उसे मानसिक परेशानी में डाल देता हैं क्योंकि वह किसी से अपने मन की बातें कह नहीं पाता हैं, खासतौर से बच्चों के साथ यह दिक्कत ज्यादा आती हैं। सोचिए कि यदि बच्चे स्कूल जाएं और वहां उसका कोई दोस्त न हो। ये विषय कई बच्चों के लिए तनाव का कारण भी होता है। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती हैं कि उन्हें दोस्ती का महत्व और दोस्ती करने के तरीकों के बारे में बताया जाए। तो चलिए जानते हैं कि आप अपने बच्चे के लिए नए दोस्त बनाने में मदद कैसे कर सकते हैं।

चीजों को शेयर करना सिखाएं

आप बच्चों को बताएं कि चीजों को आपस में बांटकर लेना एक अच्छे व्यक्ति की निशानी होती है। साथ ही वो शेयरिंग के जरिए भी नए दोस्त बना सकते हैं। वो अपने जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहते हैं, उसके साथ अपनी रबर, पेंसिल और खाना शेयर कर सकते हैं। इससे वो आपके करीब आ सकता है और जल्द ही आपका दोस्त भी बन सकता है।

बोलने का सही तरीका सिखाएं
पेरेंट्स अपने बच्चों को शालीन तरीके से बोलना सिखाएं। उनको बताएं कि अपने क्लासमेट से मिलते समय आप उनसे मिठास के साथ बात करें। इससे उनका रिश्ता क्लासमेट के साथ बेहतर होगा। साथ ही आपका बच्चा जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहता है। उससे रोजाना हाय-हेलो करता रहे। इससे आपके बच्चे की दोस्ती उससे गहरी हो सकती है।

पढ़ाई बनेगो दोस्ती का जरिया

आप अपने बच्चे को पढ़ाई में होशियार बनाएं। आप उनको रोजाना पढ़ाएं और उनकी मदद करने के लिए ओरल और राइटिंग टेस्ट लें। बच्चों को बताएं कि अगर आप पढ़ाई में अच्छे होंगे, तो पूरी क्लास आपसे दोस्ती करना चाहेगी। क्लास के बच्चे आपसे पढ़ाई के लिए सहायता चाहेंगे और आपसे टेक्ट बुक मांगेंगे। ऐसे में आप जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहते हैं, उस क्लासमेट से भी दोस्ती कर सकते हैं।

खेल-खेल में दोस्ती

पेरेंट्स अपने बच्चों को सिखाएं कि जीवन में खेल-कूद का भी महत्व होता है और खेल-खेल में आप दोस्त भी बना सकते हैं। बच्चों को बताएं, आप अपने खेल में सुधार करें, जिससे हर बच्चा आपको अपनी टीम में लेना चाहेगा। उसे समझाएं कि अगर आपका खेल में प्रर्दशन खराब होता है, तो बाकी बच्चे आपको अपनी टीम में लेने से कतराते हैं।

दूसरों की मदद करना सिखाएं

आप अपने बच्चे को सबकी मदद करना सिखाएं। इससे आपका बच्चा एक अच्छा इंसान बनेगा। उसको सिखाएं कि अगर आपका क्लासमेट आपसे पढ़ाई या खेल से संबंधित कोई मदद चाहता है, तो उसकी मदद करें। साथ में उसको साथियों को प्रोत्साहित करना सिखाएं। आप अपने बच्चे को सच्ची दोस्ती से जुड़ी कुछ कहानियां सुना सकते हैं।

परेशान न करें और नीचा न दिखाएं

आजकल सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी दूसरे बच्चों को बुली करना और उन्हें नीचा दिखाने में पीछे नहीं हटते। आपके बच्चे की नींव के लिए ये ठीक नहीं। उसे ये बताएं कि ऐसा करना उसके लिए ठीक नहीं। दोस्ती में कोई अमीर या गरीब नहीं होता। किसी को परेशान करना मानवता नहीं है।

ईमानदार दोस्त बनना सिखाएं

बच्चों को समझाएं कि ईमानदारी दोस्ती के रिश्ते में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप अपने दोस्त से ईमानदारी की उम्मीद रखते हैं, तो आपको भी उस रिश्ते में ईमानदार होने की आवश्यकता है। इसलिए अपने दोस्त की बताई बातों को, अन्य दोस्त के साथ शेयर न करें क्योंकि वो बातें केवल आपके लिए हैं। साथ उनको बताएं कि अपने दोस्त का हर मुश्किल में साथ देना एक अच्छे दोस्त की पहचान होती है।

छोटे-मोटे झगड़े चलते हैं

दोस्ती में नोक-झोंक होती रहती है। छोटे-मोटे झगड़े चलते हैं, इससे दोस्ती तोड़ने की कोई जरुरत नहीं है। कुछ दिन बाद फिर से उन सब चीजों को भुलाकर अच्छे दोस्त मिल जाते हैं। इन छोटे-मोटे रोड़े को अपनी दोस्ती का पत्थर नहीं बनने देते। जब आप अपने बच्चे को ये बताएंगे, तब वो इससे सीख लेकर दोस्ती में वैसा ही करेगा। किसी को अपना दुश्मन नहीं बनेगा।

समय के अनुसार दोस्त बदलते रहते हैं

बहुत कम लोगों के साथ होता है कि जो दोस्त स्कूल में हो वो सारी उम्र ही गहरा दोस्त बना रहे। अक्सर समय के साथ दोस्त बदलते रहते हैं। अपने बच्चे को इसके बारे में बताएं। अक्सर स्कूल बदलने, शहर बदलने पर बच्चों से जब उनके दोस्त बिछड़ते हैं, तो वो बहुत दुखी हो जाते हैं। ऐसे समय पर आपका दायित्व बनता है कि आप उन्हें दोस्ती का ये पाठ अवश्य सिखाएं। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा। वो जीवन की सच्चाई से वाकिफ होंगे।