हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे जीवन में खूब तरक्की करें और एक बड़ा मुकाम हासिल करें। बच्चा जब धीरे-धीरे बड़ा होता है तो अपने आसपास की कई चीजों को देखकर उसका इंटरस्ट बदलने लगता है। ऐसे में अगर बच्चों का टैलेंट जिस चीज में हैं उसे प्रोत्साहन मिले तो बेहतर परिणाम देखने को मिलते है। बस जरूरत होती है उसे वक्त रहते पहचानने और फिर तराशने की। लेकिन सबसे बड़ी बात आती हैं कि कैसे बच्चों की प्रतिभा को जाना जाए। बच्चों के कौशल को पहचानने की जिम्मेदारी पैरेंट्स के ऊपर होती है। यह वास्तव में उनके पालन-पोषण का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से बच्चों का छिपा टैलेंट आसानी से पता लगाया जा सकता हैं।
बच्चे को करें ऑब्जर्वयह एक आसान तरीका है बच्चे के भीतर छिपे हुए टैलेंट को पहचानने का। हो सकता है कि बच्चा अपनी प्रतिभा के बारे में ना जानता हो, लेकिन फिर भी उसके इंटरस्ट व एक्टिविटीज काफी कुछ बताती हैं। ऐसे में जरूरत होती है कि पैरेंट्स अपने बच्चे की एक्टिविटीज पर नजर रखें। इससे उन्हें बच्चे की प्रतिभा को पहचानने में काफी मदद मिल सकती हैं। आप यह देखने की कोशिश करें कि जब बच्चा अकेला होता है तो वह खुद को किन चीजों में इनवॉल्व करता है। हो सकता है कि आपके बच्चे की इमेजिनरी पावर बहुत अधिक हो और वह चीजों को देखकर व उनकी कल्पना करके उन्हें ड्रॉइंग फाइल पर उतार सकता हो।
मल्टीपल चॉइस देंछोटी उम्र के बच्चे तकरीबन हर नए काम को करने में उत्साह दिखाते हैं। ऐसे में ये जज करना मुश्किल होता है कि उन्हें सच में किस काम में इंटरेस्ट है। इस समस्या से निपटने के लिए उन्हें कम अंतराल पर अलग अलग टास्क दें। हो सकता है कि शुरुआत वे सेम एनर्जी के साथ करें पर जिसमें इंटरेस्ट नहीं होगा उसे वे जल्दी छोड़ देंगे। जिस काम में उनका ज्यादा देर मन लगा रहे। वही उनका पसंदीदा काम होगा।
इनोवेशन पर जोर देंबच्चों को हर काम में कुछ नया करने के लिए प्रेरित करें। जिस काम में उसे ज्यादा दिलचस्पी होगी वे खुद उसके बारे में ज्यादा सोचेंगे और नया आइडिया लेकर आएंगे। इस तरह उनका टैलेंट भी सामने आएगा और निखरेगा भी।
टीचर्स से लें सुझावअगर आपके बच्चे ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है तो ऐसे में जरूरी है कि आप टीचर्स से भी कुछ सुझाव मांगें। दरअसल, बच्चा अपने दिन का एक लम्बा समय स्कूल में बिताता है और वहां पर वह टीचर के अलावा अन्य बच्चों व कई तरह की एक्टिविटीज में इनवॉल्व होता है। ऐसे में बच्चे के प्रदर्शन को देखते हुए वह आपको काफी हद तक गाइड करेंगे, जिससे आपके बच्चे के टैलेंट को पहचानने में मदद मिलेगी।
जबरदस्ती न करेंअपने समय और सहूलियत के अनुसार बच्चों पर कुछ नया सीखने का जोर न डालें। हो सकता है कि उसे जो करना है वो करने का मन भी खत्म हो जाए। उन्हें अपनी स्किल्स दिखाने का पूरा मौका दें और उस पर डिस्कस करें। इस तरह आप उसकी सही प्रतिभा का आंकलन कर सकेंगे और उस मुताबिक सुविधाएं दे सकेंगे।
क्रिएटिव खिलौनेवैसे तो सभी पैरेंट्स बच्चों को उनकी पसंद के खिलौने दिलाते हैं। उन्हें अपनी तरफ से अलग अलग क्रिएटिव टॉयज भी दिलाएं। इससे उनकी क्रिएटिविटी और कंसंट्रेशन तो बढ़ेगा ही ये जज करने में भी मदद मिलेगी कि उसे किस तरह के काम में ज्यादा रुचि है।
नई एक्टिविटी से कराएं रूबरूबच्चा अपने हुनर को बाहर लाए इसके लिए जरूरी है कि वो अलग-अलग तरह की एक्टिविटी का हिस्सा भी बने। बच्चा जब नई-नई चीजें एक्सप्लोर करेगा तब ही तो ये पता चलेगा कि उसे क्या करना ज्यादा पसंद है। बच्चे को नई से नई एक्टिविटी करने दीजिए,उसे रोकिए नहीं। सिर्फ क्रिकेट,डांस और म्यूजिक में ही नहीं बच्चा कई दूसरी चीजों जैसे गोल्फ,स्केट्स आदि में भी कमाल कर सकते हैं।