गर्मी में बच्चों के साथ वॉटर पार्क जाने का है प्लान तो इन बातों का रखें ध्यान

इन दिनों गर्मी ने सबका हाल बेहाल करके रखा है। गर्मी का मौसम आते ही ज्यादातर लोग वॉटर पार्क जाने का प्लॉन बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि चिलचिलाती धूप में ज्यादा देर तक पानी में रहना आपकी त्वचा और सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में अगर आप भी बच्चों के साथ वॉटर पार्क जाने का प्लान बना रहे है तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी हैं। तो आइए जानते है उन बातों को...

सनस्क्रीन का करे उपयोग

वॉटर पार्क में ज़्यादातर स्विमिंग पुल और फन एक्टिविटीज खुली जगहों पर ही होती हैं। जिसकी वजह से आपकी त्वचा सीधी धूप झेलती है। घंटों धूप में रहने की वजह से आपकी स्किन पर टैनिंग या सनबर्न की परेशानी हो सकती है। ऐसे में धूप से अपनी और बच्चों की त्वचा को बचाना चाहते है तो अच्छी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

डाइट पर दें ध्यान

वॉटर पार्क में मस्ती के बीच खान-पान को नजरअंदाज न करें। वॉटर पार्क जाते समय घर से हल्के स्नैक्स और वॉटर बॉटल साथ ले जाना न भूलें। साथ ही थोड़े-थोड़े गैप में कुछ न कुछ खाते रहे और बच्चों को खिलते रहें, ताकि बॉडी का एनर्जी लेवल मेंटेन रहे।

हल्का नाश्ता करें

वॉटर पार्क जाते से पहले भर पेट खाने से बचें। वॉटर पार्क पहुंचते ही बच्चे मस्ती में लग जाते है ऐसे में पेट अधिक भरा होने की वजह से उल्टी, पेट दर्द और एसीडिटी की समस्या हो सकती है। इसलिए वॉटर पार्क जाने से पहले बच्चों को घर से हल्का नाश्ता करा के निकलें और साथ में खाने के लिए कुछ हल्के स्नैक्स साथ रखना न भूलें।

दूसरों की टॉवल से रहें दूर

वॉटर पार्क की मौज-मस्ती में कई बार हम एक ही तौलियें का इस्तेमाल कर लेतें है। मगर, ऐसा करने से बचना चाहिए। इससे आपके बच्चे की स्किन पर फंगल इंफेक्शन होने का डर रहता है। इसलिए पार्क में अलग-अलग तोलियें का इस्तेमाल करें।

बच्चों को समझाएं

वॉटर पार्क जाने से पहले बच्चों को साथ में रहने की सलाह दें। साथ ही उन्हें उनकी उम्र के मुताबिक जगहों पर ही उन्हें जाने की परमिशन दें। इसके अलावा वॉटर पार्क में मस्ती करते हुए भी बच्चों पर नजर रखें और उन्हें खुद से ज्यादा दूर न जानें दें।

हैट या कैप जरूर पहनाएं

अगर आप अपने बच्चों को हैट या कैप पहना देती हैं तो यह एक अच्छा विकल्प है क्योंकि कैप आपके बच्चे के सिर को तो धूप से बचाता ही है, साथ में वह धूप की किरणों को शरीर के निचले हिस्से में आने से भी रोकती है। जिससे पूरा शरीर सुरक्षित रहता है।