यदि आप नौकरी पर जाते हैं और जीवनसाथी भी कामकाजी है, तो आप यह जानते होंगे कि बुजुर्ग माता-पिता को घर पर छोड़ना कितना जोखिम भरा हो सकता है। जीवन की इस अवस्था में उन्हें देखभाल की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। साथ ही साथ वर्तमान स्थिति को देखते हुए। अब घर की बुजुर्ग पीढ़ी को इंटरनेट के गुर सिखाना जरूरी हो गया है। जानते हैं आखिर क्यों।
सबके साथकदम से कदम मिला सकेंवर्तमान में अगर बुजुर्ग टेक्नोलॉजी से जुड़ेंगे, तो वे भी जरूरी सेवाओं के लिए ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल खुद कर सकेंगे। यह इसलिएभी जरूरी है ताकि वे नयी पीढ़ी को समझ सकें और नए दौर में सबके साथकदम से कदम मिला सकें।
सेंसर्स टेक्नोलॉजीवैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे सेंसर्स इजात किए हैं, जो आपके घर में हो रही हलचल के बूते आप तक जानकारी पहुंचाएंगे। इससे आप अपने घर के बुजुर्गों की खोज-खबर आसानी से प्राप्त कर पाएंगे। बुजुर्ग भी निश्चिंत होकर घर में रह पाएंगे। उदाहरण के लिए यदि कोई बुजुर्ग अपने नियमित समय पर उठकर कॉफी मशीन शुरू नहीं करता, तो यह साधारण बर्ताव की श्रेणी में आएगा और फिर आपको मैसेज के जरिये सूचित किया जाएगा।
मनोरंजन के लिए जरूरीलॉकडाउन के इन दिनों में घर के बुजुर्गों को इंटरनेट, ऑडियो-वीडियो कॉल, यूट्यूब, ऑनलाइन मनोरंजन की दुनिया से परिचित कराएं। ताकि उनका समय बिताने के लिए भी एक जरिया बने और दूसरा उनकी दूसरों पर निर्भरता कम हो। यह काम आप आराम से घर की किशोर पीढ़ी को दे सकती हैं।
जिन्हें पसंद है लिखनाअपने बुजुर्गों का सोशल मीडिया से परिचित कराएं। लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनका पेज और एकाउंट बना दें और उसमें कंटेंट अपलोड करना सिखाएं। आप उन्हें संबंधियों की तसवीरें दिखा कर बताएं कि वह कैसे इन्हें रोज खुद देख सकते हैं। उनका एक ब्लॉग बना सकते हैं, जिस पर वो रोज कुछ लिखें।
वीडियो कालिंग के बारे में बताएंस्मार्टफोन के सभी फीचर्ससे उन्हें परिचित कराएं।ताकि जब उनका मन किसी से वीडियो कॉल करने का या कोई फोटो खींचने का हो, तो वो उसे खुद कर सकें। इस तरह उनके लिए बोरियत कम करने का साधन भी बनेगा। उन्हें उनकी पसंद के पत्र-पत्रिकाओं के ई-वर्जन से परिचित कराएं। सेहत, वर्कआउट से संबंधित वेबसाइट, हेल्पलाइन वगैरह से परिचित कराएं।यह काम इस लॉकडाउन के दौरान ही करें, ताकि कहीं कोई उलझन हो, तो आप उन्हें बता सकें। तकनीक को हैंडल करना उनमें एक नई स्फूर्ति भर देगा।