शादी के शुरुआती दिनों में कई बातों का ख्याल रखते हुए रिश्ते को आगे बढ़ाया जाता हैं ताकि रिश्ते में अपनापन बना रहे और रिश्ते की डोर मजबूत होती चली जाए। लेकिन जैसे-जैसे रिश्ता आगे बढ़ता हैं और अपने पार्टनर की आदतों के बारे में पता चलता हैं तब कई बार रिश्ते में खटास भी उत्पन्न होने लग जाती हैं। ऐसे में रिश्ते को संभालना बहुत जरूरी हैं और इसके लिए आपको अपनी कुछ आदतों में सुधार लाने की जरूरत होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से प्यार की जगह रिश्ते में शक पनपने लगता हैं और आपका रिश्ता तबाह हो सकता हैं। आइये जानते हैं इन आदतों के बारे में।
झूठ बोलनादांपत्य जीवन की डोर को कमजोर करने के लिए झूठ बोलना ही काफी है। अगर आप अपने लाइफ पार्टनर से किसी भी विषय पर झूठ बोलते हैं और उसके बारे में उसे पता चल जाता है तो इससे रिश्ते में कड़वाहट आना शुरू हो जाती है और उसका आप पर भरोसा भी टूटने लगता है यदि वह झूठ किसी कारण से बोला गया है तो आप उस कारण को समझाते हुए अपने पार्टनर से माफी मांग सकते हैं। लेकिन यदि आपने झूठ किसी और परिस्थिति के चलते बोला है तो हो सकता है कि इसके कारण पार्टनर के मन में शक की भावना पैदा हो जाए। ऐसे में झूठ बोलने से बचें और हर परिस्थिति के बारे में अपने पार्टनर को बताएं।
छोटी-छोटी बातों पर जासूसीअक्सर शादीशुदा जीवन में झगड़ों की एक आम वजह होती है हर बात पर जासूसी करना। रिश्ते में भरोसे का होना जरूरी है। ऐसे में यदि पार्टनर छोटी-छोटी बातों पर जासूसी करेगा या उसकी बातों पर शक करेगा या उससे जासूसी भरे सवाल जैसे किसका फोन आया था, क्यों आया था, इतनी देर कहां रह गए, इतनी देर से किससे बातें कर रहे थे आदि सवाल करेगा तो इससे व्यक्ति परेशान हो सकता है। इसके कारण रिश्ते में टकरार आनी शुरू हो जाती है। पार्टनर को रिश्ते में भरोसा कायम करने के लिए सबसे पहले यह दिखाना होगा कि उसे आप पर बहुत भरोसा है। उसके लिए जासूसी जैसी आदत से बचना जरूरी है।
ऑफिस में बार-बार फोन करनाकुछ पत्नियों की आदत होती है कि वे अपने पति को ऑफिस में बार बार फोन करती हैं और उन्हें परेशान करती हैं। वह यह जानने के लिए फोन करती हैं कि वह क्या कर रहे हैं, किस से बात कर रहे हैं, कहीं उनका फोन बिजी तो नहीं आ रहा। ऐसे में यह आदत पति को परेशान कर सकती हैं और उसका ध्यान काम से हटकर दूसरी बातों पे चला जा सकता है। इस आदत को समय रहते बदलना बहुत जरूरी है। क्योंकि हो सकता है कि इससे पति की नौकरी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़े। ऐसे में एक निश्चित समय तय करें और उसी वक्त अपने पति को फोन करें।
एक दूसरे से ज्यादा उम्मीद रखनादांपत्य जीवन में एक दूसरे पर भरोसा रखना जरूरी है। लेकिन जब आपको पता है कि आपका पार्टनर किसी काम में बिजी है या उसका स्वभाव थोड़ा अलग है तो उस वक्त खुद को समझाना या अपने पार्टनर से ज्यादा उम्मीद रखना आपकी ही गलती है। अपनी इच्छाओं को पार्टनर के ऊपर थोपने से रिश्ते में तकरार आनी शुरू हो जाती है और हो सकता है कि आपका पार्टनर आपसे जल्दी बोर हो जाए। वहीं अगर वह आपकी इच्छा को पूरा ना करें तो आपके मन में भी शक पैदा हो जाता है और आपको लगता है कि वो आपसे प्यार नहीं करता। ऐसे में अपने पार्टनर से केवल उतनी उम्मीद रखें, जितना वह पूरा कर सके।
एक दूसरे को बदलने की करें कोशिशएक दूसरे में बदलाव लाना नकारात्मक तरीके से और सकारात्मक तरीके से दोनों से प्रभाव डाल सकता है। इस पर निर्भर करता है कि आप एक दूसरे में किस प्रकार के बदलाव को देखना चाहते हैं। यदि आप बदलाव अपने पार्टनर की तरक्की की तरफ देखना चाहते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर आपको अपने पार्टनर के उठने, बैठने, पहनने आदि से दिक्कत है तो इस बदलाव के कारण हो सकता है कि आपका पार्टनर यह महसूस करें कि आप उससे प्यार नहीं करते या उसके मन में शक की भावना भी पैदा हो सकती है। जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करें। अगर आप अपने पार्टनर के अंदर किसी प्रकार का बदलाव चाहते भी हैं तो उससे पहले आप अपनी इच्छा के बारे में पार्टनर को बताएं उसके बाद उनसे उसकी राय जानें।
छोटी-छोटी बातों पर ताने देनादांपत्य जीवन में कभी पुरुष तो कभी महिलाएं एक दूसरे को छोटी-छोटी बातों पर ताने देना शुरू कर देते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप दोनों के बीच में लड़ाईयां हो रही हैं तो वह घर वालों को बीच में ले आते हैं या अगर आप कोई स्पेशल दिन भूल गए या किसी काम को करना भूल गए तो उससे लेकर बार-बार ताने देना शुरू हो जाते हैं। इससे भी रिश्ता कमजोर हो जाता है। दांपत्य जीवन में छोटी मोटी टतकरार रिश्ते में प्यार बढ़ा सकती हैं। लेकिन हर बात पर टकराव करना ताने देना या एक दूसरे को सुनाना रिश्ते को कमजोर कर सकता है। ऐसे में इस आदत को समय रहते बदलना जरूरी है।
अपने फैसले में अपने जीवन साथी की राय ना लेंयदि आप कोई निर्णय ले रहे हैं और वह फैसला आपके जीवन आपके दांपत्य जीवन पर प्रभाव डाल सकता है तो ऐसे में पार्टनर की राय लेना भी जरूरी है। अगर आप ऐसी परिस्थिति में अपने पार्टनर की राय नहीं लेते हैं और खुद ही फैसला करते हैं तो हो सकता है कि आपके पार्टनर के मन में यह विचार आए कि आप हमसे प्यार नहीं करते या उनके मन में किसी भी प्रकार का शक भी पैदा हो सकता है। ऐसे में यदि आप अपने जीवन से अपने पार्टनर से जुड़े किसी भी प्रकार का फैसला कर रहे हैं तो उसके बारे में अपने पार्टनर को जरूर बताएं।