हर मां की जिम्मेदारी हैं बेटी को ये बातें सिखाना, बनाती हैं उनके जीवन को आसान

एक बच्चे की परवरिश में मां और बाप दोनों का रोल बेहद अहम होता है। लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें सिर्फ एक मां ही सिखा सकती है, खासकर एक बेटी को। एक मां और उसकी बेटी के बीच का रिश्ता सबसे गहरा और अटूट होता है। मां ही बेटी के बड़े होने पर उसे दुनियादारी की बातें सिखाती हैं। जैसे-जैसे बेटी बड़ी हो रही होती है तो मां की उसके प्रति और भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। बेटी के हर कदम पर मां की बताई हुई सीख ही उनके जीवन को संवारने का काम करती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक मां को अपनी बेटी को क्या-क्या अहम बातें सिखानी चाहिए ताकि वह खुद को एक सम्मानित और मजबूत महिला के तौर पर स्थापित कर सके। आइये जानते हैं इनके बारे में...

सबका आदर करना

वैसे तो हर माता-पिता अपने बच्चों में अच्छे संस्कार देने का प्रयास करते हैं लेकिन शादी को लेकर अपनी बेटी को यह बात बताना बहुत जरूरी है कि ससुराल उसका एक और परिवार है, जहां उसे हर किसी का आदर करना चाहिए। अपने सास ससुर को माता पिता जैसा ही सम्मान दें। वहीं देवर और ननद आदि अन्य ससुराली जनों का भी आदर करें, ताकि उसे ससुराल के लोग खुले मन से अपना सकें।

बेटी को बेहतर बनना सिखाएं

बेटी को सिखाएं कि वह सबसे बेहतर है और उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है। उसे खुद में विश्वास रखने की सीख दें ताकि किसी भी मुसीबत में वह घबराए नहीं और डटकर सामना करे। जिंदगी में अकसर ऐसे मोड़ आ जाते हैं जहां एक लड़की का आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। यह मोड़ एक रिलेशनशिप में भी हो सकता है या फिर प्रफेशनल लाइफ में भी हो सकता है। लेकिन अगर आत्मविश्वास रहेगा तो वह हर मुसीबत से लड़कर निकल आएगी।

घर के कामों में मदद करना

मां को अपनी बेटी को सिखाना चाहिए कि शादी से पहले जिस तरह से बेटियां अपनी मां की घर के कामों में मदद करती हैं उसी तरह से ससुराल में सास की मदद करें। हो सकता है कि जितना काम उसे अपने मायके में करना पड़ता हो, ससुराल में उससे ज्यादा करना पड़े। ऐसे में बेटी के मन में यह बात डालें कि ससुराल उसका ही घर है, जहां के कामकाज करने में उसे झिझक या फिर दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

मनोबल बढ़ाएं

बेटी को यह अहसास जरूर दिलाएं कि आप उस पर कितना विश्वास करती हैं। उसे बताएं कि हर सही कदम पर आप उसके साथ हैं। विफलता में कभी भी खुद को कमजोर न पड़ने दे बल्कि फिर से प्रयास करने की सीख दें। किसी परेशानी में पड़े तो परिवार को और खासकर मां को जरूर बताए। हर कदम पर उसका मनोबल बढ़ाएं।

ससुराल के तौर तरीके अपनाए

मां को अपनी बेटी को सीख देनी चाहिए कि वह अपने ससुराल के रहन सहन के तौर तरीको से अच्छी तरह से वाकिफ हो जाए। उसे मायके और ससुराल के रहन सहन में फर्क बताएं। अगर ससुराल में लोग जल्दी उठते हैं तो वह भी जल्दी उठने की आदत डालें ताकि वह पूरे परिवार के साथ आसानी से खुल मिल सके।

दोस्तों का चुनाव करें संभल कर

बेटी जब कॉलेज लाइफ में प्रवेश करे तो मां को उसे ये जरूर बताना चाहिए कि अच्छे दोस्तों की परख कैसे होती है। गलत दोस्तों का चयन कितना नुकसानदायक हो सकता है? बेटी को दोस्त बनाने की सलाह दें लेकिन उसे ये जरूर बताएं कि दोस्तों का चयन संभल कर करें। अपने दोस्तों के साथ कैसा व्यवहार करें।

जल्दी ही कोई राय न बनाए

अक्सर लड़कियां शादी के बाद जब ससुराल जाती हैं तो उन्हें अपने ससुराल के लोगों के बारे में ज्यादा नहीं पता होता। हो सकता है कि किसी रिश्तेदार का शुरुआती इम्प्रेशन अच्छा न हो। ऐसे में उसके लिए झट से अपनी राय न बना लें। बेटी को सिखाएं कि ससुराल के लोगों को समझने के लिए वक्त दें।

सिखाएं भावनाओं को हैंडल करना

बेटी कॉलेज लाइफ जी रही है तो स्वाभाविक है कि उसके मन में भी रिश्तों को लेकर कई तरह की भावनाएं होंगी। इसे लेकर खुद भी पैनिक न हों। इन भावनाओं के बारे में उससे बात करें और उसे उचित सलाह दें। भावनाओं को हैंडल करना भी उसे सिखाएं।