हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे सेहतमंद और बीमारियों से दूर रहें। इसके लिए जरूरी हैं कि बच्चों की आदतों में वो काम शामिल हो जो उनकी सेहत को फायदा पहुंचाने में मदद करें। ऐसे में बच्चों के सही विकास के लिए पेरेंट्स को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। पेरेंट्स को बच्चों में अच्छी आदतें विकसित करते हुए उन्हें यह बताना चाहिए कि यह किस तरह उनकी सेहत को फायदा पहुंचाएगी। हेल्दी हैबिट्स को बचपन में ही सीख लेने से बच्चे इसे हमेशा के लिए रूटीन की तरह फॉलो करने लग जाते हैं जो उनके आने वाले भविष्य को भी संवारती हैं। तो आइए जानते हैं कि बच्चों को कौन-सी अच्छी आदतें सिखानी चाहिए।
पर्याप्त नींद है जरूरीबच्चों के लिए पूरी नींद लेना भी बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए उन्हें सही समय पर सोने और जागने की आदत जरूर डालें। ऐसा करने से वे दिनभर फ्रेश रहेंगे और इससे उनका विकास भी तेजी से होगा। उनकी इम्यूनिटी भी अच्छी रहेगी।
सुबह जल्दी उठना और आभार प्रकट करनाविज्ञान भी मानता है कि सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। जब आप सुबह जल्दी उठते हैं तो आपके पास मॉर्निंग रूटीन फॉलो करने का काफी समय होता है, और यह बहुत जरूरी होता है। सुबह उठने के बाद ईश्वर के प्रति आभार जरूर प्रकट करें, उन्हें हर चीज का श्रेय दें। इससे आपके इमोशनल हेल्थ में सुधार होगा।
योग, ध्यान और प्राणायाम सिखाएं अपने बच्चों को योग, ध्यान और प्राणायाम करना भी सिखाए। योग से बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होगा। ध्यान उनको मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा, और प्राणायाम से पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार होगा। इन क्रियाओं को नियमित रूप से करने पर बच्चे हमेशा स्वस्थ और सेहतमंद रहेंगे।
सुबह उठते ही फ्रेश होने की आदत बच्चों की हेल्दी हैबिट्स में आपको सुबह उठते ही फ्रेश होने की आदत के बारे में जरूर बताना चाहिए। इस आदत को अपना लेने के बाद बच्चे एक्टिव रहते हैं। आपको सुबह उठते ही बच्चों को टॉयलेट जाने, ब्रश करने और नहाने की आदत फॉलो करवानी चाहिए।
दिन में दो बार ब्रश करनादांतों की स्वच्छता बहुत जरूरी है। अपने बच्चों को ब्रश करना सिखाएं और अपने बच्चों को बचपन से ही दिन में दो बार ब्रश करने के महत्व का एहसास कराएं। बच्चे बहुत अधिक खाते हैं, इसलिए कैविटी से बचने के लिए उन्हें अपने दांत साफ रखने चाहिए। साथ ही उन्हें सिखाएं कि रात में दांत साफ करने के बाद खाना नहीं खाना चाहिए।
एक्टिव रहना सिखाएं बच्चों को चुप रहने या बैठने की बताय उन्हें भागने और दौड़ने के लिए प्रेरित करें। बच्चों को घर से बाहर निकल कर खेलने के लिए बढ़ावा दें। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार बच्चे को एक दिन में कम से कम 60 मिनट फिजिकली एक्टिव रहना चाहिए। आप उसे किसी स्पोर्ट में भी डाल सकते हैं। जो बच्चे शारीरिक रूप से अक्रियाशील यानि इनएक्टिव रहते हैं, उनमें दीर्घकालिक स्थितियों जैसे कि हाई बीपी या कोलेस्ट्रॉल का खतरा ज्यादा रहता है। बच्चे को प्रति सप्ताह कम से कम 3 दिन जंपिंग या दौड़ने जैसी गतिविधियां करनी चाहिए।
अधिक मीठी चीजों से रखें दूर
अधिक मीठी चीजों के सेवन से इम्यूनिटी बिगड़ती है और दांत भी खराब होते हैं। इसलिए बच्चों को कोल्ड ड्रिंक्स, केक, चॉकलेट आदि का चस्का ना लगाएं। यह बाद में डायबिटीज या अन्य बीमारी की वजह बन सकता है। यही नहीं, शरीर में कैल्शियम का अब्जॉर्प्शन भी कम हो जाता है।
हेल्दी खानाबच्चों को कम उम्र से ही हेल्दी खाना खाने को लेकर प्रोत्साहित करना शुरू कर देना चाहिए। स्वस्थ भोजन करना आसान है और बच्चों के लिए यह मजेदार भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, उन्हें अपने साथ किराने की दुकान पर ले जाएं और उन्हें फल या सब्जियां चुनने दें या फूड लेबल पढ़ने दें। सप्ताह के लिए भोजन तैयार करने में उनकी मदद लें, और उन्हें दिखाएं कि प्यास बुझाने के लिए पानी, जूस या कोल्ड ड्रिंक से बेहतर है।