रिलेशनशिप की मजबूती आपके एक-दूसरे के भरोसे पर ही टिकी होती हैं और यही इसे मजबूत बनाने का काम करता हैं। लेकिन जब यह भरोसा टूटता हैं तो रिश्ता भी खत्म हो जाता हैं लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं हैं कि पार्टनर की हर बात पर शक किया जाए। जी हां, कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने पार्टनर के हर काम पर शक की सुई घुमा देते हैं जिसकी वजह से यहाँ एक बंधन जैसा लगने लगता हैं और प्यार खोने लगता हैं। ऐसे रिश्ते कई बार प्यार होने के बावजूद बहुत लंबे समय तक नहीं टिकते हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने शक्की पार्टनर को समझा सकते हैं और रिश्तों में मधुरता ला सकते हैं।
समझाएं अपनी बात
फोन पर बिजी होने पर किसी और से बात करने का शक करना, ऑनलाइन रहने पर किसी और से चैटिंग का शक करना, घर से बाहर रहने पर आपकी वफादारी पर शक करना आदि कुछ ऐसी आदतें हैं, जो अक्सर आजकल के कपल्स में पाई जाती हैं। बात अगर सिर्फ इतनी है, तो ज्यादा मुश्किल नहीं होती। मगर कई बार पार्टनर इस शक के कारण आपको मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान करने लगते हैं। हर समय शक करना और इस बात का दबाव बनाना कि आप जो कुछ करें, उन्हें बता कर करें, बहुत गलत व्यवहार है। ऐसा होने पर सबसे पहला कदम यह है कि आप अपने पार्टनर को समझाने की कोशिश करें। उन्हें समझाएं कि उन्हें आप पर विश्वास रखना चाहिए।
पर्सनल स्पेस की करें मांग
अगर पार्टनर का शक्की स्वभाव आपके लिए बोझ बन गया है और आपको रिश्ते में घुटन होने लगी है, तो एक बार अपने पार्टनर से साफ-साफ बात करें और पर्सनल स्पेस की मांग करें। ये बातें फिल्मों में और प्यार के शुरुआती दिनों में अच्छी लगती हैं कि हम 2 जिस्म 1 जान हैं। असल जिंदगी में आप दोनों का अपना अलग-अलग अस्तित्व है और दोनों की अलग-अलग जिंदगियां हैं। दोनों ही इंसानों को अपना अलग पर्सनल स्पेस चाहिए। इसलिए पार्टनर से बात करें कि वो निजी जिंदगी से जुड़ी चीजों को बदलने की बात न करें।
आपकी चॉइस की अहमियत समझाएं
कई बार लव पार्टनर्स का नेचर इतना डॉमिनेटिंग होता है कि वो हर चीज में अपने फैसले को ही आगे रखना चाहते हैं। खर्चों की बात हो, घूमने की बात हो, चॉइस का रेस्टोरेंट हो या ड्रेसेज हों, कई पार्टनर हर बात में अपना फैसला हावी रखते हैं। छोटे कपड़े मत पहनो, फलां दोस्त का साथ छोड़ दो, फलां जगह मत जाया करो या फलां से मत मिला करो... आदि ऐसी बातें हैं, जिनका आपके पार्टनर से कोई वास्ता नहीं होना चाहिए। आपकी निजी जिंदगी से जुड़े फैसले आपको ही करने चाहिए। इसलिए अपने पार्टनर को समझाएं कि आपकी चॉइस की अहमियत को समझें और जहां जरूरी हो, सिर्फ वहीं आपको सलाह दें।
काउंसलर की लें मदद
शादी-शुदा रिश्तों में भी अक्सर डॉमिनेटिंग पार्टनर देखे जाते हैं, यानी पति या पत्नी में से कोई एक घर में इतना हावी होता है कि उसे ही सारे फैसले करने की इजाजत होती है। ऐसे रिश्ते में मुश्किल ये होती है कि आप अपनी चॉइस से रिश्ता तोड़ भी नहीं सकते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में आप काउंसलर की मदद लें।
हद से ज्यादा बढ़े बात तो क्या करें
अगर आपके पार्टनर के शक्की स्वभाव या डॉमिनेटिंग नेचर की वजह से आपको मानसिक कष्ट हो रहा है या वो आपको शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो ऐसे रिश्ते को तोड़ लेना ही बेहतर है। सबसे पहले पार्टनर के दोस्तों, अपने मां-बाप या उनके करीबियों की मदद लें और उन्हें समझाने की कोशिश करें। अगर बात शादी-शुदा रिश्ते की है और आप पर किसी शक के चलते शारीरिक हमला किया जा रहा है, तो पुलिस की मदद लें।