शादी एक पवित्र बंधन हैं जिसे जन्मों-जन्मों का साथ माना जाता हैं। अब ऐसा बंधन सुखमय बीते तो ही आनंद हैं। इसके लिए आपको पहले से ही तैयार होने की जरूरत हैं, खासतौर से पार्टनर से कुछ पहलुओं पर खुलकर बात करने की। इनमे से एक हैं पैसों से जुड़ी भविष्य की प्लानिंग क्योंकि देखा जाता हैं कि शादी के बाद कपल्स में अक्सर पैसों को लेकर मनमुटाव होता है। शादी करने वाले दो लोगों का नजरिया पैसों को लेकर अलग-अलग हो सकता है। ऐसे में शादी से पहले ही दोनों इसपर बात कर लें तो अच्छा हैं। चूंकि आप अपनी बाकी की जिंदगी अपने पार्टनर के साथ बिताने जा रहे हैं, इसलिए भविष्य में परेशानियों से बचने के लिए जल्द से जल्द अपनी-अपनी फाइनैंशल जिम्मेदारियां तय कर लेना जरूरी है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको शादी से पहले ही अपने पार्टनर के साथ किन बातों पर बात कर लेनी चाहिए। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
कैश मैनेजमेंट
खर्च और बचत के बारे में अपने पार्टनर के विचारों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। आपको एक धीमे-मधुर स्वर में बातचीत शुरू करनी चाहिए और अपने पार्टनर को सही या गलत ठहराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इस विषय पर एक दूसरे को अपने-अपने विचारों और अनुभवों के बारे में बताने और कैश मैनेजमेंट के बारे में एक दूसरे के आचरणों की पहचान करने से, आप दोनों को अपने फाइनैंस पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
पैरंट्स ने पैसों के मामले में बचपन से कितनी छूट दी है
अपने पार्टनर से जानने की कोशिश करें कि उनके घर में पैसे को लेकर क्या नजरिया है और वे बचत को कितनी अहमियत देते हैं। उनसे पूछें कि पढ़ाई, लंबे वैकेशंस और बड़े खर्चे कैसे मैनेज किए जाते थे। पैसे को लेकर क्या उनके पैरंट्स ने कोई बड़ी गलती की है? क्या वे वित्तीय रूप से घर के बुजुर्गों का ध्यान दे रहे हैं।इन सभी सवालों के जवाब आप दोनों को एक-दूसरे के फाइनेंशियल बैकग्राउंड को समझने में मदद करेंगे।
खर्च करने की आदतें
खर्च करने से जुड़ी कुछ ऐसी आदतें भी होती हैं जिनके बारे में शादीशुदा जोड़े अपने जीवनसाथी के साथ खुलकर बात नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, जोश में आकर खरीदारी करना या बार-बार रेस्तरां में जाकर खाना खाना। अपने पार्टनर की खर्च करने की आदतों के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी हासिल कर लेने से उनकी आदतों को जल्द से जल्द ठीक करने में मदद मिल सकती है जिससे अंत में एक बेहतर फाइनैंशल फ्यूचर बनाने में योगदान मिल सकता है।
आमदनी और खर्च
अपनी दुलहन या दूल्हे के साथ अपनी फाइनैंशल परिस्थिति के बारे में बात करना जरूरी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन ज्यादा कमाता है, जब तक कि आप दोनों को एक दूसरे की आमदनी और खर्च के बारे में पता नहीं चल जाता है। आपका पार्टनर कितना कमाता है और उसका कितना हिस्सा, खर्च के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, इस बात की जानकारी होने से आपको एक शादीशुदा जोड़ा होने के नाते अपने कम समय और लम्बी समय सीमा वाले लक्ष्यों को बेहतर तरीके से पूरा करने में मदद मिलेगी।
पैसों से जुड़ी भविष्य की प्लानिंग
घर खरीदना, बच्चों की प्लानिंग, रिटायरमेंट और इमरजेंसी फंड - इन चारों मसलों पर खुलकर अपने लाइफ पार्टनर से बात करें। इसके साथ ही शादी के बाद भी अगर पढ़ाई करने का कोई विचार हो तो पहले ही अपनी इच्छा जाहिर कर दें। यह भी जानने की कोशिश करें कि उसकी प्राथमिकता क्या है, बड़ी कार या बच्चों के पढ़ाई के लिए पैसे बचाना। निवेश की प्लानिंग के बारे में भी जरूर पूछिए। हो सकता है कि एकदम आपको कुछ समझ न आए लेकिन उसके व्यवहार व सोच को समझने में आप जरूर कामयाब रहेंगे।
इच्छा सूचीयदि आपने या आपकी पत्नी ने दुनिया की सैर करने, प्रॉपर्टी खरीदने, बच्चे पैदा करने, इत्यादि के बारे में सोच रखा है तो शादी से पहले आपस में इस पर खुलकर बात करना जरूरी है। एक दूसरे की इच्छाओं के बारे में पता होने से आपको इस बात का पता लगाने में आसानी होगी कि भविष्य में आपको इन इच्छाओं को पूरा करने में कितना खर्च आएगा और आपको अपने फाइनैंस को उसी हिसाब से प्लान करने के लिए काफी समय मिलेगा।
लागत का विभाजन
यदि आप और आपकी संभावित पत्नी दोनों नौकरी करते हैं तो आपको यह तय करना होगा कि घर का खर्च कैसे पूरा किया जाएगा। इसके लिए कई बातों को ध्यान में रखना जरूरी है जैसे मकान का किराया, यूटिलिटी बिल, होम अप्लायंस, घरेलू खर्च, इत्यादि। आपको पहले से ही यह तय करके रखना पड़ेगा कि आप दोनों अपने इनकम के आधार पर समानुपातिक तरीके से ये खर्च उठाएंगे या कोई दूसरा तरीका इस्तेमाल करेंगे।
विचारों में अंतर
अपने पार्टनर के साथ उपरोक्त में से कुछ विषयों पर बात करने के बाद, आपको पता चल जाएगा कि पैसे के बारे में आपके पार्टनर की क्या राय है। आप अपने आप समझ जाएंगे कि आप दोनों के विचारों में कोई अंतर है या नहीं। इससे आपको एक ऐसा तरीका ढूंढने में मदद मिलेगा जो आप दोनों के लिए सबसे ज्यादा कारगर साबित हो सके।
शादी और हनीमून के खर्च का भी लें जायजा
अपने पार्टनर को खुल कर बताएं कि आप शादी में होने वाले खर्चों पर क्या सोचते हैं। अगर आप अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा इसमें खर्च करने की सोच रहे हैं तो उसको यह बात जरूर बताएं। शादी से जुड़ी ज्यादातर दिक्कतें ईमानदारी से जवाब और खुली बातचीत से ही सुलझ जाती हैं। लिहाजा पैसों से संबंधित अपनी ख्वाहिश और दायरों के बारे में होने वाले पार्टनर को बेहिचक बताएं।