पेरेंट्स ना करें बच्चों में भेदभाव करने की गलती, जानें किस तरह पड़ता हैं नकारात्मक प्रभाव


पेरेंट्स अपने बच्चों से समान प्यार करते हैं। लेकिन कई बार उनके फैसले ऐसे हो जाते हैं जो दिखाते हैं कि आप बच्चों में भेदभाव कर रहे हैं। हो सकता है ये बात सुनकर आपको दुख हुआ हो लेकिन ये एक कड़वा सच है। न चाहते हुए भी कई बार दो बच्चों के बीच भेदभाव हो ही जाता हैं जिसका अहसास बाद में होता हैं। लेकिन बच्चों पर इसका असर बहुत नकारात्मक पड़ता हैं। अगर समय रहते आपको यह अहसास नहीं होता हैं तो आगे चलकर यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता हैं। इससे बच्चों में कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं...

बच्चों में अवसाद

माता-पिता जब किसी एक बच्चे के साथ भेदभाव करते हैं तो, दूसरे बच्चे के मन में काफी असहज भावनाएं उत्पन्न होने लगती है। वह अपने परिवार से खुद को दूर महसूस करने लगते हैं। साथ ही अवसाद से घिर जाते हैं और कभी तो ये स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि वह किसी से भी बात तक करना बंद कर देते हैं। साथ ही आत्महत्या तक का प्रयास भी करते हैं। इसलिए बच्चों के कोमल मन का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

अकेलेपन की भावना

यदि आप अपने छोटे बच्चे पर ही अपना सारा ध्यान केंद्रित कर देंगे, तो आपके बड़े बच्चे के अंदर अकेलेपन की भावना घर कर जाएगी। उसे लगेगा कि अब आप उसे अधिक प्यार नहीं करते हैं। उससे भेदभाव करते हैं। आपके दो बच्चे हों या चार, कभी भी किसी के बीच भेदभाव ना करें। एक को अच्छा, एक को बदमाश या बुरा ना बताएं। इससे वे स्ट्रेस में आ सकते हैं। हीन भावना से घिर सकते हैं। परिवार से खुद को दूर समझने लगते हैं। आपके लिए आपके सभी बच्चे एक समान होने चाहिए।

चिड़चिड़ापन और बदतमीजी

बच्चों के बीच भेदभाव करने के कारण एक बच्चा ज्यादा चिड़चिड़ा और बदतमीज भी हो सकता है। वह आपकी बात नहीं मानता और अपने मन का ही करता है। छोटी-छोटी बातों पर उसे जल्दी गुस्सा आ जाता है। परिवार से दूर रहने की कोशिश करता है तो, आपको बच्चे पर ध्यान देने की जरूरत है। यदि आपका बड़ा बच्चा 5-10 साल की उम्र का है और दूसरा 1-2 वर्ष का तो दोनों को उसकी उम्र के अनुसार उतना ही प्यार, समय दें, ताकि ऐसा ना लगे कि आपका सारा ध्यान सिर्फ छोटे बच्चे की तरफ है।

हमेशा शिकायत करना

आपका बच्चा अगर हमेशा आपसे शिकायत करता है कि आप उससे प्यार नहीं करते हैं तो, उनकी बातों पर आपको गौर करने की जरूरत है। इसे नजरअंदाज न करें या बच्चे पर गुस्सा भी न करें। इससे बच्चे के मन में गलत भावनाएं आती है कि आप सिर्फ भाई या छोटे बच्चे से प्यार कर

पढ़ाई-लिखाई पर असर

जब बच्चे के मन में हीन भावना आती है तो, बच्चा अंदर से असहाय और अपना आत्मविश्वास खोने लगता है। इसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर भी पड़ता है। ऐसे में बच्चे का प्रदर्शन लगातार खराब होता जाता है। साथ ही पढ़ाई-लिखाई में भी उनका मन नहीं लगता है। कई बार इस बात को माता-पिता समझ नहीं पाते और उन्हें लगता है कि बच्चा बहाने बना रहा है या पढ़ने से भाग रहा है।

बॉन्डिंग खराब होना

एक बार अगर बच्चे के मन में ये बात घर कर गई कि आप उससे प्यार नहीं करते या आप उसपर कम ध्यान देते हो तो , बच्चा आपसे दूर जाने लगता है। इससे आपकी बॉन्डिंग भी खराब होने लगती है और इसे समय रहते, अगर आपने ठीक नहीं किया तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। आज के परिवेश में आपका बच्चा भटक भी सकता है। आपको उन्हें प्यार से संभालने की जरूरत होती है।