Mother’s Day 2022: मां तेरे ही आंचल में गुजरा बचपन... शब्दों से जाहिर करें अपना प्यार

दुनियाभर में 8 मई को मदर्स डे मनाया जा रहा है। मदर्स डे को मनाने की शुरुआत सबसे पहले ग्रीस में हुई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है अपनी माताओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता के भाव को प्रकट करना। ऐसे में यदि आप अपनी मां को कुछ स्पेशल फील करवाना चाहते हैं तो हम आपके लिए कुछ संदेश लेकर आए है जिनकी मदद से आप अपना प्यार मां को जाहिर कर सकते हैं। तो चलिए जानते है उन संदेशों के बारे में...

हजारों फूल चाहिए एक माला के लिए
हजारों बूंद चाहिए समुद्र के लिए
पर मां अकेली काफी है
बच्चों के जीवन को स्वर्ग बनाने के लिए।

मां तेरे ही आंचल में गुजरा बचपन
तुझसे ही तो जुड़ी हर खूबसूरत याद
तू ईश्वर का दिया अनमोल तोहफा
तू नहीं तो मैं हूं क्या।

सूना-सूना सा मुझे घर लगता है,
मां नहीं होती, मुझे डर लगता है।

मां सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाए,
मां एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाए।

रुके तो चांद जैसी, चले तो हवाओं जैसी
मां ही है इस दुनिया में भगवान जैसी।

मेरी दुनिया में जो इतनी शोहरत है,
सब मेरी मां की बदौलत है।

तेरी ही आंचल में निकला बचपन
तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन
कहने को तो मां सब कहते
पर मेरे लिए तो है तू भगवान।

आज लाखों रुपये बेकार है वो एक रुपये के सामने,
जो मां स्कूल जाते वक्त देती थी।

चीनी से भी स्वीट है मेरी मां
फूलों से भी सुंदर है मेरी मां
दुनिया में सबसे बेस्ट है मेरी मां।

उसके होंठो पर कभी बदुआ नहीं होती
बस एक मां जो कभी खफा नहीं होती।

वो तो असर है मां की दुआओं में,
वरना इतना सुकून कहां था इन हवाओं में।

मां तेरे दूध का हक़ मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा।

रुके तो चाँद जैसी है,
चले तो हवाओं जैसी है,
वो माँ ही है,
जो धुप में भी छाँव जैसी है।

हालातों के आगे जब साथ ना जुबां होती है,
पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द,
वो सिर्फ “माँ” होती है।

उसके रहते जीवन में कोई गम नहीं होता,
दुनिया साथ दे ना दे पर माँ का प्यार,
कभी कम नहीं होता।

वो जमीं मेरी वो ही आसमान,
वो खुदा मेरा वो ही भगवान्,
क्यों मैं जाऊं उसे कहीं छोड़,
माँ के क़दमों में सारा जहां हैं।

माँ है मोहब्बत का नाम,
माँ को हजारों सलाम,
करदे फ़िदा जिंदगी,
आए जो बच्चों के काम।

मंजिल दूर और सफर बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब की हमें,
लेकिन “माँ” की दुआओं में असर बहुत है।

माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,
माँ के क़दमों की मिट्टी जन्नत की धूल है।

मत कहिये मेरे साथ रहती है माँ,
कहिये की माँ के साथ रहते है हम।

इस दुनिया में जितने रिश्ते,
सारे झूठे बेहरूप,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा,
माँ है सब का रूप।

नींद अपनी भुलाकर सुलाया हमको,
आंसू अपने गिराकर हसाया हमको,
दर्द कभी ना देना उस खुदा को,
खुदा भी कहता है माँ जिसे...