कहा जाता है कि बच्चों की पहली पाठशाला उसके घर से शुरू होती है और उसके पहले गुरू उसके माता-पिता होते हैं। बच्चों के पथ प्रदर्शक उनके पेरेंट्स ही होते हैं जो उन्हें सही-गलत की सीख देते हुए आगे की और अग्रसर करते हैं। बढ़ते बच्चे सीखने की अवस्था में होते हैं और कई बार वे कुछ गलत आदतें भी सीख जाते हैं। लेकिन कई बार माता-पिता बच्चों की छोटी उम्र देखकर उनकी कुछ आदतों को नजरअंदाज कर देते हैं जो कि सही नहीं हैं। बच्चों की ये गलत आदतें भविष्य में उनके लिए बड़ी परेशानी ला सकते हैं। हालांकि ये समस्याएं काफी सामान्य होती हैं, जिन्हें हर माता-पिता महसूस करते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं बच्चों की कुछ ऐसी आदतों के बारे में जिन्हें पेरेंट्स को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
दूसरे बच्चों के साथ गलत व्यवहार
बच्चों में लड़ाई- झगड़ा होता रहता है लेकिन एज़ ए रिस्पांसिबल पैरेंट आप यह बात भली भांति जानते हैं और समझते हैं कि लाइन क्रॉस कहां पर हो रही है। जब बच्चा और बच्चों या अपने ही भाई बहन को हिट करें, पुश करें, उनके साथ मार पीट करे या एग्रेसिवली बिहेव करे तो निसंदेह यह आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए। कई बार ‘बच्चा है, बच्चे तो ऐसा करते रहते हैं' यह कहकर कहीं ना कहीं पैरेंट्स बच्चों के गलत बर्ताव को अनजाने में बढ़ावा देते हैं। जहां पर एक्शन लेना और स्ट्रिक्टनेस ज़रूरी हो, फ़ौरन अपनाएं।
नाक में उंगली देना
दूसरे बच्चों को देखकर आपके बच्चे में भी ये बुरी आदत आ सकती है। हालांकि, बच्चों को तो ये बिल्कुल पता नहीं होता कि नाक में उंगली देना एक बुरी आदत है। ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने बच्चे को समझाएं कि उसका ऐसा करना सही नहीं है और नाक को साफ करने के लिए उसे टिश्यू का इस्तेमाल करना चाहिए और उसके बाद हाथ जरूर धोने चाहिए।
झूठ बोलने की आदत
कई बार बच्चे माता-पिता से झूठ बोलते हैं और मां बाप उसे बच्चे की शैतानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे हालात में मां बाप को बच्चे को प्यार से समझाना चाहिए और उसे झूठ बोलने से मना करना चाहिए। अगर ये आदत समय रहते नहीं संभाली तो आगे चलकर ये बच्चे का भविष्य खराब कर सकती है और उसे गलत राह पर ले जा सकती है।
बेफिजूल खर्च करना
अक्सर बच्चे अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपना जेबखर्च कुछ दिनों में ही खर्च कर देते हैं तथा आपसे और पैसे मांगने के लिए कई तरह के बहाने बनाने लगते हैं। जब आपको ऐसा लगे कि आपका बच्चा फिजूल खर्च करने लगा है तो उसे पैसे और बचत की अहमियत समझाएं तथा जेब खर्च के अतिरिक्त पैसे देने से मना कर दें।
सेलेक्टिव हियरिंग
जब बच्चे छोटे होते हैं तो कितने ध्यान से पेरेंट्स की बात सुनते हैं लेकिन बड़े होते होते , बाहरी समाज और टीवी के संपर्क में रह कई बातें सीख लेते हैं। उन्हीं में से एक है सेलेक्टिव हीयरिंग। यानी जो बात खुद को पसंद है वह सुन लेना और बाकी बातों को एक कान से सुन दूसरे से निकाल देना। अगर आप बच्चे में इस तरह का बिहेवियर नोटिस करें तो उसे यूं ही ना जाने दें। बैठ कर समझाएं आए कि यह ठीक नहीं है और इस तरह का बर्ताव कैसे आने वाले कल में दिक्कत बन सकता है।
गलत भाषा का प्रयोग करना
छोटे बच्चे गालियां देना भी सीख लेते हैं और उनके मुंह से निकली गालियां भी क्यूट लगती हैं। अक्सर आपने भी देखा होगा कि बच्चे जब गालियां देते हैं तो उनकी क्यूटनेस पर आसपास के लोग खूब हंसते और प्यार लुटाते हैं। लेकिन पैरेंट्स होने के नाते आपको ये समझना चाहिए कि बच्चों का इतनी कम उम्र में ही गालियां देना या गलत तरीके से बात करना सही नहीं होता है। बच्चों को ये आदत स्कूल या कहीं से भी मिल सकती है। आपको बच्चे को समझाना है कि इस तरह से बात करना सही नहीं है और उसे जल्द से जल्द इसे छोड़ना होगा।
बात बात पर गुस्सा करना
गलत बात पर रिएक्ट करना तो ठीक है लेकिन अगर बच्चा बात बात पर यो अक्सर गुस्से में रह रहा है तो कहीं तो दिक्कत है। या तो अपने दोस्तों के साथ एडजस्ट होने में वह किसी परेशानी का सामना कर रहा है या फिर घर के खराब माहौल को असर उस पर पड़ रहा है। कारण कोई भी हो, दोनों ही स्थितियों में उसके साथ बैठकर इश्यू को समझने और उससे निपटने के कारगर तरीके पर विचार करें।