महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण होता हैं ऑफिस के साथ बच्चों को संभालना, इस तरह करें मैनेज

हर बच्चे का अपनी मां से बहुत लगाव होता हैं और वे अपना ज्यादा समय मां के साथ ही बिताते हैं। ऐसे में किसी भी कामकाजी महिला के लिए ऑफिस के साथ बच्चों को संभालना चुनौतीपूर्ण होता हैं। कामकाजी महिलाओं के लिए घर के काम और ऑफिस में ताल-मेल बैठाना बहुत मुश्किल होता है जिसका असर बच्चों की परवरिश पर भी पड़ता हैं। खासतौर पर सिंगल मदर के लिए तो दोनों को संभालना चुनौतियों से भरा काम होता है। ऐसे में आपको सही तरीके से मैनेज करने की जरूरत होती हैं। इसलिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपकी दोनों जिम्मेदारियों को एकसाथ निभाने में काफी मदद करेंगे। आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में...

रूटीन फिक्स करें

बच्चे और ऑफिस के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए पूरी प्लानिंग से काम करें और अपना एक रूटीन फिक्स करें। जब आप सारा काम टाइम मैनेजमेंट के हिसाब से करेंगी तो आपको बार-बार घड़ी देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आप समय से काम खत्म करके अपने बच्चे के पास जा सकेंगी।

संपर्क के साधन जरूरी

आप घर पर बच्चे को अकेला छोड़ कर जा रही हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि उसके पास मोबाइल या घर में फोन जरूर हो। ताकि जरूरत पड़ने पर वह आपसे संपर्क कर सके। वहीं ऑफिस जाने से पहले उसका फोन फुल चार्ज जरूर कर दें। आप चाहे जितना भी बिजी हो मगर उसमें से समय निकालकर घर पर एक फोन जरूर करें। इस दौरान बच्चे से बात कर उनका हालचाल पूछें। इससे आपके ऑफिस का काम भी सही से होगा और बच्चे पर आपकी निगरानी भी रहेगी। साथ ही बच्चे को आपका डर भी रहेगा।

बच्चे की जरूरतों का रखें ध्यान


कामकाजी महिलाओं को ऑफिस से लौटने के बाद रात को ही सारे काम नपटा लेना चाहिए जिससे सुबह आपको पर्याप्त समय मिल सके। इससे आप बच्चे की जरूरतों व खानपान का भी अच्छे से ध्यान रख पाएगी। साथ ही इस बात का खास ध्यान रखें कि आपके बच्चे आपसे क्या चाहता है।

नहीं करेगा अकेलापन महसूस

अपने परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें, ताकि जब आपके पास समय न हो तो बच्चे के स्कूल में पैरेंट्स मीटिंग आदि होने पर वह जा सकें। इससे बच्चे का आत्मविश्वास बना रहेगा और वह खुशी महसूस करेगा। साथ ही उसे अकेलापन महसूस नहीं होगा।

कुछ बातें बच्चे को जरूर सिखाएं

बच्चे अपने बड़ों से सीखते हैं। खासकर अपने पैरेंट्स से। इसलिए अपनी दिनचर्या ऐसी बनाएं कि आपका बच्चा आपको जो भी करते देखे उसे जीवन में उतारे। जैसे आप अगर रोज व्यायाम करते हैं, तो बच्चे में भी यह आदत आएगी और सेहत के लिए यह आदत बहुत जरूरी है। आपके रूटीन से वह काफी कुछ सीखेगा।

दोस्त की तरह आए पेश

बच्चे के साथ ज्यादा सख्ती ना बरते इसकी जगह दोस्ताना रिश्ता निभाए। बच्चे से मां बनकर नहीं बल्कि एक दोस्त की तरह बात करें। इससे बच्चे को लगेगा कि आप उनको बातों पर अच्छे से ध्यान दे रही हैं। साथ ही वे भी आपसे अपने मन की बात अच्छे से कह पाएंगे। चाहे आपके पास समय कम हो, मगर जितनी देर भी मिले उसमें बच्चे के साथ ही रहे।

बच्चों के काम को भागों में बांट लें

आप बच्चों के काम को भागों में बांट सकती हैं। आप चाहें तो सभी काम खुद करने की जगह इसकी जिम्मेदारी घर से अलग-अलग सदस्य पर डाल सकते हैं। आप अपनी सासू मां को बच्चे को भोजन खिलाने और ससुर जी को उसे होमवर्क करने को कह सकती हैं। इस तरह आपका बच्चा घर बुजुर्गों के साथ समय भी बीता पाएंगा और सही निगरानी में भी रहेगा। इसके अलावा आप बच्चे के चाचा और बुआ को बच्चे के खेल से जुड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। इसके साथ ही उन्हें इस बात की निगरानी रखने को कहें कि आपका बच्चा कई घंटों तक टेलीविजन या मोबाइल इस्तेमाल ना करें।

पार्टनर की लें मदद

वर्किंग वुमेन से एक साथ घर व ऑफिस संभालना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आप इस पर बिना झिझक के पार्टनर की मदद ले सकती है। आप बच्चे को पार्क में घूमने, स्कूल छोड़ने व आने की जिम्मेदारी पति को दे सकती है। इससे आपकी जिम्मेदारी कुछ कम होगी। इसके साथ ही बच्चे-पिता में बॉन्ड स्ट्रांग होगा।