भारत एक विशाल देश हैं जहां हर दिन कोई ना कोई त्योहार जरूर सेलिब्रेट किया जाता हैं। इन दिनों गणेशोत्सव मनाया जा रहा हैं, फिर नवरात्रि और दिवाली आने वाली हैं। इन त्योहार को मनाने के पीछे जहां आस्था एक पॉइंट हैं वहीँ यह सोच हैं कि लोग इनसे कुछ अच्छी बातें सीखें। हमारा बचपन बड़ा ही खूबसूरत हुआ करता था, क्योंकि बचपन में हम मेले, तीज-त्योहारों का बड़ा आनंद लेते थे। लेकिन आजकल के बच्चों को अपने मोबाइल से ही फुर्सत नहीं मिलती हैं। पेरेंट्स यह कहते हैं कि उनके बच्चों को त्यौहार में रुचि ही नहीं हैं, तो इसकी वजह भी आप ही हैं। जी हां, ये तब ही होगा जब आप उन्हें त्योहारों का महत्व सिखाएंगे। आपकी एक छोटी-सी कोशिश आपके बच्चे को उसकी संस्कृति और देश की जड़ों से जोड़े रखेगी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बच्चों को त्योहार का महत्व बताया जाए।
सुनाएं पौराणिक कथाएंहर त्योहार के पीछे कोई न कोई प्राचीन कहानी होती है, जो हमें सकारात्मक संदेश देती है। इसलिए समय-समय पर बच्चों को इन कहानियों और संदेशों के प्रति बताते रहें। होली, ईद, ओणम, क्रिसमस हर त्योहार के साथ उसकी एक कहानी जुड़ी है। इससे वे अपनी संस्कृति से और अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे। उन्हें पता चलेगा कि ये त्योहार क्यों मनाए जाते हैं। इससे बच्चों के पढ़ने और बोलने की आदत भी अच्छी होगी।
पूजा के कार्य में करें शामिल त्योहार सिर्फ़ तैयारियां नहीं हैं, ये बच्चों को रीति-रिवाज़ और परंपराओं से परिचित कराने के अवसर भी हैं। आप बच्चों को दस दिनों में पूजा, प्रसाद का कार्य दे सकते हैं। आप बच्चों को नई-नई आरतियां और भजन याद करवा सकते हैं। प्रसाद बनाते समय बच्चों को साथ में रखें। घर में रोज सभी को एकत्रित करके उनसे आरती करवाएं। इसके अलावा आप उन्हें मंदिर परिसर की सफाई का ख्याल रखने की जिम्मेदारी दे सकते हैं। उनकी जिज्ञासाओं को हस्तक्षेप या व्यवधान न मानते हुए उन्हें उनकी उम्र के मुताबिक़ हर प्रक्रिया में साथ रखें और जानकारियां देते चलें।
करवाएं दानआप बच्चों को त्योहारों के समय शेयरिंग जैसे गुण सिखाने के लिए उन्हें पुराने कपड़े, खिलौने, इकट्ठा करके दान करने के लिए दे सकते हैं। गरीब जरुरतमंदों को दान करने से बच्चों में दूसरों की मदद करना जैसे गुण आएंगे। इससे बच्चे लोगों का सम्मान करना भी सीख पाएंगे।
इस तरह बढ़ाएं त्योहार के प्रति उत्साह जब भी कोई त्योहार आता है तो हम घर की साफ-सफाई और उसे सजाने में जुट जाते हैं। इस काम में बच्चों को भी शामिल करें जिससे उनके मन में भी त्योहारों के आने की खुशी बनी रहे। अगर आप रंगोली बना रही हैं तो बच्चे को भी उसमें रंग भरने दें, इससे उसके दिमाग में ये सारी यादें बनी रहेंगी। घर को यदि खूबसूरत लडि़यों से सजा रहे हैं तो बच्चों से भी मदद लें। इससे त्योहार के प्रति उनका उत्साह बना रहेगा।
बच्चों को हमेशा करें प्रोत्साहितआजकल बच्चों के स्कूल में भी बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। ऐसे में आप बच्चों को उनमें बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे बच्चे में भी रुझान पैदा हो। आप बच्चे को त्योहार से जुड़ी कविताएं या भाषण भी याद करवा सकते हैं। बच्चे भी खूब सारे बच्चों के साथ मिलकर त्योहार मनाने से खुश होते हैं। त्योहार की तैयारी में हर सदस्य की सहभागिता होनी चाहिए, यही उसे मनाए जाने का मूल उद्देश्य भी है। लेकिन हमें लगता है कि बच्चे काम बिगाड़ देंगे, इसलिए हम उन्हें दूर ही रखते हैं। हो सकता है कि उनके काम में परफैक्शन न हो या वे काम बिगाड़ ही दें, परंतु उनमें आत्मविश्वास और सार्थकता का एहसास ज़रूर बढ़ेगा, जो निश्चित ही कहीं बड़ी चीज़ है। उसे प्रोत्साहित करते हुए कहें कि तुमने मेरी आधी या तीन-चौथाई मेहनत बचा दी। इससे उसे निराशा नहीं होगी और वह यह भी समझ जाएगा कि अभी उसे और सीखना व सुधार करना है।
तकनीक की लें मददभारत त्योहारों का देश है पर ये जरूरी नहीं कि हम देश में मनाए जाने वाले सभी त्योहार मनाएं, लेकिन हम कम से कम फोटो व वीडियो के जरिए अपने बच्चों को उनके बारे में जानकारी तो दे ही सकते हैं। इससे बच्चों का ज्ञान बढ़ेगा और वे देश में अलग-अलग जगह मनाए जाने वाले हर त्योहार को समझ पाएंगे।
अकेलेपन से हटकर सभी से मिलेंगे बच्चे अगर आप बच्चों को त्योहारों से जोड़ेंगे तो बच्चों में मेल-मिलाप की भावना भी बढ़ेगी, क्योंकि त्योहार तो होते ही मिलजुलकर मनाने के लिए हैं। आज बच्चे भी अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं, ऐसे में त्योहार इस अकेलेपन को दूर करते हैं। अपने बच्चों को त्योहार पर अपने रिश्तेदारों, परिचितों, पड़ोसियों के यहां जरूर लेकर जाएं जिससे वे सबसे घुले-मिलें और त्योहारों को मिलजुल कर मनाना सीखेंगे।