आपकी ये पेरेंटिंग स्टाइल बच्चों की परवरिश पर डाल रही हैं बुरा असर, जानें इसके बारे में

जब भी कभी बच्चों के हितैषी की बात आती हैं तो उनके माता-पिता का नाम सबसे पहले आता हैं जो कभी उसका बुरा नहीं सोचते हैं। लकिन कई बार उनकी पेरेंटिंग स्टाइल में अनजाने में ऐसी खामियां आ जाती हैं जिसका बच्चों की परवरिश पर बुरा असर पड़ने लगता हैं। बच्चों का पालन पोषण कहने में जितना आसान है असल में उतना आसान नहीं होता। एक माता-पिता के रूप में पेरेंट्स को बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए बहुत सी चीजों का ध्यान रखना होता है। हर एक माता-पिता अपने बच्चों के प्रति अलग तरीके का व्यवहार अपनाते हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपको पेरेंटिंग के कुछ ऐसे तरीकों की जानकारी देने जा रहे हैं जो बच्चों की परवरिश पर बुरा असर डालती हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

गुड कॉप - बैड कॉप पेरेंटिंग

गुड कॉप - बैड कॉप पेरेंटिंग यानी बच्चों के प्रति माता-पिता में से एक का नर्म रवैया अपनाना और दूसरे का सख्त रवैया अपनाना होता है। पेरेंटिंग के इस तरीके में माता-पिता में से एक अच्छे पुलिस कॉप की भूमिका में रहते हैं और दूसरा सख्त रवैया अपनाने वाला बैड कॉप के रूप में जाना जाता है। यह पेरेंटिंग का तरीका बहुत ही प्रभावी और बच्चों में संतुलन बनाने वाला माना जाता है। हालांकि इस पेरेंटिंग के तरीके में ऐसा नहीं होता है कि जैसा व्यवहार माता-पिता बच्चे के साथ करते हैं असल जीवन में भी उनका व्यवहार वैसा ही है। बैड-कॉप माता-पिता बच्चे को होमवर्क करने, अनुशासन बनाए रखने और ठीक से व्यवहार करने से जुड़े गुण सिखाते हैं और उनमें इन चीजों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। इस पेरेंटिंग स्टाइल को बच्चों के लिए ठीक नहीं माना जाता है।

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग एक तरह की पेरेंटिंग शैली है जिसमें माता-पिता अपने बच्चों पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं। ऐसे माता-पिता बच्चों की हर एक गतिविधि की गहराई से निगरानी करते हैं। इस दौरान बच्चों की सफलता या असफलता के लिए भी पेरेंट्स सबसे ज्यादा क्रेडिट लेते हैं। हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग करने वाले पेरेंट्स यह समझते हैं कि उनके ऐसा करने से उनके बच्चे सही दिशा में काम करेंगे और उनका मानसिक और शारीरिक विकास सही ढंग से होगा लेकिन हर समय ऐसा नहीं होता है। कई बार इसका नकारात्मक असर भी बच्चों पर पड़ता है।

तुलनात्मक पेरेंटिंग

ये हर मां-बाप की आदत होती है कि वह अपने बच्चों की दूसरे बच्चों से तुलना करते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। आपको दूसरे बच्चों की तारीफ अपने बच्चों के सामने नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और आपका बच्चा अपना आत्मविश्वास खो सकता है। ऐसा करने से बचें।

गैर उत्तरदायी और अलगाववादी पेरेंटिंग

जब पेरेंट्स अपने बच्चों की जरूरतों और उनकी चीजों को लेकर आंखें मूंद लेते हैं या अनदेखा करते हैं तो इसे गैर उत्तरदायी या अलगाववादी पेरेंटिंग कहा जाता है। ऐसे माता-पिता अपने बच्चों की एक भी बात पर ध्यान नहीं देते हैं और ना ही उनसे किसी भी प्रकार की अपेक्षा करते हैं।

अनसपोर्टिव पेरेंटिंग

अक्सर माता-पिता की कमियों का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है, जी हां, आपकी गलतियों की वजह से ही बच्चों में डिप्रेशन हो सकता है। दरअसल जब बच्चों को भावनात्मक और फिजिकल सपोर्ट नहीं मिलता है तो बच्चा डिप्रेशन में आ सकता है। इस कारण से कुछ बच्चे गुस्सैल स्वभाव के हो जाते हैं। ऐसे बच्चे दूसरों के साथ अपनी फीलिंग्स भी शेयर नहीं कर पाते और बीमार हो जाते हैं। इसलिए अपनी इस आदत को बदलिए।

रेस्क्यू पेरेंटिंग

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग की तरह ही रेस्क्यू पेरेंटिंग भी बच्चों के लिए नुकसानदायक मानी जाती है। इस तरह की पेरेंटिंग स्टाइल का बच्चों पर गलत असर पड़ सकता है। यह सुनिश्चित करने के अलावा कि उनके बच्चे कोई गलती न करें, इस पेरेंटिंग से जुड़े पेरेंट्स बच्चों को जिम्मेदारी और प्रेशर से एकदम दूर रखते हैं। ऐसे पेरेंट्स बच्चों के हर काम में इन्वोल्व रहने की कोशिश करते हैं।

ऑर्डर पेरेंटिंग

अपने बच्चे की शिकायतों को जरूर सुनें। वो आपसे क्या चाहता है। जैसे बहुत सारे मां-बाप अक्सर अनुशासन के सिखाने के चक्कर में दिनभर चिल्लाते रहते हैं। इसी के साथ हर बात पर ऑर्डर देते रहते हैं कि ये मत करों, इधर मत बैठो, ऐसे मत बोलो, देखो उसके कितने अच्छे नंबर आए हैं। मां-बाप की इन बातों से बच्चों को शिकायत होती है। तो जरूरी है कि बच्चों के मन की बात को समझें और उसे समझाएं। ऐसा करने से बच्चा आपकी बात ज्यादा आसानी से सुनेगा और समझेगा।

पनिशमेंट पेरेंटिंग

ऐसे पेरेंट्स जो बच्चों की हर गलतियों पर उन्हें पनिश करने या सजा देने के तरीकों को अपनाते हैं उनके बच्चों पर इसका बहुत बुरा असर होता है। इस तरह की आदत की वजह से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।