Father's Day Special : आपके पिता के दिल को छू जाएगी ये कविताएं

कहते हैं कि पिता वह छांव होता है जिसके तले सारा परिवार खुशी के साथ जीवन व्यतीत करता है। पिता ही हैं जो अपनी हर तंगहाली में हमारी जरूरतों को पूरा करते हैं। अपने होते हुए हमें किसी भी कमी का एहसास होने नहीं देते। इस साल पितृ दिवस 21 जून को है। इस खास मौके पर हम लाए हैं पिता दिवस पर टॉप 5 कविताएं जिन्हें आप अपने पिता को भेजकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त कर सकते हैं। तो आप भी भेजिए फादर्स डे पर ये बेहतरीन कविताएं-

* माँ घर का गौरव तो पिता घर का अस्तित्व होते हैं,
माँ के पास अश्रुधारा तो पिता के पास संयम होता है,
दोनों समय का भोजन माँ बनाती है
तो जीवन भर भोजन की व्यवस्था करने वाले पिता होते हैं
कभी चोट लगे तो मुंह से 'ओह माँ' निकलता है
रास्ता पार करते वक़्त कोई ट्रक पास आकर ब्रेक लगाये तो 'बाप रे' ही निकलता है
क्यूं कि छोटे छोटे संकट के लिये माँ याद आती है
मगर बड़े संकट के वक़्त पिता याद आते हैं.
पिता एक वट वृक्ष है जिसकी शीतल छांव में, सम्पूर्ण परिवार सुख से रहता है।

* कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता,
जन्म दिया है अगर माँ ने,
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता,
कभी कंधे पे बिठा के मेला दिखाता है पिता,
कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता,
माँ अगर पैरों पर चलना सिखाती है,
पैरों पर खड़ा होना सिखाता है पिता।

* एक बचपन का ज़माना था,
जिस में खुशियों का खजाना था,
चाहत चाँद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दीवाना था,
खबर ना थी कुछ सुबहा की,
ना शाम का कोई ठिकाना था,
थक कर आना स्कूल से,
पर खेलने भी जाना था,
माँ की कहानी थी,
परियों का फ़साना था,
बारिश में कागज की नाव थी,
हर मौसम सुहाना था,
रोने की कोई वजह ना थी,
और मैं अपने पापा का दीवाना था।


* आज भी वो प्यारी मुस्कान याद आती है,
जो मेरी शरारतों से मेरे पापा के चेहरे पर खिल जाती थी,
अपने कन्धों पर बैठा के वो मुझे दुनिया की सैर कराते थे,
जहाँ भी जाते मेरे लिए ढेर सारे तोहफे लाते थे,
मेरे हर जन्मदिन पर वो मुझे साथ मंदिर ले जाते थे,
मेरे result का बखान पूरी दुनिया में कर जाते थे,
मेरे जिंदगी के सारे सपने उनकी आँखों में पल रहे थे,
मेरे लिए खुशियों का आशियाना वो हर पल बन रहे थे,
मेरे सपने उनके साथ चले गये मेरे पापा मुझे छोड़ गये,
अब आँखों में शरारतें नहीं बस आँसू ही दीखते हैं।

* मेरा साहस मेरा सम्मान है पिता,
मेरी ताकत मेरी पुंजी मेरी पहचान है पिता,
घर की एक-एक ईट में शामिल उनका खून-पसीना,
सारे घर की रौनक उनसे सारे घर की शान पिता,
मेरी इज्जत मेरी मेरी शौहरत मेरा रूतबा मेरा मान है पिता,
मुझको हिम्मत देने वाले मेरा अभिमान है पिता,
सारे रिश्ते उनके दम से सारे नाते उनसे है,
सारे घर की दिल की धड्कन सारे घर की जान है पिता,
शायद रब ने दे कर भेजा फल ये अच्छे कर्मों का,
उसकी रहमत उसकी नेअमत उसका है वरदान पिता।