क्या आपका बच्चा भी पढ़ाई से लगा हैं कतराने, इन तरीकों से करें उन्हें मोटिवेट

पढ़ाई-लिखाई ग्रहण करना किसी भी बच्चे का पूरा अधिकार हैं। देश में कई बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ाई को छोड़कर काम करने को मजबूर हैं। वहीँ देश में कुछ बच्चे ऐसे हैं जिन्हें पढ़ने को मिल रहा हैं लेकिन वे इसकी कद्र नहीं पहचानते हैं। देखने को मिलता हैं कि कई बच्चे पढ़ाई से कतराने लगते हैं जो कि उनके भविष्य के लिए सही नहीं हैं। अगर आपको भी लगता है कि आपका बच्चा पढ़ाई से बचने के लिए बहाने बना रहा हैं तो आपको इसके लिए अपने बच्चे की समझाइश करते हुए उसे मोटिवेट करने की जरूरत होती हैं ताकि पढ़ाई की तरफ उसका इंटरेस्ट बढ़े। आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप बच्चों का मन पढ़ाई में लगा सकते हैं।

अपने बच्चों से गहरी और सार्थक बातचीत करें

अपने बच्चों से अपने अनुभव के बारे में बातचीत करें, इससे आपके बच्चे समझ सकते है की उत्कृष्टता का पीछा करने की जरुरत क्यों है। अगर आप तरक्की कर रहे है तो अपने बच्चे के साथ इस अनुभव को साझा करना अच्छा विचार है। वे कड़ी मेहनत और बलिदान की सराहना करेंगे जो आपने किये है ताकि वे एक खुशहाल और आरामदायक जिंदगी जी सकें। कड़ी मेहनत और बलिदान के बारे में अपने बच्चों को बताएं, बच्चे आपकी बात सुनेंगे और वे आज नहीं तो कल बलिदान और मेहनत जरुर करेंगे।

नंबर नहीं, कुछ सीखने की उम्मीद दे


अक्सर माता-पिता बच्चे को अच्छे नंबर लाने पर जोर देते हैं जबकि ऐसा करने बिलकुल गलत है। आपको अच्छे नंबर लाने की बजाय अपने बच्चे को सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उससे पूछें कि उसने स्कूल में क्या किया और आज क्या सीखा।

बच्चे के लर्निंग स्टाइल को समझें


आपके लिए ये समझना बहुत जरूरी है कि आपके बच्चे की सीखने और याद करने की क्षमता कैसी है। वो बोल-बोल कर याद करता है या लिखने से उसे जल्दी याद होता है। इससे आपको पढ़ाने में आसानी होगा।

बच्चों पर ना थोपे पर अपने विचार


कुछ माता-पिता की आदत होती है कि वे अपने सपनों को अपने बच्चों पर थोप देते हैं। उन्हें लगता है कि जो काम वह नहीं कर पाए उसे पूरा उनके बच्चे करेंगे। वहीं बच्चों की कुछ और ही इच्छाएं होती हैं। ऐसे में माता-पिता को समझना चाहिए कि वह अपने सपनों को बच्चों पर थोपें और उनके विचारों को समझने की कोशिश करें।

स्टडी शेड्यूल बनाएं


अगर आप चाहती हैं कि आपका बच्चा सही समय पर पढ़ाई करे और उसे खेलने-कूदने का भी समय मिले तो उसके लिए एक स्टडी शेड्यूल तैयार करें। इसमे सिर्फ होमवर्क ही न करवाएं बल्कि क्लास में सिखाई और पढ़ाई गई चीजों के बारे में भी बात करें।

बच्चे की असफलता को बदले सफलता में

अक्सर बच्चे असफलता पाकर अपने आप को छोटा महसूस करते हैं और उनका आत्मविश्वास भी कमजोर होने लगता है ऐसे में बच्चों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। बच्चों को बताएं कि हारने का मतलब रुकना नहीं बल्कि आगे बढ़ना है। साथ ही आप अपने साथ हुए किसी हार के अनुभव को भी शेयर कर सकते हैं।

फेलियर पर न करें गुस्सा

जिंदगी में हार-जीत को चलती रहती है और पढ़ाई में फेल होने का बोझ बच्चे पर डालना बहुुत गलत है। अगर आपके बच्चे के कम नंबर आते हैं उसे डांटे नहीं और न ही उसके दोस्तों या किसी और के आगे शर्मिंदा करें । बच्चे को दोबारा कोशिश करने और बेहतर परफॉर्म करने के लिए मोटिवेट करें।

कोई लालच न दें

बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने का सबसे सकारात्मक तरीका है कि आप उनकी तारीफ करें। हालांकि, आपको उन्हें कोई रिश्वत या लालच नहीं देना चाहिए। अगर आप उसे कोई लालच देकर पढ़ने के लिए बैठा दें तो वो उस समय तो पढ़ लेगा लेकिन उसके मन में पढ़ाई को लेकर कोई रुचि पैदा नहीं हो पाएगी।

बच्चों को उनकी मेहनत का इनाम दें

अगर आपका बच्चा स्कुल में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो उसकी प्रसंशा के साथ साथ उसे इनाम दें। यह बच्चों को प्रेरित करने का अच्छा तरीका है। ऐसा करने पर आपके बच्चे कड़ी मेहनत करेंगे क्योंकि उन्हें पता है की उनकी मेहनत का उन्हें इनाम मिलेगा। यह तरीका उन माता-पिता के लिए है तो कड़ी मेहनत को इनाम देने का जोखिम उठा सकते है। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते है तो इससे सरल इनाम है की अपने बच्चे को गले लगाओ या उसे चूमें और उन्हें बताएं की आपको उन पर गर्व है क्योंकि बच्चे और हम भी यही चाहते है की हमारे माता-पिता को हम पर गर्व होना चाहिए।