हर मां को अपनी बड़ी होती बच्ची को बतानी चाहिए ये संवेदनशील और जरूरी बातें

मां-बेटी का रिश्ता दोस्तों जैसा होता हैं जहां वे एक-दूसरे से अपनी कई बातें शेयर करती है, हांलाकि इसके लिए आपको अपना रिश्ता उस अनुरूप बनाना होता हैं। जैसे-जैसे आपकी बेटी बड़ी होती जाती हैं आप उसकी सुरक्षा को लेकर चिंताग्रस्त होती चली जाती हैं और बेटी के मन में भी कई सवाल होते हैं जो वह किसी से शेयर नहीं कर पाती। मां-बेटी के बीच का यही सबसे अनोखा पल होता है जब एक मां अपनी बेटी को अच्छे बुरे की सीख देती है। आज इस कड़ी में हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे हर मां को अपनी बेटी से करना चाहिए ताकि दोनों के मन में उठे सवाल और डर के लिए कोई जगह ना बचे। आइये जानते हैं इसके बारे में...

मजबूत और जिम्मेदार बनाएं

स्कूल तक आपकी बेटी की जिंदगी बहुत आराम से कटी और इसे आपने खूब साथ भी दिया, लेकिन अब बात आगे कॉलेज की गलियों कि ओर बढ़ रही है। ऐसे में आप हर समय उसके साथ नहीं रह सकती हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी बेटी को किसी भी स्थिति को संभालने के लिए मजबूत और जिम्मेदार बनाएं। कॉलेज के शुरुआती दिनों में हो सकता है आपकी बेटी को कुछ परेशानी हो। ऐसे में उसे मजबूत रहना बहुत जरूरी है ताकि इस परेशानी से वो आसानी से बाहर निकल जाए।

सच्चा और अच्छा दोस्त बनें

दोस्तों के बिना कॉलेज की लाइफ अधूरी है। ऐसे में अगर आप चाहती हैं कि आपकी बेटी कॉलेज दिनों में तनावमुक्त रहे तो सबसे पहले उन्हें अच्छे दोस्तों के चयन के बारे में बताएं, साथ ही साथ उसे इस बात का एहसास भी दिलाएं कि एक अच्छा दोस्त होना बहुत जरूरी है। अपने दोस्तों के साथ वो वैसा ही व्यवहार करें, जैसा वो खुद के साथ चाहती हैं। आज के समय में अलग-अलग राय होना सामान्य बात है, लेकिन अलग-अलग राय को एक राय में बदलना बहुत ही मुश्किल। ऐसे में आप अपनी बेटी को बताएं कि पहले वो दूसरों की बात को अच्छे से सुनें और फिर किसी निकर्ष पर पहुंचें।

शारीरिक परिवर्तन

एक उम्र के बाद लड़कियों के शरीर की शेप और साइज में तेजी से बदलाव आता है। आमतौर पर लड़कियों का शरीर सुडौल हो जाता है। उनके निप्पल स्वेल करने के साथ-साथ धीरे-धीरे उनके हिप्स चौड़े हो जाते हैं। उनके ब्रेस्ट का डेवलपमेंट भी पूरी तरह होने लगता है। यह भी संभव है कि दूसरे की तुलना में किसी लड़की की ब्रेस्ट साइज छोटी या बड़ी हो। ऐसी स्थिति में आपका यह दायित्व बनता है कि उसे इस बारे में समझाएं कि ब्रेस्ट साइज कुछ हद तक खानपान और जीन पर भी निर्भर करता है। उन्हें सही साइज की ब्रा या ट्रेनिंग ब्रा पहनने की सीख दें। यदि वे किसी खेल या एक्सरसाइज में भाग लेती हैं, तो उस अनुरूप स्पोर्ट्स ब्रा पहनने को कहें।

असफलता का मतलब विफलता नहीं

हार-जीत जिंदगी का हिस्सा है इसलिए अपनी बेटियों को सिखाएं कि अगर वो हार जाए तो दुखी ना हो बल्कि ओर मेहनत करें। उन्हें नाकामयाबियों से उसे सीख लेकर आगे बढ़ना सिखाएं। अपने बच्चों को इसके बारे में जरूर बताएं। उन्हें बताएं कि हमेशा अपने अनुभवों से कुछ न कुछ नया सीखना चाहिए और इसे ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ जाना चाहिए। असफल होने का मतलब ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आपके अंदर हुनर नहीं है। आपकी असफलता ही सफलता का मार्ग तैयार करेगी। उन्हें ये जरूर बताएं कि भविष्य में लिए गए फैसलों से हमेशा खुश रहना सीखें।

पीरियड्स के बारे में खुलकर करें बात

अक्सर भारतीय मांएं बेटियों से इस बारे में बात करने से कतराती है क्योंकि उन्हें लगता है कि अभी इस बारे में बात करने का समय नहीं है। मगर, 14 साल की उम्र के बाद बेटी को कभी भी पीरियड्स कभी भी शुरू हो सकते हैं। उन्हें स्कूल में शर्मिंदगी महसूस ना करनी पड़े इसलिए आप पहले ही उनसे इस बारे में बात कर लें।

किसी के आने जाने से खुद को प्रभावित न करें

स्वाभाविक सी बात है कि कॉलेज टाइम में आपकी बेटी की दोस्तों के साथ नजदीकियां बढ़ेंगी। इस दौरान कोई दोस्त ऐसा भी होगा, जो आपको पसंद आने लगा होगा। ऐसे में आपको इस पल का आनंद लेना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ब्रेकअप और क्रश किसी भी तरह से आपके जीवन को प्रभावित न कर पाएं। इन चीजों से जल्द ही उबरना सीखें।

कूल दिखने की होड़ से रहें दूर

अपने शरीर को फिट और हिट बनाए रखना और हर पल स्मार्ट दिखने की कोशिश करना एक अच्छी बात है, और हम सभी को उस मानक को बनाए रखने के लिए नियमित कोशिश करते रहना चाहिए। लेकिन, दोस्तों की भीड़ में खुद को कूल और अट्रैक्टिव दिखाने के लिए ड्रग्स और स्टेरॉयड की बुरी लत में पड़ना अच्छा विकल्प नहीं है। यह न केवल आपके शरीर को खोखला बनाती है बल्कि साथ ही साथ आपकी बबली इमेज को खराबी करने के लिए भी ये काफी है।