बच्चों के लिए जॉइंट फैमिली के ये फायदे जान आपको भी समझ आ जाएगी इसकी अहमियत

भारत में बहुत ही प्राचीन समय से संयुक्त परिवार की व्यवस्था चली आ रही है। लेकिन बढ़ते शहरीकरण ने हमारी इस पुरानी व्यवस्था को तोड़ने का कार्य किया है। वर्तमान समय की जीवनशैली में संयुक्त परिवार खोते नजर आ रहे हैं और यह एकल परिवार तक ही सिमित रह गए हैं। कई लोगों को अपनी निजता के साथ समझौता पसंद नहीं होता हैं जिसके चलते वे संयुक्त परिवार में रहना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जॉइंट फैमिली अर्थात संयुक्त परिवार अपनेआप में कितना महत्व रखते हैं। आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में वर्किंग कपल्स के लिए संयुक्त परिवार किसी वरदान से कम नहीं है। हम आपको आज जॉइंट फैमिली के उन फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इसकी अहमियत को बताते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

बुरे समय में मिलता हैं परिवार का साथ

कई बार सिंगल फैमिली में सिर्फ माता-पिता और एक बच्चा होता है। ऐसे में उनके लिए किसी इमरजेंसी के समय सबकुछ मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। कई लोग इस हालात में बिल्कुल निराश हो जाते हैं और कई बार अकेले हिम्मत हार जाते हैं। यहीं नहीं अक्सर हादसे से निकलने के बाद भी लोग अकेले रहकर मानसिक रूप से उभर नहीं पाते हैं और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से घिर जाते हैं। इस समस्या से निकलाने के लिए भी उनके पास अधिक लोग नहीं होते हैं। वहीं संयुक्त परिवार में आपके पास अपनी बातों और परेशानियों को बांटने के लिए कई लोग होते हैं। इसमें आप एक से नहीं तो किसी अन्य से अपनी बात आसानी से कह पाते हैं।

प्यार और देखभाल सीखते हैं

कई ऐसी बातें जो पैरेंट्स अक्सर अपने बच्चों को सिखाना चाहते हैं, वे संयुक्त परिवार में इन्हें अच्छी तरह से सीखते हैं। एक साथ बढ़ते हुए बच्चे आपस में साझा करना, एक दूसरे की देखभाल करना और सभी का सम्मान करना सीखते हैं। इस तरह वे अपने आस-पास के लोगों के साथ हमदर्दी भरा रवैया रखना भी सीखते हैं। संयुक्त परिवार में आपको बड़े-बुजुर्गों का खूब प्यार और केयर मिलती है। बीमार होने पर आपका बहुत अधिक ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा अगर आफ दुखी होते हैं, तो सभी आप से जानने की कोशिश करते हैं कि आप क्यों दुखी है और आपको उदास भी नहीं होने देते हैं। यह आपको एक बेहतर इंसान बनने में भी मदद करती है और आपको समाज में अच्छे से व्यवहार करना भी सिखाती है।

बच्चे अकेला महसूस नहीं करते हैं

सिंगल परिवार में कई बार बच्चे अकेला अनुभव करने लगते हैं क्योंकि पेरेंट्स काम की वजह से ज्यादातर समय बाहर रहते हैं और शाम को घर आने के बाद वे इतने थक जाते हैं कि उनके पास अपने बच्चे से उनके पूरे दिन के बारे में पूछने के लिए समय भी नहीं होता है। ऐसे में बच्चे आसानी से अकेला महसूस कर सकते हैं। वहीं ज्वाइंट फैमिली में माता-पिता के अलावा भी बच्चे के पास चाचा-चाची और दादा-दादी होते हैं, जिनसे बच्चे अपनी बातें शेयर कर पाते हैं या फिर अपने भाई-बहन से भी बात कर पाते हैं।

किसी एक पर नहीं पड़ता भार

बड़ा परिवार एक बड़ी टीम के रूप में काम करता है। खासकर जब खाना पकाने या सफाई जैसे घर के काम करने की बात आती है, तो आपस में कामों का बंटवारा हो जाता है। ऐसे में किसी एक पर ही काम का भार नहीं पड़ता। नतीजतन, परिवार का कोई भी सदस्य कभी भी काम को लेकर तनाव महसूस नहीं करता।

बहुत सारी खुशियां

कहते हैं जितने ज्यादा लोग खूशी उतनी दोगुनी हो जाती है, यही बात संयुक्त परिवार पर भी लागू होती है। जहां छोटी सी खुशी भी बहुत बड़ी लगती है। लोग मिलकर एक-दूसरे की खुशी में खुश होते हैं और साथ ही किसी भी पर्व-त्योहार को मिलकर अच्छे से मनाते हैं और मिल-जुलकर काम करते हैं, जिससे कोई भी काम मस्ती भरा बन जाता है। हर कोई आपका साथ देने के लिए हमेशा मौजूद रहता है।

फाइनेंशियल सपोर्ट

क्योंकि संयुक्त परिवार के सभी कमाने वाले सदस्य घरेलू खर्चों के लिए एक ही जगह रुपये देकर योगदान करते हैं। इससे जहां खर्चों का बोझ कम होता है, वहीं जब किसी सदस्य को आर्थिक नुकसान या नौकरी छूट जाती है, तो परिवार के अन्य लोगों की ओर से उनकी दैनिक जरूरतों का ध्यान रखा जाता है।

किताबों से परे ज्ञान मिलता है

संयुक्त परिवार में आपको किताबों से परे बहुत अधिक ज्ञान मिलता है और बड़ों की कहानियों में आपके लिए प्यार और शिक्षा दोनों होती है। साथ ही उनकी डांट में भी ढेर सारा प्यार और आपके लिए परवाह होती है। ऐसे में आपके बच्चे को किसी भी चीज के लिए बाहर के लोगों को सहारा नहीं लेना पड़ता है। साथ ही आप अपने परिवार में अपनों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं।