Ramadan 2022: खुशियां नसीब हों, जन्नत करीब हो..., शुरू होने वाला है पाक महीना, दोस्तों को भेजे ये खास Whatsapp मैसेज, शायरी

2 अप्रैल 2022 से रमज़ान का महीना शुरू होने जा रहा है और इसका समापन 2 मई को होने वाला है। रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे पाक महीना माना जाता है। इस महीने में खुदा की इबादत की जाती है और रोजा रखा जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इस पवित्र रमज़ान की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है। मुस्लिम समुदाय के जानकारों के अनुसार 7 साल की उम्र के बाद व्यक्ति रोजे रख सकता है। रमजान के ठीक 30 दिन के बाद चांद का दीदार कर ईद का त्योहार मनाया जाता है। रमजान का चांद दिखने के बाद लोग एक-दूसरे को मैसेजेज, कोट्स और फोटोज (Ramadan Mubarak 2022 Wishes) के जरिये शुभकामनाएं देते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए भी रमज़ान का यह पाक त्यौहार मनाने के लिए और अपनों को और भी खुशियां देने के लिए कुछ खास संदेश लेकर आये है।

तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का
मक्का और मदीना की जियारत नसीब हो
आप सभी को माहे रमजान 2022 मुबारक हो।

होंठों पे न कभी कोई शिकवा चाहिए
बस निगाह-ए-करम और दुआ चाहिए
चांद तारों की तमन्ना नहीं मुझको
आप रहें सलामत खुदा से यही दुआ करते हैं
आप सभी को माहे रमजान 2022 मुबारक हो।

ये सुबह जितनी खूबसूरत है,
उतना ही खूबसूरत आपका हर एक पल हो,
जितनी भी खुशियां आपके पास आज हैं,
उससे भी ज्यादा वो आपके पास कल हों
आप सभी को माहे रमजान 2022 मुबारक हो।

रमजान लेकर आया है,
दुआओं की झोली में, खुदा के अल्फ़ाज़,
दिल से अल्लाह को याद करो,
और पढ़ते रहिए नमाज़,
रमज़ान की दिली मुबारकबाद
आप सभी को माहे रमजान 2022 मुबारक हो।

खुशियां नसीब हों, जन्नत करीब हो
तू चाहे जिसे, वो तेरे करीब हो
इस तरह हो रह करम अल्लाह का
मक्का और मदीना की तुझे जियारत नसीब हो
रमजान मुबारक-2022

न रहेगा ये सदा
कुछ ही दिन का मेहमान है
रहमत से भर लो झोलियां
गुजर रहा माह-ए-रमजान है।
रमजान मुबारक

रमजान लेकर आया है
दुआओं की झोली में सच के अल्फाज
दिल से अल्लाह को याद करे
और पढ़ते रहो नमाज
रमजान मुबारक

रमजान का मुबारक महीना
अल्लाह की इबादत का महीना
मोहब्बत उस मबूद की
अहमियत उस खुदाई इल्म की
यही है राह-ए-ए-खुदाई का महीना

सूरज की किरणें, तारों की बहार
चांद की चांदनी, अपनों का प्यार
हर घड़ी हो खुशहाल
आपको रमजान मुबारक

ऐ माह-ए-रमजान आहिस्ता चल अभी काफी कर्ज चुकाना है
अल्लाह को करना है राजी और गुनाहों को मिटाना है
ख्वाबों को लिखना है और रब को मनाना है
रमजान मुबारक

चांद-सूरज और ये तारे
कहने आए हैं तुमको सारे
रमजान में रोजे की मांगों दुआ
और समझो हर सपना है पूरा हुआ
रमजान मुबारक

आपको हजारों खुशियां नसीब हों
और आपको तमाम इबादत मकबूल और मंजूर हो
अल्लाह हम सबपे अपना फजल कायम करे
रमजान मुबारक

रमजान का चांद देखा
रोजे की दुआ मांगी
रोशन सितारा देखा
आपकी खैरियक की दुआ मांगी
रमजान मुबारक

होठों पे न कभी कोई शिकवा चाहिए,
बस निगाह-ए-करम और दुआ चाहिए,
चांद तारों की तमन्ना नहीं मुझको,
आप रहें सलामत खुदा से यही खैरात चाहिए!
रमजान मुबारक