इन सीख की मदद से अपनी बेटी को बनाए जिम्मेदार, जीवन में भरेगी ऊंची उड़ान

पेरेंट्स अपने बच्चों को उनके मुताबिक सीख देते हैं जो उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने का काम करती हैं। हांलाकि लड़का हो या लड़की पेरेंट्स के लिए दोनों बराबर होते हैं। लेकिन देखा जाता हैं लड़कियां अक्सर लड़कों से जल्दी समझदार हो जाती हैं। पेरेंट्स अपनी बेटी को इस कदर तैयार करना चाहते हैं कि वह खुद को मजबूती से स्थापित कर सकें और जीवन में ऊंची उड़ान भर सकें। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसकी सीख अपनी बेटी को जरूर देनी चाहिए। मां के लिए सबसे अच्छी दोस्त बेटियां ही साबित होती हैं। आप भी चाहती हैं कि आपकी बेटी जीवन में ऊंची उड़ान भरे तो उसे जिम्मेदार बनाने के लिए ये बातें जरूर सिखाएं।

फैसले लेने की समझ

बेटी को पूरी छूट दें कि वह अपने फैसले खुद ले सकें। लेकिन वह फैसला सही है या गलत, इसे लेकर उसे जागरुक करना और समझाना आपकी जिम्मेदारी है। अगर लिया गया फैसला बेटी की नजर में सही है और आपकी नजर में गलत, तो उसे समझाएं और बताएं कि उससे क्या नुकसान हो सकता है। हालांकि बेटी को बोलने का पूरा मौका दें।

दोस्तों के चुनाव पर करें बात

कॉलेज लाइफ के दौरान ही दूसरों से दोस्ती होती है। ऐसे में बेटी को यह जरूर बताएं कि लाइफ में अच्छे दोस्तों की परख कैसे की जाती है। उसे बताएं कि गलत दोस्त का चुनाव कितना नुक्सान पहुंचा सकता है। उसे दोस्तों का चुनाव संभलकर करने को कहें और उस संबंधी व्यवहार के बारे में भी बताएं। आपके लिए वही व्यक्ति सही है जो आपकी इज्जत करता है, सम्मान देता है। यह बात बेटी को जरूर बताएं। ऐसे किसी इंसान के लिए अपनी जिंदगी बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं जो न तो आपसे प्यार करता है और न ही आपको सम्मान देता है। बेटी को सिखाएं कि उस इंसान की खुशी से ज्यादा जरूरी उसकी खुद की खुशी और जिंदगी है, जो अनमोल है।

आत्मनिर्भरता का विकास


किशोरावस्था एक ऐसा समय होता है जब बच्चों को समय-समय पर मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है। अपनी बेटी में आत्मनिर्भरता का विकास करने के लिए आप उसको अपने काम खुद करने की आदत डालें। चीज़ों को व्यवस्तिथ करने का तरीका सिखाएं। उसके अपने होमवर्क और रिवीजन खुद से करने की आदत होनी चाहिए। अपने जीवन में किस काम को प्राथमिकता देनी है इस बात की समझ पैदा करें। बेटी को यह अहसास जरूर दिलाएं कि आप उस पर कितना विश्वास करती हैं। उसे बताएं कि हर सही कदम पर आप उसके साथ हैं। विफलता में कभी भी खुद को कमजोर न पड़ने दे बल्कि फिर से प्रयास करने की सीख दें। किसी परेशानी में पड़े तो परिवार को और खासकर मां को जरूर बताए। हर कदम पर उसका मनोबल बढ़ाएं।

सामाजिक गुणों का विकास

एक पेरेंट्स होने के नाते यह आपका कर्तव्य है कि आप अपने बच्चों को समाज के प्रति जिम्मेदार बनाएं उनमें कुछ बेसिक गुणों का विकास करें। अगर आपकी बेटी आपके घर आए किसी नए मेहमान से मिले तो उसके बात करने का तरीका तहज़ीब भरा हो। अगर आप किसी रेस्टॉरेंट में जाए तो वहां पर कुछ ऑर्डर करने से लेकर फ़ीडबैक देने तक का सही ढ़ंग से आपकी बेटी को पता होना चाहिए। उसके इन्हीं तरीकों दूसरे लोगों को उसकी सभ्यता का अंदाज़ा हो जाता है।

भावनाएं व्यक्त करने का सही ढ़ंग


हम सभी जानते हैं कि किशोरावस्था में कदम रखते ही बच्चों के वयवहार में बहुत से बदलाव आने लगते हैं और कितनी बार बच्चे बिना कुछ सोचे समझे अपने बड़ों को जबाव देने लगते हैं। अगर ऐसे ही लक्षण आपकी बेटी में नज़र आ रही हैं तो आपको उसे संभलना होगा और उसको इस बात की समझ देनी होगी कि कब और कैसे वह अपनी ग़ुस्से व नाराज़गी के भावों को व्यक्त करें। उसमें अपनी गलतियों को स्वीकार करने की हिम्मत होनी चाहिए। उसको इस बात की अच्छे से समझ होनी चाहिए कि उसके कारण कोई इंसान बेवज़ह दुखी न हो।