घर के बुजुर्गों को रखना है स्वस्थ और खुश, दें उन्हें इस तरह का माहौल

बुजुर्गों का साया जिस भी घर में होता हैं उस घर से जुड़ी कई तकलीफें आसानी से हल हो जाती हैं। बुजुर्गों का अनुभव और आशीर्वाद आपको हमेशा आगे बढ़ने की ओर अग्रसर करता हैं। लेकिन कई बार लोगों को अपने बुजुर्गों से शिकायत रहती हैं कि वे हर बात में रोकटोक करते हैं और कभी भी खुश नहीं रहते है। तो ऐसे में जरूरत होती हैं आपको उनके प्रति अपना व्यवहार बदलने की। कहा जाता हैं कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती चली जाती हैं वैसे-वैसे बुजुर्ग बच्चे बनते चले जाते हैं। ऐसे में आपको अपने बुजुर्गों से ऐसा व्यवहार करने की जरूरत होती हैं जैसे अपने बच्चों के साथ करते हो। आपका अपनापन और प्यार उन्हें सुरक्षित माहौल प्रदान करवाता हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से घर के बुजुर्ग स्वस्थ और खुश रहेंगे।

एक्टिव रखें

वैसे तो एक उम्र ऐसी आती है, जब इंसान के लिए चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बुजुर्गों के लिए फिट और एक्टिव रहना आसान काम नहीं होता। ऐसे में आप उन्हें फिट और एक्टिव रखने के लिए योग और व्यायाम करने में मदद करें। बुजुर्गों को व्यायाम और योग करने के लिए प्रेरित करते रहें। साथ भी खुद भी व्यायाम करें। इससे न केवल उनकी शारीरिक बीमारियां दूर भागेंगी बल्कि आपका अकेलापन भी दूर होगा और वह फिट भी रहेंगे।

सुरक्षित माहौल दें

बुजुर्गों के लिए स्ट्रेसफ्री होना बहुत ही ज़रूरी है, जबकि ऐसा हो नहीं पाता। समाज में बुजुर्गों के साथ बढ़ती हिंसा उनके मन में डर पैदा कर सकती है। ऐसे में आप घर और आसपास सीसीटीवी कैमरा लगवा सकते हैं। आप चाहें तो उनके साथ जीपीएस ट्रैकर रख सकते हैं, जो उनकी गतिविधियों को बताते रहे। बुजुर्गों को अगर ज्यादा कमजोरी महसूस हो या फिर भूलने की आदत हो तो उनके बाहर जाने पर उन पर नजर रखें। उन्हें घर वापिस आने में देर हो जाए तो बाहर देखने जरूर जाएं। बड़े बुजुर्ग अगर कोई काम करना चाहते हैं तो उन्हें मना न करें। अगर आप उन्हें मना करते हैं तो उन्हें लगता है कि आप उन्हें रोक-टोक कर रहेे हैं।

तनाव से रखें दूर

जहां तक संभव हो आप उनके भविष्य की चिंता को दूर करते रहें और यह एहसास दिलाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं। यह भी एहसास दिलाना ज़रूरी है कि आपको उनकी ज़रूरत है और हमेशा रहेगी। अगर वे भूलने लगे हैं और किसी मेडिकल स्थिति से डरे हुए हैं, तो उनका डर खत्म करने का प्रयास करें। इससे वे निश्चिंत रहेंगे और बेहतर महसूस करेंगे।

ज़रूरी बातों पर लें परामर्श

आप अगर उनसे अपनी पर्सनल प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने में मदद लेंगे, तो वे खुद को आपके लिए ज़रूरी समझेंगे। ऐसे में आप उनसे हर तरह का परामर्श लें और ज़रूरी बातें शेयर करें। उनके गुस्से को सहना सीखें। कभी भी उनका विरोध न करें। आप कभी ऐसे शब्द न बोलें जिससे उनके मन को ठेस पहुंचे। वे अपशब्द बोल दें तो चुपचाप सुन लें, पलटकर जवाब न दें।

एकसाथ खाना खाएं

उनसे वसीयत, पॉवर ऑफ अटार्नी के बारे में बेहिचक प्यार से बात करें। उनकी सलाह भी सुनें और उन्हें अपने मुताबिक सलाह भी दें। इससे रिश्तों में खुलापन आएगा। उन्हें उनके मन के मुताबिक निर्णय लेने दें। आपसी प्यार बढ़ाने के लिए एक साथ बैठ खाना खाएं। इससे उनका अकेलापन भी दूर होगा और रिश्तों में मिठास भी आएगी। उन्हें कभी-कभी अपने साथ बाहर घूमने लेकर जाएं। इससे उनके मन को खुशी पहुंचेगी।

नए दोस्त बनाने दें

बुजुर्गों को हमेशा सम्मान दें। उन्हें कभी भी ऐसी बात न कहें जिससे उनके मन को ठेस लगे। उन्हें बाहर लोगों से मिलने दें और नए दोस्त बनाने दें। इससे उनका अकेलापन दूर होगा और वह हमेशा खुश रहेंगे। उनके अनुभव और कहानी को ध्यान से सुनें। शायद उनकी सुनाई कहानी से आपको जीवन की किसी परेशानी का हल मिल जाए।

पॉकेट मनी दें

आप खुलकर पैसों की ज़रूरत पर बात करें और उनके बीमा संबधी मामलों पर बातचीत करें। जाहिर सी बात है, 70-80 की उम्र में भागदौड़ करना संभव नहीं है। अगर वे बैंक नहीं जा पाते, तो पैसे निकालना, उनके हर ज़रूरी काम पर घर के सदस्यों को ही ध्यान देना होगा।

इंटरनेट से जोड़ें

डिजिटल युग में जिस प्रकार आप अपने बच्चों को हर चीज यूज करना सिखाते हैं, अपने पेरेंट्स को भी अपग्रेट करते रहें और उन्हें मोबाइल, लैपटॉप आदि यूज़ करना सिखाएं, ताकि आप जब घर पर ना हों, तो उन्हें अकेलापन महसूस ना हो और अपना समय वे एन्जॉय करते हुए बिता सकें।