बच्चे होने लगे हैं बड़े तो शुरू से ही उनमें डालें ये आदतें, बनेंगे जिम्मेदार

पेरेंट्स अपने बच्चों को प्यार करते है और उन्हें हर ख़ुशी देने की चाहत रखते हैं। लेकिन माता-पिता का ये लाड-प्यार बच्चों के लिए घटक भी साबित हो सकता हैं और उन्हें आलसी बना सकता हैं जिसकी वजह से उनमें गलत आदतें पनप सकती हैं। अगर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे आने वाले समय में इस दुनिया का डटकर सामना करते हुए नेक इंसान बने तो इसके लिए उनमें बचपन से ही कुछ आदतें डालने की जरूरत हैं जिनकी मदद से बच्चों को जिम्मेदार इंसान बनाया जा सकता हैं। पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों और उनकी दिनचर्या में कुछ अन्य चीजों को जोड़ना जरूरी है। तो आइये जानते हैं इन आदतों के बारे में जिनके बारे में पेरेंट्स को बच्चों को जरूर सिखाना चाहिए।

अपने बच्चों को सिखाएं कि वह अपनी लड़ाई खुद लड़ें

साथ ही ये भी सिखाएं कि अपने मामले को कैसे सुलझाएं। अगर किसी दोस्त के साथ मनमुटाव हुआ है तो लड़ाई करने की बजाय चीजों को सुलझाएं। वहीं अगर क्लासमेट से कोई बात हो गई है तो घर पर शिकायत करने की बजाय टीचर के सामने अपना पक्ष सही तरीके से रखना भी सिखाएं।

बच्चों में डालें खुद से सोने जागने की आदत

अगर आप बच्चों को सिखाना चाहते हैं कि वे खुद से जागें और खुद से सोएं तो इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि वह समय पर सोएं और समय पर जागें। ऐसे में माता-पिता उनकी दिनचर्या को ऐसे बनाएं, जिससे वे बिस्तर पर समय पर आ जाएं। ऐसा करने से समय पर सोएंगे और उनकी आंखें खुद ब खुद समय पर खुल जाएगी। बाद में वे स्कूल के लिए भी खुद ही समय पर उठ जाएंगे।

सुबह उठकर सबसे पहले करें अपना बिस्तर साफ


कुछ बच्चों की आदत होती है कि वे सोकर उठने के बाद अपने बिस्तर को साफ नहीं करते। और इस आदत को बच्चों को नादानी समझकर माता-पिता नजरअंदाज करते हुए खुद ही बिस्तर साफ करना शुरू कर देते हैं। लेकिन बता दें कि ऐसा करना गलत है। अपने बच्चों की दिनचर्या में सोने से उठने के बाद सबसे पहले ये आदत जोड़ें की अपने बिस्तर को साफ रखना और चादर की तय करना कितना जरूरी है।

अपने कपड़े धोएं

आपको लग रहा होगा कि बच्चे से कपड़े कैसे धुलवाएं। लेकिन आप उन्हें उनके छोटे कपड़े जैसे अंडरगारमेंट्स, रुमाल आदि धोने सिखाएं। इसके लिए आप कपड़े धोते वक्त बच्चों को अपने पास बैठा सकते हैं और उनसे कपड़ों पर साबुन लगवाएं और पानी से कपड़े निकालना सिखाएं। ऐसा करने से आगे चलकर वे खुद अपने कपड़ों को धोएंगे।

बचत की महत्ता


अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चों को सही बचत करना और पैसों का प्रबंध करना नहीं आता। और हम ये सोचते हैं कि बच्चों को पैसे देने पर ये उन्हें खो देंगे। पर ऐसा नहीं है। बच्चों को बचत के बारे में आना चाहिए। यह सिखाना भी माता-पिता की जिम्मेदारी है। छोटे बच्चों से कुछ चीजें मार्केट से मंगवाए और उनसे पूरा हिसाब देने के लिए कहें और उन्हें भी कुछ पैसे देकर रखें और समय-समय पर उन पैसों का हिसाब लेते रहें। ऐसे में आप उनको एक गुल्लक लाकर दें और हर महीने पॉकेट मनी दें, जिससे वे पैसों का प्रबंध और बचत दोनों के बारे में सीख जाएं।

अपनी चीज को खुद संभालें

अकसर माएं बच्चों की जरूरी चीजें या तो उनकी अलमारी में खुद रखती हैं या फिर अपने पास अलमारी में अरेंज करके रखती है। उन्हें ये डर रहता है कि कहीं बच्चे चीजों के खो न दें। लेकिन ऐसा करना गलत है। अगर शुरुआत में ही बच्चे अपनी चीजें खुद संभाल कर रखें। ऐसी करने से आगे चलकर उन्हें परेशानी नहीं होती है। ऐसे में बच्चों को सही ढंग से चीजें व्यवस्थित रखने की शिक्षा देना माता-पिता का ही फर्ज है। आप अपने बच्चों को उनकी अलमारी दें और उन्हें बताएं कि कपड़े, जूते, एक्सेसरीज आदि को कैसे संभालकर और अरेंज करके रखें।

अपने लिए खुद पैरवी करना


जब भी बच्चों की आस पड़ोस से या अपने दोस्तों से लड़ाई हो जाती है तो वे लड़ाई को सिलझाने के लिए बीच में अपने मां बाप को लेकर आते हैं, जिससे वह उनका बचाव कर सकें और पेरेंट्स उनके बचाव में आ भी जाते हैं। लेकिन यह गलत आदत है। ऐसे में बच्चे चिड़चिड़े और जिद्दी भी बन सकते हैं।

रसोई के छोटे-मोटे काम करना सिखाएं


अकसर माएं बच्चों को रसोई में जाने से रोकते हैं यह सोच कर कि कहीं बच्चे के हाथ में चाकू या कोई नुकीली चीज न आ जाए। ये डर लाजमी है लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि आप बच्चों से छोट-मोटे काम नहीं करवा सकते। आप अपने बच्चों से ब्रेड पर बटर लगाना, अपना टिफिन साफ करना, पानी की बोतल भरना आदि चीजें करवा सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें जरूरत पड़ने पर पानी लेना या फिर लगाना आदि चीजें आ जाएंगी।