क्या आपका पार्टनर कर रहा हैं तनाव का सामना, इस तरह दें उनका साथ

रिलेशनशिप में आने का मतलब यह नहीं होता कि आप रिश्ते को सिर्फ नाम दें, बल्कि इसे निभाना भी होता हैं। जहां आप पार्टनर के सुख में साथ देते हैं वहीँ आपको उनके बुरे समय में भी साथ खड़ा रहना होता हैं। आज के इस समय में तनाव लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका हैं जो कई बार डिप्रेशन का भी कारण बन जाता हैं। ऐसे समय में आपको अपने पार्टनर का साथ देते हुए उन्हें तनाव से निकालने की जरूरत होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से पार्टनर का तनाव कम किया जा सकता हैं। चलिए जानते हैं उन टिप्स के बारे में...

पहले जानें क्या उन्हें आपकी जरूरत है?

अगर आपका साथी स्ट्रेस से जूझ रहा है, तो सबसे पहले यह जानने की कोशिश करें कि आपके साथी को क्या चाहिए? यह जानें क्या उन्हें अभी किसी के साथ की जरूरत है? क्योंकि कभी-कभी स्ट्रेस में व्यक्ति अकेला रहना चाहता है, ऐसे में अगर आप उनके पास जाकर बार-बार सवाल करते हैं, तो व्यक्ति आप ज्यादा परेशान होने लगता है। ऐसी स्थिति में अपने साथी को कुछ समय के लिए अकेला छोड़ दें। हां, लेकिन उनके आसपास रहें और उनकी एक्टिविटी पर जरूर ध्यान देते रहें। उन्हें बिल्कुल अकेला न छोड़ें। बस उनके पास से हट जाएं और उनकी निगरानी करते रहें।

जज करने से पहले एक बार बात सुनें

अगर आपका पार्टनर किसी बात को लेकर तनाव में है तो उन्हें जज करने से पहले एक बार उनसे बात करके उनका मन भी जान लें। इससे आप दोनों ही स्थिति से निकलने का एक बेहतर तरीका ढूंढ पाएंगे। पार्टनर को तनाव की स्थिति से बाहर लाने के लिए सबसे पहले आपको एक अच्छा लिस्टनर बनना पड़ेगा। कब तक आप उनकी बात सुनेंगे नहीं तब तक आप किसी भी परेशानी का सही से हल नहीं निकाल पाएंगे।

पार्टनर की बातों से आहत न हों

कभी-कभी इंसान गुस्से में या स्ट्रेस में सामने वाले को बुरा भला कह देता है। इसलिए जब भी आपका पार्टनर स्ट्रेस में हो और आपको कुछ बुरा-भला कहे, तो उनकी बातों का बुरा मानकर उन्हें छोड़े नहीं, बल्कि उनका साथ दें। स्ट्रेस में कही बातों को दिल पर लेने से रिश्ता खराब हो सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में एक समझदार व्यक्ति का परिचय देकर अपने साथी से बात करें और उन्हें समझें।

पार्टनर के काम में बंटाएं हाथ

स्ट्रेस या डिप्रेशन में व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता पर असर पड़ने लगता है। इस वजह से वह काम के दौरान चिड़चिड़े हो जाते हैं। अगर आपके साथ भी यही परिस्थिति है, तो जितना हो सके उतना अपने पार्टनर के काम में हाथ बंटाएं।

छोटी-छोटी चीजों से हल होती है परेशानी

कई बार आपका पार्टनर यह व्यक्त नहीं करता कि वास्तव में उनके दिमाग या दिल में क्या चल रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें बेहतर महसूस कराने के लिए कुछ भी पूछना या कुछ भी करना बंद कर दें। आकस्मिक रूप से चीजों को लेने के बजाय जब आपका पार्टनर आपको ये नहीं बता रहा है कि उन्हें क्या परेशान कर रहा है तो यहां आपको चीजें अपने हाथों में लेने की जरूरत है और हर दिन छोटे कदम उठाकर उन्हें दिखाएं कि आप उनकी परवाह करते हैं। आप उनके भार का मुकाबला करने में मदद करना चाहते हैं। किसी भी तरह से उनके प्रति अपनी देखभाल व्यक्त करना विभिन्न तरीकों से प्रभावशाली हो सकता है।

डीप ब्रीथिंग कराएं या टहलने जाएं

जब भी आपके पार्टनर का स्ट्रेस बढ़ जाए, तो उन्हें डीप ब्रीथिंग करने के लिए कहें। करीब 5 मिनट तक डीप ब्रीथिंग लेने से हृदय की गति धीमी हो जाती है, ऐसे में काफी हद तक स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। स्ट्रेस से जूझ रहे व्यक्ति के लिए शारीरिक एक्टिविटी बहुत ही जरूरी है। अगर आपका पार्टनर अकेले घूमने या फिर अन्य एक्टिविटी नहीं कर रहा है, तो आप भी उनके साथ घूमने जाएं। उनके साथ टहलें। ऐसा करने से वे अपने दिमाग से ज्यादा शरीर पर ध्यान देंगे। इससे स्ट्रेस को कम किया जा सकता है।

नए जीवन और रुचियों को प्रोत्साहित करें

आप जो कुछ भी करते हैं उससे अगर आपके पार्टनर की स्थिति में कोई फर्क नहीं पड़ता है, तो आपको उन्हें दोस्त बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। अन्य लोगों से मिलना हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और जिस तरह से हम अपने जीवन और परिस्थितियों को देख रहे हैं, उसपर तो इसका और अधिक असर पड़ता है। व्यक्तिगत स्थान और स्वतंत्रता उन्हें स्पष्टता दे सकती है कि वे वास्तव में क्या चाहते हैं और चुनौतियों को हल करने के नए तरीके।