दिल नहीं दिमाग पड़ता है इश्क में, जानें प्यार से जुड़े ऐसे ही कुछ मजेदार तथ्य

प्यार का अहसास अपनेआप में एक अनोखी अनुभूति हैं जिसे सभी अपने जीवन में कभी ना कभी महसूस करते हैं। यह प्यार किसी से भी हो सकता हैं। प्यार में तीन तरह की भावनाएं जुड़ी हैं जिसे वासना, आकर्षण और लगाव में वर्गीकृत किया गया हैं। यह सब आपके मस्तिष्क से जुड़ा हैं और विभिन्न हार्मोन से इसका नाता होता हैं। ऐसे में आज हम आपको प्यार से जुड़े मजेदार तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। तो आइये जानें प्यार से जुड़े इन फैक्ट्स के बारे में...

प्यार में पड़ने में लगता है एक सेकंड का सिर्फ पांचवां हिस्सा

किसी के साथ प्यार में पड़ने के एक सेकंड का सिर्फ पांचवां हिस्सा ही काफी होता है। ये हम नहीं कह रहे, जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित एक मेटा-एनालिसिस स्टडी में पाया गया कि प्यार में पड़ने के लिए केवल एक सेकंड का पांचवां हिस्सा लगता है।

प्यार में भूख और नींद होती है कम

आपने अक्सर महसूस किया होगा कि जब आप प्यार में होते हैं तो भूख का अहसास कम होता है और नींद भी कम आती है। दरअसल जब आप प्यार और आकर्षण के दौर में होते हैं तो आपकी बॉडी में डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन हार्मोन ज्यादा मात्रा में रिलीज़ होते हैं। जिसके रिलीज़ होने पर आप ख़ुशी और उत्साह महसूस करते हैं जिससे भूख कम लगने और नींद न आने की स्थिति बनती है।

प्यार में होने पर खुद में होता है बदलाव

प्यार में पड़ने के बाद लोगों में अक्सर बदलाव देखने को मिलता है। उनकी पसंद-नापसंद बदल जाती है और वो खुद का ख्याल रखने लगते हैं। जर्नल ऑफ पर्सनेलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि प्यार में पड़ने के बाद अलग-अलग तरह के इंट्रेस्ट भी लोगों में बढ़ने लगते हैं।

प्यार पेन किलर की तरह करता है काम

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि प्यार की बहुत गहरी इमोशनल फीलिंग्स को पेन किलर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। यानि आपके दर्द को उस इंसान का साथ काफी हद तक कम करने में मदद करता है जिससे आप प्यार करते हैं।

अंधा होता है प्यार

जब आप प्यार में होते हैं तो आप अच्छे-बुरे की समझ से कुछ दूर हो जाते हैं। रिचर्ड श्वार्ट्ज और जैकलीन ओलड्स जो हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर और और डॉक्टर हैं जो एक मैरिड कपल हैं और प्रेम के विकास का काफी समय से अध्ययन कर रहे हैं उन्होंने एक अध्ययन में, 'प्यार अंधा होता है' के पीछे के विज्ञान को सामने रखा है। उनके अनुसार प्यार की फीलिंग आपके अंदर से डर या किसी भी तरह की निगेटिव फीलिंग को ख़त्म कर देती है क्योंकि ये आपकी उस नर्व को डिएक्टिवेट कर देती है जो इस तरह की फीलिंग के लिए ज़िम्मेदार होती है। इसलिए जब आप प्यार में पड़ना शुरू करते हैं, तो महत्वपूर्ण आकलन करने की आपकी क्षमता कम हो जाती है।

प्यार करता है बीमार

जब आप प्यार में होते हैं तो कभी-कभी आप खुद को तनाव में महसूस करते हैं जो आपको बीमार फील करवाता है। हालांकि यह साबित नहीं हुआ है कि प्यार शारीरिक रूप से बीमार बनाता है लेकिन हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर रिचर्ड शवार्ट्ज के अनुसार, प्यार के दौरान कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है। कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है जो आपकी इम्यूनिटी को कमज़ोर करता है जिससे बीमार होने की संभावना रहती है।

केयर और आभार से आता है रिश्तों में सुधार

हर कोई चाहता है कि उसकी देखभाल और सराहना की जाये साथ ही छोटी-छोटी चीज़ों के लिए आभार भी व्यक्त किया जाये। अध्ययनों में पाया गया है कि आभार वास्तव में रिश्तों को बेहतर बना सकता है। जिन जोड़ों ने अपने साथी का आभार व्यक्त करने के लिए समय लिया, उन्होंने अपने साथी के प्रति खुद को ज्यादा सकारात्मक महसूस किया साथ ही अपने रिश्ते को भी गंभीरता से लिया।

प्यार में पड़ने पर दिमाग के कई हिस्से करते हैं काम

जब आप किसी के साथ प्यार में पड़ते हैं तो दिमाग के कई हिस्से काम करते हैं। एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं की टीम ने खुलासा किया है कि मस्तिष्क के 12 क्षेत्र एक साथ उत्सर्जित करने वाले रसायनों को जारी करने के लिए काम करते हैं। रसायनों के डोपामाइन, ऑक्सीटोसिन, एड्रेनालाईन और वैसोप्रेसिन हाई सेंसेशन को महसूस करते हैं।

दिल नहीं बल्कि दिमाग पड़ता है प्यार में

प्यार में दिल पड़ता है या दिमाग ये बात स्पष्ट नहीं हो सकी है लेकिन सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टेफ़नी ऑर्टगेट का मानना है कि यह काम दिमाग का है हालांकि इसमें दिल भी शामिल है। जर्नल ऑफ सेक्शुअल मेडिसिन में लिखा है। प्यार में पड़ने पर दिमाग के कुछ हिस्सों में सक्रियता दिल में उत्तेजना पैदा कर सकती है जैसे पेट में तितलियां। कुछ लक्षण जिन्हें हम दिल के एक्सप्रेशन के रूप में महसूस करते हैं, कभी-कभी मस्तिष्क से आ सकते हैं।