यूं तो हम जीवन में अनेक रिश्तों की डोर में बंधे होते हैं लेकिन मां और बेटी का रिश्ता सबसे अलग और अनोखा होता है। मां-बेटी का रिश्ता बहुत प्यारा और करीब होता है। मां के लिए बेटी जब छोटी होती है तो बच्ची होती है और जब बड़ी हो जाती है तो एक दोस्त बन जाती है। यह रिश्ता ऐसा होता हैं कि बेटियां अपनी हर बात पिता के बजाय मां के साथ शेयर करती हैं। मां सिर्फ बेटी की परवरिश ही नहीं करती बल्कि सही-गलत की सीख देते हुए उन्हें जीवन में आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करती हैं। ऐसे में आज हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे जो हर मां को अपनी बेटी को सिखानी चाहिए ताकि वह खुद को एक सम्मानित और मजबूत महिला के तौर पर स्थापित कर सके। आइये जानें इनके बारे में...
वह सबसे बेहतर है बेटी को सिखाएं कि वह सबसे बेहतर है और उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है। उसे खुद में विश्वास रखने की सीख दें ताकि किसी भी मुसीबत में वह घबराए नहीं और डटकर सामना करे। जिंदगी में अकसर ऐसे मोड़ आ जाते हैं जहां एक लड़की का आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। यह मोड़ एक रिलेशनशिप में भी हो सकता है या फिर प्रोफेशनल लाइफ में भी हो सकता है। लेकिन अगर आत्मविश्वास रहेगा तो वह हर मुसीबत से लड़कर निकल आएगी।
सुरक्षा की जिम्मेदारीबेटी के बड़े होने पर उसे खुद की सुरक्षा की जिम्मेदारी का अहसास कराएं। जब तक बेटी छोटी होती है मां- बाप और भाई की सुरक्षा मिलती है, लेकिन स्कूल और कॉलेज जाने पर उन्हें खुद अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। अपनी बेटी को बताएं कि खुद की सुरक्षा उनकी पहली जिम्मेदारी है। कोई भी काम करने से पहले अपनी सुरक्षा के बारे में जरूर सोचें।
संभल कर करें दोस्तों का चुनावबच्चे जब कॉलेज लाइफ में जाते हैं तो बहुत सारे दोस्त बनते हैं। ऐसे में एक मां को अपनी बेटी को ये जरूर बताना चाहिए कि अच्छे दोस्तों की परख कैसे करनी होती है। गलत लोगों से दोस्ती उनके लिए नुकसानदायक हो सकती है।
इंसान की परख आपके लिए वही व्यक्ति सही है जो आपकी इज्जत करता है, सम्मान देता है। यह बात बेटी को जरूर बताएं। ऐसे किसी इंसान के लिए अपनी जिंदगी बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं जो न तो आपसे प्यार करता है और न ही आपको सम्मान देता है। बेटी को सिखाएं कि उस इंसान की खुशी से ज्यादा जरूरी उसकी खुद की खुशी और जिंदगी है, जो अनमोल है।
फैसले लेने की आजादी बेटी को पूरी छूट दें कि वह अपने फैसले खुद ले सकें। लेकिन वह फैसला सही है या गलत, इसे लेकर उसे जागरुक करना और समझाना आपकी जिम्मेदारी है। अगर लिया गया फैसला बेटी की नजर में सही है और आपकी नजर में गलत, तो उसे समझाएं और बताएं कि उससे क्या नुकसान हो सकता है। हालांकि बेटी को बोलने का पूरा मौका दें।
आत्मविश्वास बढ़ाएंएक मां को अपनी बेटी को ये एहसास भी दिलाना चाहिए कि वह उस पर कितना विश्वास करती हैं। सही कदम पर बेटी का साथ दें। मुसीबतों का डटकर सामना करने की सीख दें और अपनी परेशानी अपनी मां के साथ जरूर शेयर करें। ऐसा करने से आपकी बेटी कभी कमजोर नहीं पड़ेगी।
खुद की केयर जरूरीघर-परिवार में अन्य लोगों की देखभाल और उनकी लाइफ के अलावा खुद की केयर भी बेहद जरूरी है। बेटी को यह बात समझाएं और बताएं कि बाकी लोगों की देखभाल के साथ-साथ खुद की देखभाल रखना भी कितना जरूरी है।
दोस्त की तरह हर बात शेयर करेंलड़कियां जब बड़ी होने लगती हैं तो कई तरह के शारीरिक बदलाव से गुजरती हैं। ऐसे में एक मां को समय-समय पर अपनी बेटी को इसके बारे में जानकारी देते रहना चाहिए। अपने बेटी से दोस्त जैसा रिश्ता रखें। जिससे वो आपसे अपने क्रश और प्यार को लेकर बात करने में कतराए नहीं। बेटी को एक दोस्त की तरह सही गलत की सलाह देती रहें।