इन बातो से जाने कही आपका बच्चा तनाव का शिकार तो नहीं

अक्सर ही देखा जाता है की बच्चा जब बड़ा हो रहा हो उसमे शारीरिक परिवर्तन होते है जिनकी वजह से वह चिडचिडा हो जाता है। लेकिन बच्चा छोटा हो और तनाव में हो तो सब से दूर होने लगता है। ऐसे में हर माता पिता को उससे जुड़कर उसकी परेशानी का हल निकलना चाहिए। कुछ कमिया होती है जिस वजह से बच्चा तनाव में आ जाता है। अगर आप भी यह जानना चाहते है की आपका बच्चा तनाव ग्रसित तो नही तो इसके लि आज हम आपको कुछ बाते बतायेंगे जिनकी मदद से आप इस बारे में जान सकते है, तो आइये जानते है इस बारे में


*व्यवहार पर रखें नज़र


अगर बच्चा तनाव में है, तो सबसे पहला असर उसके व्यवहार में नज़र आएगा, जैसे- हर बात में मूड ख़राब हो जाना, छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाना या कभी अचानक से ग़ुमसुम हो जाना। बिना बात के घंटों रोना या उदास रहना आदि। इन बातों को अनदेखा न करें।

* बिस्तर गीला करना

छोटे बच्चे अक्सर नींद में बिस्तर गीला करते हैं। देखा गया है कि 3-4 साल की उम्र में बच्चे इस पर क़ाबू पा लेते हैं, पर बढ़ती उम्र में इसकी वजह भावनात्मक भी हो सकती है। माता-पिता का अटेंशन न मिलने की वजह से बच्चा तनाव महसूस करता है और नींद में अक्सर बिस्तर गीला कर देता है।

*पसंदीदा चीज़ों से दूर हो जाना

अगर आपका बच्चा अपनी पसंदीदा चीज़ें, जैसे- खिलौने, फेवरिट कॉर्टून्स, पसंदीदा डिश या फिर जिसके बिना वो पूरे दिन नहीं रह सकता, उनसे दूरी बनाने लगे, तो हो सकता है कि वो किसी ना किसी प्रकार के स्ट्रेस में है।

*स्कूल से बच्चे की शिकायतें आना

कभी-कभार स्कूल से बच्चे की शिकायत आना नॉर्मल है, क्योंकि बच्चे स्कूल में मस्ती करते रहते हैं, लेकिन शिकायतों का ये सिलसिला अगर अचानक बढ़ जाए, तो समझ जाइए कुछ गड़बड़ है। स्ट्रेस बच्चों को मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है, बच्चा स्कूल में कॉन्संट्रेट नहीं कर पाता, दोस्तों के साथ ठीक से घुल-मिल नहीं पाता।

*खाने-सोने की आदतों में परिवर्तन

जब बच्चा तनाव महसूस करता है, तो उसकी खाने और सोने की आदतों में बदलाव आ जाता है। कई बार तनावग्रस्त बच्चे बहुत ज़्यादा खाने या सोने लगते हैं जबकि कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे खाना छोड़ देते हैं और उनकी नींद भी कम हो जाती है।