आपका व्यवहार बनता हैं बच्चों के लिए सीख, इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी

हर पेरेंट्स की चाहत होती हैं कि अपने बच्चों को अच्छा इंसान बनाया जाए। इसके लिए जरूरी हैं कि बच्चों को अच्छी परवरिश दी जाए और उन्हें अच्छी सीख दी जाए। पेरेंट्स बच्चों से तो अच्छे व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं लेकिन खुद के व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाते है। पेरेंट्स का व्यवहार देखकर ही बच्चे उनकी तरह व्यवहार करने लगते हैं। इसलिए पेरेंट्स को भी अपने व्यवहार में ध्यान देने की जरूरत होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें और सव्शानी बताने जा रहे हैं जो पेरेंट्स को अपने बच्चों के सामने बरतनी चाहिए और उन्हें सिखानी चाहिए।

बच्चों के सामने उनकी माँ के प्रति आपका बर्ताव
अगर आप बच्चों के सामने अपनी पत्नी की सही देखभाल करते हैं, अपनी हर बात उनसे साझा करते हैं, उनसे सम्मान से, शिष्टता से पेश आते हैं तो आपके बच्चें भी उनके साथ वैसे ही पेश आएंगे। अगर आप उनके साथ बुरा बर्ताव, अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं, उन्हें महत्व नहीं देते बात नहीं सुनते तो बच्चे भी वैसा ही करेंगे। आप तब उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक पाएंगे।

आप पैसों का उपयोग कैसे करते हैं
आप अगर कर्ज में डूबे हुए है, पैसे का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं, खर्चीले हैं, हर चीज़ पर बिना सोचे-समझे पैसे खर्च कर रहे हैं तो वह भी इन्हीं आदतो को देखकर बड़े हो रहे हैं और वे भी आगे चलकर ऐसा ही करेंगे इसीलिए ध्यान रखिये अभी से निवेश करें. छोटी-छोटी बचत, सही बजट, उचित भविष्य योजनाएं बनाएं और उन्हें भी इनका महत्व समझाएं।

दूसरे लोगो से कैसा बर्ताव करते हैं
यदि आप अपने फायदे के लिए दूसरो का उपयोग करते हैं, उन्हें काम निकलने पर नहीं पूछते, छोटे तबके के लोगो जैसे वेटर, ड्राइवर, नौकरों उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो सावधान आपके बच्चे अशिष्टता ही सीखेंगे वे भी बड़े होकर नहीं बल्कि अभी से ऐसा बर्ताव करेंगें। इसीलिए आप भी ऐसे लोगों के प्रति दयालु और सम्मानजनक दृष्टिकोण रखें। उनके काम को सेवा भाव के रूप में देखें।

आत्मसम्मान सिखायें अहंकार नहीं
अपने बच्चों के सामने कभी अपने पद और पैसे का अभिमान न जताएं। जैसे आपको गर कोई पुलिस वाला गलत ड्राइविंग करने के लिए चालान करे तो उससे बतमीजी न करें, उसे अपने औहदे का रौब न दिखाएं। अपनी गलती स्वीकार करें। अपने बॉस का सम्मान करें चाहे वे इसके लायक हो या नहीं इससे आपके बच्चें जीवन में सकारात्मक सोच रखना सीखेंगे और कभी अहंकारी नहीं बनेंगे।

अपने चरित्र को मजबूत बनाएं
अगर आप धोखा दे रहे, बोल कुछ रहे हैं और कर कुछ रहे हैं, लोगो से कैसा व्यवहार कर रहे हैं अपने पड़ोसियों के प्रति कैसी सोच रखते हैं उन्हें सब पता होता है वे सब जानते हैं। अगर आप कोई गलती करते हैं तो उस पर कैसी प्रतिक्रिया दे रहे, याद रखियें बच्चें सब ध्यान दे रहे हैं। इसीलिए अपने चरित्र को मजबूत बनाएं अपने सम्मान को बनाये रखे, ऐसा कोई काम न करें जो उनके चरित्र विकास में बाधक बने।

जीवन में अनुशासन का महत्व सिखाएं
अगर आप बहुत ज्यादा खाना, ज्यादा खर्च, ज्यादा पीना, ज्यादा सोना, घर देर से आना, अपने बिलो को समय पर न चुकाना ऐसा अनुशानहींन जीवन जी रहे हैं तो जल्द ही सचेत हो जाये, आपके बच्चें भी अपने जीवन में यही सब दोहराएंगे। इसीलिए यह आप पर है कि आप अपने और उनके लिए कैसा जीवन चुनते हैं एक अनुशासित और संयमपूर्ण जीवन या अनुशासनहीन।

उदार बनना सीखें और सिखाएं
आप जब भी दान दें, किसी की मदद करें, किसी के सहयोग के लिए कुछ करे, किसी सहायता के लिए कही जाये तो उसे पूरे मन से करें। आप कुछ बहुत बड़ा कर रहे हैं इस भावना से न करें। आपके बच्चें जब आपको निस्वार्थ भाव से किसी की सेवा करते देखेंगें तो वे उदार बनगें उनमे सेवा भाव जागेगा।