किसी भी इंसान के व्यवहार और बोलचाल की नींव उसके बचपन में ही पड़ जाती हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि बच्चों को उनके बचपन से ही अच्छी आदतें सिखाई जाए ताकि उनका भविष्य संवर सकें। कई बार तो बच्चों की गलत आदतों की वजह से माता-पिता को भी दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ जाता हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसी आदतों की जानकारी लेकर आए हैं जो पेरेंट्स को अपने बच्चों को जरूर सिखानी चाहिए। इन आदतों से बच्चों का व्यवहार संवरता हैं और उन्हें सभी से तारीफ मिलती हैं। तो आइये जानते हैं इन आदतों के बारे में...
जल्दी सोने-उठने की आदत
अपने बच्चों में एक निश्चित समय पर सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालना बहुत अच्छी बात है। बच्चे समय से सोते हैं और समय से उठते हैं तो उनका माइंड भी दिन भर एक्टिव रहता है। एक्टिव माइंड काफी क्रिएटिव और एनर्जेटिक होता है।
बड़ों का सम्मान
अपने बच्चों को सिखाएं कि वो अपने से बड़ों का सम्मान करें। अपने बड़े भाई-बहन और घर के बुजुर्गों को पलट कर जवाब ना दें। हमेशा सभी से प्यार और विनम्रता से बात करें।
मेहनत करना सिखाएं
यह बात आप और हम बहुत अच्छे से जानते हैं कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता। अच्छा मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना ज़रूरी है और यह आदत आप अपने बच्चों में डालें। उन्हें बचपन से ही मेहनत करना सिखाएं। खुद भी उनके सामने किसी तरह की शॉर्ट कट का प्रयोग ना करें।
किताबें पढ़ने की आदत डालें
जैसा बड़े करते हैं बच्चे भी वैसा ही सीखते हैं। बेशक आपके बच्चे एकदम से किताब पढ़ने की आदत विकसित नहीं कर सकते, इसके लिए आपको उनके सामने खुद किताब पढ़ने की आदत डालनी होगी। आपको देखकर आपके बच्चे भी किताब पढ़ने की हैबिट बनाएंगे।
खुद का काम करना सिखाएं
अपने बच्चों में उनका खुद का काम करने की आदत डालना चाहिए। जिससे आपको भी मदद मिलेगी और वह भी अपने काम के प्रति जिम्मेदार बनेंगे। जैसे उनका बैग उन्हीं से लगवाएं, उनका टिफिन खुद को लगाने दें, उनके जूते चप्पल जगह पर रखने की सीख दें आदि।
समय की कद्र करना सिखाएं
बच्चों को सबसे महत्वपूर्ण बात यह सिखाएं कि समय को बिना वजह यहां-वहां बर्बाद ना करें। अपने समय का सद्उपयोग अच्छे कामों में या फिर कोई चीज़ सीखकर करें।
सॉरी और थैंक्यू बोलना सिखाएं
बहुत से बच्चे थैंक्यू बोलना तो जानते हैं, लेकिन अपनी ग़लती पर उन्हें सॉरी बोलने में शर्म आती है या फिर उन्हें खुद का अपमान महसूस होता है। अगर आप बचपन से ही उनमें सॉरी और थैंक्यू बोलने की आदत डालेंगे तो उनके दिमाग में इस तरह की कोई भी बात नहीं आएगी।