बेहतरीन बॉस वही जो सहकर्मियों को करे प्रेरित, ऐसा बनने के लिए जरूरी हैं ये एबिलिटीज

टीम लीडर ऐसा होना चाहिए जो अपने सहकर्मियों को प्रेरित करे। अगर आप भी बेहतरीन टीम लीडर बनना चाहते हैं तो आपको यह हुनर सीखना होगा। अच्छा नेतृत्व कौशल न सिर्फ टीम कार्यक्षमता बढ़ाता है बल्कि इससे सहकर्मियों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।


सहन करने की शक्ति

एक नेतृत्वकर्ता की राह में कई तरह की अस्थिरता, जटिलताएं एवं विरोध होते हैं। इन दबावों के बीच रहते सही ढंग से कार्य करने के लिए अत्यधिक सहनशक्ति की आवश्यकता होती है। नेतृत्व करने वाले व्यक्ति में सहनशीलता का गुण होता है। सहन के साथ शक्ति शब्द लगा हुआ है, इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति आन्तरिक शक्ति, सहनशक्ति के द्वारा ही ख़राब परिस्थितियों तथा अत्यधिक दबाव को झेलने के योग्य बनता है। नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को बहुत-सी भिन्न-भिन्न परिस्थितियों को एक साथ संभालना पड़ता है।

इसके लिए उसे अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते हैं जिनके लिए वह स्वयं पूर्ण रूप से ज़िम्मेदार होता है। वह बिना आहत हुए अपनी आलोचना स्वीकार करता है तथा आलोचना सुनकर भारी महसूस नहीं करता। लेकिन जैसे ही नेतृत्व करने वाला व्यक्ति अपनी सहनशक्ति छोड़ देता है वैसे ही उसकी साख गिर जाती है। ऐसी स्थिति में दूसरे व्यक्ति उसके पीछे चलना छोड़ देते हैं। इसलिए अच्छे नेतृत्वकर्ता के लिए सहनशक्ति का होना बहुत ज़रूरी है।

दूसरे शब्दों में सहनशक्ति का अर्थ है कि अंत तक अपना श्रेष्ठ योगदान देते रहना। निंदा-स्तुति को समान भाव से ग्रहण करना सहनशक्ति है। सहनशक्ति की प्राप्ति का आधार प्रेम है। प्रेम के आधार पर ही नेतृत्व करने वाला व्यक्ति लोगों के दिल जीत सकता है और बदले में लोग सदा उसे हर तरह का सहयोग देने के लिए प्रस्तुत रहते हैं।


परखने की शक्ति

सही-ग़लत, सत्य-अर्धसत्य, लाभ और हानि की परख करने की शक्ति या योग्यता का होना एक अच्छे बॉस या नेतृत्वकर्ता में बहुत ही आवश्यक है। परख शक्ति का होना इतना ज़रूरी इसलिए भी है क्योंकि जो निर्णय नेतृत्वकर्ता को लेना है उससे अनेक व्यक्ति प्रभावित होते हैं। यदि उसमें परख-शक्ति का अभाव हो तथा सही परख न कर सकने के कारण वह ग़लत मार्ग चुन ले तो इसके नतीजे बहुत ही भयानक होते हैं।

सही परख-शक्ति के लिए एक शक्तिशाली सूचना प्रणाली की व्यवस्था बहुत ज़रूरी है, जिसका कार्य सूचनाओं को एकत्रित करके उनका चयन, विश्लेषण, संश्लेषण (मिलाना), प्राथमिकता का निर्धारण और मूल्यांकन करना होता है। परखने की शक्ति के द्वारा व्यक्ति एक बहुत अच्छी मूल्यांकन प्रणाली विकसित करता है।


निर्णय करने की शक्ति

नेतृत्व करने वाले व्यक्ति का एक अन्य बहुत महत्वपूर्ण कार्य निर्णय लेने का होता है। वह सदा ऐसी परिस्थितियों में रहता है जहां से उसे आगे बढ़ने का निर्णय करना पड़ता है। निर्णय शक्ति से आशय केवल सही और ग़लत को परखना ही नहीं है लेकिन अपने सामने मौजूद अनेक विकल्पों में से श्रेष्ठतम को चुनने का निर्णय लेना होता है।

निर्णय लेते समय वह अपनी कल्पना, दूर-दृष्टि और रचनात्मकता का प्रयोग करके भविष्य के लिए एक शक्तिशाली कार्य योजना का निर्माण करता है। अनेक उपलब्ध विकल्पों में से किसी एक को चुनना निर्णय शक्ति द्वारा ही सम्भव होता है। व्यक्ति अपने पूर्व के अनुभवों के आधार पर भविष्य के लिए एक कार्य योजना बनाता है और उसे लागू भी करता है।

सामान्यतया अनेक में से एक को चुनना कठिन कार्य होता है क्योंकि एक को चुनने के लिए शेष सब को छोड़ना होता है। अनेक बार तुरन्त निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। इसलिए निर्णय शक्त के लिए विचारों की स्पष्टता और यथार्थता बहुत ज़रूरी है। कहने का मतलब यह है कि सही निर्णय लेने के लिए परख शक्ति का होना वैसे ही है जैसे जांच-पड़ताल के पश्चात् सच्चाई का फ़ैसला करना।

नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को कोई भी निर्णय लेने से पहले बात की तह तक पहुंचने के लिए उसकी खोजबीन, विश्लेषण, संश्लेषण और समझना आवश्यक है। इसलिए किसी भी मामले के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए। यह नहीं होना चाहिए कि कुछ करने के बाद व्यक्ति सोचे, क्योंकि बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मन की स्पष्टता बहुत ज़रूरी है।