बच्चों की खुशी के लिए पेरेंट्स क्या कुछ नहीं करते हैं। वे अपने बच्चों को हर वह चीज लाकर देते हैं जिससे उनके चेहरे पर मुस्कान आए। बच्चे भी अपने पेरेंट्स से बहुत प्यार करते हैं और उनकी हर बात मानते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं और उनमें समझ आने लगती हैं। हर अभिभावक को इस बात का डर रहता है कि इस बढती उम्र में उनका बच्चा बिगड़े नहीं। क्योंकि बड़े होने के साथ कई कांटेक्ट बढ़ते हैं और कई गलत संगत की ओर उनका रूझान बढ़ने लगता हैं। बड़े होते बच्चे गलत बातें भी सीखने लगते हैं जिससे उनके बर्ताव में बदलाव होने लगता है। कई बार बच्चे अपशब्द भी सीख जाते हैं। ऐसे में समय रहते पेरेंट्स को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दर्शाते हैं कि आपका लाडला हाथ से निकलने लगा हैं।
गलत भाषा बोले बच्चा
बच्चों पर उनके आसपास के माहौल का असर जल्दी पड़ता है। बच्चे कई बार कुछ बातें सिर्फ देखकर सीख जाते हैं। बच्चों ने कभी किसी को गाली देते सुना हो तो वह भी गाली गलौज करना सीख जाते हैं। वह गाली देने लगते हैं या गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बात करते हैं। आप अपने बच्चे की भाषा पर जरूर ध्यान दें। अगर बच्चा गाली देने लगे तो उसे तुरंत टोक दें और सही गलत का फर्क बताएं। ये भी जानने का प्रयास करें कि बच्चे न कहां से इस तरह की भाषा सीखी है।
हर बात पर जिद करना
कहीं बाहर जाने पर बच्चा एकदम रोना, किसी चीज को खरीदने के लिए अड़ जाना, अगर बच्चे के मन की बात पूरी ना हुई तो वो टैंट्रम करें या फिर वो चिल्लाएं और रोना धोना मचा दें तब आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चा जिद्दी हो गया है। बच्चो को ना सुनने की आदत होनी चाहिए। हर चीज मान ली जाए तो ये आदत नहीं बन पाती है। इससे बच्चों को आगे चलकर समस्या भी होती है क्योंकि असल जिंदगी में आपकी हर बात पूरी ही हो जाए ये जरूरी नहीं है।
अगर चुराने लगे पैसे
बच्चों की हर जरूरतों का ख्याल पैरेंट्स रखते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि, बच्चे किसी चीज को खरीदने के लिए पैरेंट्स से कहने के बजाय पैसे चुराने लगते हैं। ये आदत बच्चे दूसरे बच्चों से सीखते हैं। ऐसे में बच्चों के दोस्तों की संगती कैसी है इस पर ध्यान दें।
आपको उल्टा जवाब देना
माता-पिता की बातें सुनने की आदत बच्चों को होनी चाहिए। बच्चा अगर आपकी बातें नहीं सुन रहा है और सिर्फ अपनी मर्जी चला रहा है तो अच्छा नहीं है। छोटी से छोटी चीज में इसे देखा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपने बच्चे को आइसक्रीम खाने से मना किया है फिर भी वो चोरी छिपे जाकर वो खा ले तो ये गलत है।
बच्चा करे लड़ाई-झगड़ा
परिवार में बच्चों के बीच झगड़ा होना आम बात है लेकिन अगर अक्सर बच्चा अपने बड़े-छोटे भाई और बहन से लड़ाई या मारपीट करता हो, इसके अलावा वह आए दिन पड़ोस के बच्चों से लड़ाई करके आता हो, स्कूल से उसके झगड़े की शिकायत आएं तो आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चा बिगड़ रहा है। आपका बच्चा अपने मन मुताबिक रहना चाहता है, इसलिए दूसरे बच्चों पर हुक्म चलाता है और बिगड़ रहा है। उसके इस तरह के बर्ताव की वजह जानें और सुधारने का प्रयास करें।
दूसरों की फीलिंग्स की कद्र ना करना
बच्चे काफी इंप्रेशनेबल होते हैं और आपकी छोटी-छोटी चीजों को समझ जाते हैं। पर अगर आप उन्हें दूसरों की फीलिंग्स की कद्र करना नहीं सिखाएंगे तो ये सही नहीं होगा। आपके बच्चे को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उसकी वजह से किसी और को तकलीफ हो रही है या नहीं तो ये गलत है। बच्चे को ये समझना चाहिए कि चाहे कोई दोस्त हो, चाहे कोई बड़ा, चाहे कोई जानवर ही क्यों ना हो उसकी वजह से दूसरों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।