क्या कहती है मेरे ऑफिस की वो खिड़की

अक्सर हम अपने ऑफिस की खिड़की से बाहर झाँकने लग जाते है और ना जाने कितने ही ख्यालो में खो जाते है। अक्सर कभी काम के अधिक हो जाने से कुछ समय का आराम करने के लिए हम ऑफिस की खिड़कियों पर खड़े हो कर आस पास की गतिविषियोँ को देखने लग जाते है जिससे हमारे मन में कई नये विचार उत्पन्न होने लगते है। तो आइये जानते है जब हम ऑफिस की खिड़की से बाहर देखते है तो हम क्या क्या सोचते है।

माहौल देखना

ऑफिस की खिड़की से बाहर जब हम देखते है तो हमे दुनिया की बहुत भीड़ नज़र आती है। वहा से बाहर की चहल पहल और आस पास के लोगो का माहौल देखने को मिलता है।

भूख का लग जाना

अक्सर हमने देखा होगा की ऑफिस के बाहर कोई थड़ी, या केन्टीन हमें देखने को मिल जाती है। वहाँ पर बैठे लोगो को खाते देख हमारे पेट में भी भूख लगनी शुरू हो जाती है।

भविष्य के बारे में सोचना

हम अभी क्या कर रहे और आगे हमारा क्या लक्ष्य है ऐसे कई विचार हमारे मन में खिड़की के पास खड़े हो कर आने लगते है। हम अपने भविष्य के सुनहरे सपनो की कल्पना करने लग जाते है।

पुरानी यादे ताज़ा होना

यदि कभी चार पाँच दोस्तों का समूह हमे नज़र आ जाता है तो हमें उस समय अपने स्कूल और कॉलेज दोस्तों की याद आने लगती है और हम वही पर खो से जाते है।

नई गाड़ी देखना

अपने मन में कई ऐसे विचरो को सोचते हुआ अचानक से हमारी नज़र किसी अच्छी कार, बाइक या स्कूटी को देखते हे तो हमारे मन में भी उसे पाने का ख्वाब सजने लगता है और उसे पाने के लिए हम अधिक परिश्रम करने लगते है एक बेहतर जॉब की तलाश में निकल पड़ते है।