अभिभावकों की ये गलतियां बिगाड़ सकती हैं बच्चों का व्यवहार, जानें और लाएं खुद में बदलाव

पैरेंटिंग करना एक चैलेंजिंग काम होता हैं क्योंकि बच्चे पर सबसे ज्यादा असर उसके माता पिता का होता है। बच्चे किसी चीज को देखकर जितना जल्दी सीखते हैं, उतना वह सिखाने पर भी नहीं सीखते। हर दिन माता पिता का व्यवहार उसके मन मस्तिष्क पर अपना असर छोड़ता रहता है। बच्चा पेरेंट्स की हर एक्टिविटी को नोटिस करता है और उन्हें कॉपी करना शुरू कर देता है। ऐसे में आपको अपने बच्चे को अच्छी सीख देने के लिए खुद को अनुशासित करने की जरूरत होती हैं। परवरिश के दौरान पेरेंट्स कुछ ऐसी गलतियां करते हैं, जो कई बार उनके लिए शर्मिंदगी का सबब भी बन सकती हैं और बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव भी डालती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको अपने बच्चे के सामने कौनसी गलतियां करने से बचना चाहिए। आइये जानते हैं इसके बारे में...

बच्चों के सामने पेरेंट की बेइज्ज्ती करना

अगर माता पिता एक दूसरे को इज्ज्त नहीं करते और बच्चों के सामने एक दूसरे की शिकायत करते रहते हैं तो इसका असर भी बच्चों के मन पर बुरा पड़ सकता है। आपके ऐसे व्यनवहार से वे दुखी हो सकते हैं और भ्रम में जी सकते हैं। बता दें कि हर बच्चाच चाहता है कि उसके माता पिता आपस में प्याआर से रहें और उनके साथ अच्छा वक्ते गुजारे। ऐसा ना होने पर वे अपसेट रहने लगते हैं और निगेटिव थिंकर हो जाते हैं।

भाषा की मर्यादा


बच्चा जब बोलना शुरू करता है तो वह वही बोलता है जो आप अक्सर उसके सामने बोलते हैं। माता पिता की भाषा ही एक बच्चा सीखता है। उसे ये पता नहीं होता कि जो वह सुन रहा है उसका क्या मतलब है, वह गलत है या सही। इसलिए माता पिता को अपने बच्चों के सामने मर्यादित भाषा का उपयोग करना चाहिए। ऐसे शब्द न बोलें जो बच्चा सुनकर दोहराए। भाषा की शैली के साथ ही उसे बोलने के तरीके पर भी ध्यान देने की जरूरत है। अगर कोई बात माता पिता रूडली कहते हैं तो बच्चा भी अक्सर रूड होकर बात करता है।

गुस्से में चीजें फेंकना

कुछ पेरेंट्स ऐसे होते हैं, जिन्हें गुस्से में आकर चीजों को फेंकने की आदत होती है। आपकी ये आदत आपका ही नहीं आपके बच्चा को भी नुकसान पहुंचा सकती है। कभी भी ऐसा रवैया न अपनाएं और बच्चे के सामने इस गलती को करने की भूल तो बिल्कुल न करें। आपको देखकर आपका बच्चा नॉर्मल सिचुएशन में भी महंगे सामान को फेंक सकता है।

मारपीट करना


घर में होने वाली किसी भी तरह की हिंसा बच्चे की जिंदगी हमेशा के लिए खराब कर सकती है। अब्यूसिव हो या फिजिकल किसी भी तरह के हिंसा का बड़े होते बच्चों पर मानसिक रूप से गहरा असर पड़ता है। बच्चे दुर्व्यवहार करना सबसे पहले अपने पेरेंट्स से ही सीखते हैं। ऐसे बच्चों की बड़े होने पर ड्रग्स या अल्कोहल के आदी होने की संभावना ज्यादा होती है।

शराब और सिगरेट पीना

सिगरेट या शराब पीना ना सिर्फ आपके लिए हानिकारक है बल्कि इसका बुरा असर बच्चे पर भी पड़ता है। जब वो आपको इस तरह की हरकतें करते देखता है तो उसे लगता है कि ये सब सही है और वो भी ऐसा कर सकता है। शराब पीकर अपना आपा खोना बच्चेंत के सामने गलत उदाहरण पेश करता है।

दिखावा करना


कई बार बच्चों के सामने पद प्रतिष्ठा का दिखावा करना माता पिता को महंगा पड़ जाता है। वह रुतबे और पद प्रतिष्ठा की बात अक्सर करते हैं, इससे बच्चे के मन में गलत धारणाएं बनने लगती है। बच्चा घमणी, अपनी मन मर्जी का करने वाला और साथी दोस्तों को अपने से कमतर समझने लगता है। वह गलत काम को भी निडर होकर करने लगता है।

झूठ बोलना

माता पिता जब किसी बात को लेकर एक दूसरे या अन्य किसी से झूठ बोलते हैं तो बच्चा भी यह सब अपने सामने देखता है और झूठ बोलना सीख जाता है। उसे लगने लगता है कि झूठ बोलने से काम आसान हो जाता है। इसलिए वह अपने दोस्तों, परिवार से झूठ बोलना शुरू करता है और फिर बड़े बड़े झूठ बोलना शुरू कर देता है।

बहस करना

अगर आपका बच्चा हर दिन आपको बहस करते या फिर घर में अक्सर लड़ाई-झगड़ा करते दिखता है तो उसका व्यवहार अपने आप ही हिंसक होता जाएगा। घर में होने वाली लड़ाइयां देखकर बच्चे कहीं ना कहीं खुद को भी दोषी मानने लगते हैं। अगर पेरेंट्स आपस में किसी बात को लेकर विवाद करते भी हैं तो उसे बच्चे के सामने ही अच्छी तरह से सुलझाने की कोशिश करें। इससे बच्चे को सीख मिलती है कि लड़ाई-झगड़े के बिना भी किसी बात का शांति से बातकर के सुलझाया जा सकता है।