मां शब्द बहुत छोटा हैं लेकिन सभी के जीवन में इसकी महत्ता सबसे ऊपर हैं। एक मां ही होती हैं जो आपके पैदा होने से पहले ही आपका ध्यान रखना शुरू कर देती हैं। बच्चे के प्रति मां के प्यार का आंकलन नहीं किया जा सकता हैं। मां और बच्चे का रिश्ता इस दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्तों में से एक है। इसी के साथ एक मां ही होती हैं जो बच्चे के जीवन की सबसे बड़ी गुरु होती हैं। मां जो बातें सिखाती हैं वह बच्चों के लिए जिंदगी के सबक बनते हैं और उनके भविष्य में काम आते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे एक बच्चा अपनी मां से सीख पाता है। आइये जानते हैं उन बातों के बारे में...
गलती स्वीकारना जब मां कहती है कि तुमने बिगाड़ा है तुम ही ठीक करो, तो वो आपको जिम्मेदार बनाती है। क्योंकि वो जानती है कि सामने आने वाली हर परेशानी और मुसीबत का सामना आपको अकेले ही मजबूती से करना है। मदद के लिए कोई नहीं आएगा।
माफ करने का हुनूर हम लोग किसी के कुछ कहने पर जल्दी ही बात को दिल से लगा लेते हैं। मगर किसी की गलती होने पर भी उसे माफ कर देना एक मां को बखूबी आता है। इससे घर व समाज में बिना मतलब की लड़ाई होने की जगह पर शांति रहती है। ऐसे में हमें यह गुण अपनी मां से जरूर सीखना चाहिए।
दूसरों की केयर करनामां अपने बच्चों की खास देखभाल करती हैं। बच्चा चाहे कितना भी शैतान क्यों न हो मां उसको प्यार करना कभी नहीं छोड़ती। इतने कामों के होते हुए भी मां परिवार और बच्चों की हर जरूरत का ख्याल रखती है। उसकी यही बात को बच्चे भी अपनी जिंदगी में ढाल लेते हैं।
प्यार से बोलना जब मां यह कहती है तो वो आपको सफलता का सबसे जरूरी मंत्र सिखा रही होती है। क्योंकि वो जानती है कि जब बोलेंगे तभी प्रभावित कर पाएंगे और जब प्रभावित कर पाएंगे तभी वो सुखद बदलाव ला सकेंगे जो आप चाहते हैं।
दूसरों से सीखने की कला एक मां कभी भी दूसरों से (चाहे वो उनसे छोटा हो या बड़ा) कुछ सीखने पर संकोच नहीं करती हैं। फिर चाहे वो कोई गैजेट्स चलाना हो या कोई और कठिन काम। वे हर चीज को मेहनत व प्यार से सीखने की क्षमता रखती हैं। असल में, दूसरों से सीखने का यह गुण हमेशा हमें सफलता की ओर लेकर जाता है। इसलिए कभी भी किसी से कोई बात काम सीखने पर संकोच ना करें।
गुस्से पर काबू रखनाजिंदगी के सबसे अहम सीख में से एक है गुस्से पर काबू पाना। क्योंकि, एक परिवार को बांधे रहने के लिए उन्हें अच्छी तरह से पता होता है कि क्या नजरअंदाज करना है और कब बोलना है। इतना ही नहीं, कई बार बच्चों के जवाब देने पर मां अक्सर सुनकर खामोश रह जाती हैं। ऐसे में इगो को साइड रखकर कैसे रिलेशनशिप को निभाते हैं इस बात को मां से बेहतर कोई नहीं समझा सकता।
पैसा बचानाइस तरह वो आपको सुरक्षित बनाती है। वह अनिश्चिय के लिए तैयार करती है। क्योंकि वो जानती है जरूरतें हमेशा बढ़ती हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए एक सुरक्षित कोष होगा तो आप हमेशा निडर रहेंगे।
अनुशासन का पालन करनाबच्चों की जिंदगी में कुछ बातें ऐसी होती हैं जिससे मां के गुण भी पहचाने जाते हैं। अपने से बड़ों के साथ कैसी बातचीत करनी है। अपने से छोटे बच्चों के साथ किस तरह से पेश आएं और कैसे उनकी देखभाल करनी है। यह बातें बच्चे के बड़े होने के बाद भी काम आती हैं।