कॉमेडी किंग कपिल शर्मा की तरह आप भी बने है नए पेरेंट्स, तो जरूर दे इन बातों पर ध्यान

अभिभावक बनना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। साथ ही ऐसी कोई जगह भी नहीं होती जहां से आप पेरेंटिंग के गुर सीख सकें। हालांकि लोगों की सलाह और इंटरनेट आपकी इन कामों में मदद कर सकता है। जो समय आप अपने बच्चों के साथ बिताते हैं, वह अनमोल होता है। बच्चों की बेहतर परवरिश कर आप उन्हें एक बेहतर इंसान बना सकती हैं। सबसे पहले आपको खुद को एक बेहतर इंसान बनना होगा। बच्चे की जिम्मेदारी और जीवन में हो रहे नए बदलाव के कारण माता-पिता को अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता। इससे वे स्ट्रेस में आ जाते हैं और अलग-अलग मुद्दों पर लड़ते हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन सी चुनौतियां हैं जो नए नवेले पेरेंट्स को लड़ने पर मजबूर करती है और इन चुनौंतियों से वे कैसे निपट सकते हैं।

पति को बच्चे से जुड़ने का समय दें

बच्चा होने के बाद माता-पिता का पूरा अटेंशन बच्चे की देखभाल पर होता है। ऐसे में कई बार उन्हें आपस में वक्त बिताने को नहीं मिलता। खासतौर पर मां का बच्चे के ज्यादा काम करने होते हैं इसलिए वह अपने पति को पहले जैसा वक्त नहीं दे पाती है।।इसके लिए आप उन्हें बच्चे से जुड़े काम में शामिल करें। इस तरह आपके पति को बच्चे से जुड़ने और आपके साथ वक्त बिताने का समय भी मिल जाता है।

मिसइंटरप्रिटेट ना करें

बेबी होने के बाद हार्मोनल बदलाव और बढ़ी हुई जिम्मेदारियो का दबाव महिलाओं को स्ट्रेस में ले आता है। ऐसे में बात-बात पर महिलाएं चिड़चिड़ा जाती हैं। कई बार वे अपने पति की बातों को मिसइंटरप्रिटेट भी कर जाती हैं और छोटी-छोटी बातों पर इमोशनल भी हो जाती हैं। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो परेशान होने की जगह खुद पर थोड़ा कंट्रोल करें। कोशिश करने पर आप चीजों को आसानी से समझ सकेंगी और अपने पार्टनर से आपका झगड़ा भी नहीं होगा।

एक दूसरे की मदद करें

आपको अपने पति से यह बात स्पष्ट करनी होगी कि वह भी बच्चे के कुछ काम में आपका हाथ बटाएं। शरुआत में आप पति को ज्यादा काम न सौंपे। मगर धीरे-धीरे उन्हें बच्चे का हर वो काम करना सिखा दें, जो आप करती हैं ताकि आपको कभी जरूरत पड़े तो आपके हसबैंड आपकी हेल्प कर सकते हैं।

सोशल लाइफ का मजा लें

कई बार ऐसा भी होता है कि वाइफ को लगता है कि बेबी होने के बाद वह बंध गई है जबकी हसबैंड अभी आजादी से जी रहे हैं। इन सब को लेकर पति-पत्नी में झगड़े भी होते हैं। यहां समझने वाली बात यह है कि बच्चे के साथ भी सोशल हुआ जा सकता है। बच्चे को सेफटी के साथ अगर बाहर ले जाया जाए तो आप दोनों सोशल लाइफ का मजा ले सकते हैं।

पूरी नींद लें

बच्चे के सोने के रुटीन के हिसाब से माता-पिता की नींद भी कभी-कभी पूरी नहीं हो पाती। इस बात को लेकर भी दोनों में चिड़चिड़ाहट होती है। ऐसे में आपको बच्चे के सोने के रुटीन को सही करना होगा। एक बार बच्चे का स्लीपिंग रुटीन सही हो जाती है तो फिर कोई परेशानी नहीं होती है। मगर, जब तक बच्चा सही समय पर नहीं सो रहा तब तक बारी-बारी से बच्चे का ध्यान रखें।