आपने वह हास्य सीरियल तो देखा ही होगा तारक मेहता का उल्टा चश्मा जिसमें जेठालाल पर हमेशा मुसीबतें आती रहती हैं और उनसे निकालने में उसकी मदद करता हैं उनका परममित्र तारक मेहता जो उनके सुख-दुख में हमेशा साथ निभाता हैं। ऐसे सच्चे दोस्त की जरूरत हर किसी को अपनी जिंदगी में होती हैं। जीवन में दोस्ती का हाथ कई लोग बढ़ाते हैं मगर जिंदगी के हर मुश्किल दौर में सिर्फ सच्चे दोस्त ही साथ निभाते हैं। अगर हमारे पास एक सच्चा दोस्त हो तो हमारी जिंदगी काफी अच्छी चलती है। सच्चे दोस्तों पर आप आंख बंद करके भी भरोसा कर सकते हैं। लेकिन समस्या यह है कि सच्चे मित्र को कैसे पहचाना जाए? ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सच्चे दोस्त की ओर इशारा करते हैं। इन्हें जानकर आप सच्चे और स्वार्थी मित्रों में भेद कर सकते हैं। आइये जानें इन गुणों के बारे में...
हमेशा रहते हैं संपर्क मेंआजकल की मतलबी दुनिया में ज्यादातर लोग सिर्फ जरुरत पड़ने पर आपको याद करते हैं। लेकिन वहीं सच्चे दोस्त हर समय आपके साथ रहते हैं। साथ ही सच्चे दोस्त दूर रहकर भी हमेशा आपके संपर्क में बने रहते हैं। ऐसे में अगर कोई इंसान सिर्फ मदद मांगने के लिए आपको कॉल करता है। तो समझ जाएं कि वो आपका बेस्ट फ्रेंड नहीं है।
आपको हमेशा प्रोत्साहित करता हैकिसी भी कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए दृढशक्ति और आत्म विश्वास की आवश्यकता तो पड़ती ही है लेकिन साथ ही अगर कोई प्रेरणा देने का काम करे तो वो आत्मविश्वास को बढ़ाने में काफी सहायक होता है। हमें कमजोर नहीं पड़ने देता और इसके लिए अगर आपका दोस्त सच्चा हो तो वो काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करता है। एक सच्चा दोस्त हमेशा आपको प्रेरित करता रहता है ना की आपको हतोत्साहित करने का काम करता है।
पीठ पीछे बुराई नहीं करतेसच्चे दोस्त आपके साथ बेवजह नाटकपन या बनावटीपन नहीं दिखाते। अगर आपका मित्र आपकी व्यक्तिगत या गोपनीय बातें दूसरे लोगों से शेयर करता है तो सच मानिए वह आपका सच्चा मित्र नहीं है। उसे तुरंत छोड़ देने में ही आपकी भलाई है।सच्चे दोस्त आपके साथ बेवजह नाटक पन या बनावटीपन नहीं दिखाते। अगर आपका मित्र आपकी व्यक्तिगत या गोपनीय बातें दूसरे लोगों से शेयर करता है तो सच मानिए वह आपका सच्चा मित्र नहीं है। उसे तुरंत छोड़ देने में ही आपकी भलाई है।
हमेशा आप की बात सुनता हैकभी-कभी आप को किसी ऐसे की ज़रूरत होती है, जो चुप रहे और आप की बात सुने। सच्चा दोस्त इस बात को समझता है, कि उसे कब और कैसे अपना मुँह बंद और कानों को खुला रखना है। उसे ध्यान से देखें, आप से बात करते समय वह आप की आँखों से संपर्क बनाए रखेगा, और आप उसे क्या बता रहे हैं, उसे भी याद रख कर आप से कुछ सवाल भी करेगा। ध्यान दें कि कौन ज़्यादा बोलता है। एक सच्ची मित्रता में दोनों मित्र समान मात्रा में अपनी भावनाएँ एक-दूसरे के साथ बाँटते हैं। यदि आप को ऐसा महसूस होता है कि आप अपने मित्र की समस्याओं को सिर्फ़ आप ही हमेशा सुनते रहते हैं, तो आप की मित्रता सही नहीं है।
खराब समय में रहेंगे साथदिखावटी और मतलबी दोस्त आपके अच्छे दिनों में हमेशा आप पर जान छिड़कते हैं। लेकिन वहीं बुरा समय आते ही ऐसे दोस्त आपसे पीछा छुड़ाने की जद्दोजहद में जुट जाते हैं। हालांकि सच्चे दोस्त बुरे वक्त में भी आपके साथ डट कर खड़े रहते हैं और आप हर मुश्किल में बिना किसी हिचकिचाहट के उनसे मदद मांग सकते हैं।
आपकी कमजोरियों को ढूंढता है वैसे तो अगर कोई हमारी तारीफें करता रहे तो हमें काफी अच्छा लगता है लेकिन जैसे ही हमारे बारे में कुछ ग़लतियां निकाले तो हमें अच्छा नहीं लगता। लेकिन यकीन मानिए आपका सच्चा दोस्त वही होता है जो आपकी कमजोरियां को बताने का काम करता है। इसका मतलब ये नहीं कि वो आपको हतोत्साहित करता है बल्कि आपकी कमजोरियों को बता कर उसे सुधारने की बात करने वाला व्यक्ति आपका सच्चा दोस्त होता है। आपको झूठी तारीफों से बचकर सच्चाई को समझने की आवश्यकता होती है जो आपको सही राह पर ले जाने का काम करता है।
नहीं करते नीचा दिखाने की कोशिश आपके सच्चे मित्र आपको कभी नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करते। वह आपसे हमेशा शांति से बातकरते हैं ना कि मतभेद को बढ़ाने का काम करते हैं। वह आपसे हमेशा आपके गुणों के बारे में बात करते हैं ना कि आपकी कमियों के बारे में। हाँ आपकी कमियों का उल्लेख वे आपको प्रोत्साहित करने के लिएकरते हैं न की आपको नीचा दिखाने के लिए।