क्या आपका बच्चा भी दिनभर घुसाए रखता हैं टीवी-मोबाइल में नजरें, इस तरह छुड़ाए यह आदत

तकनिकी बढ़ने के साथ ही जिंदगी में कई सहूलियत हो गई हैं। लेकिन यह सहूलियत सेहत पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं क्योंकि लोगों को इनकी लत पड़ चुकी हैं। हांलाकि इनका सही उपयोग किया जाए तो ये किसी वरदान से कम नहीं हैं। आजकल देखने को मिलता हैं कि बच्चे दिनभर टीवी-मोबाइल में आंखें गड़ाए रहते हैं जो उनकी आंखों के लिए तो नुकसानदायक है ही, लेकिन साथ ही में इनकी वजह से फिजिकल एक्टिविटी में भी कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाते हैं जिसकी वजह से सेहत पर भी असर पड़ता हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने भी गाइडलाइन्स जारी की हैं जिनमें कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन को बच्चों के जीवन का हिस्सा न बनाएं। ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स देने जा रहे है जिनकी मदद से बच्चों को टीवी-मोबाइल से दूर किया जा सकता हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

सेट करें टाइमर

अक्सर ऐसा होता है कि जब बच्चा टीवी देख रहा होता है या फिर आई पैड आदि पर बिजी होता है और आप उसे वह बंद करने के लिए कहती हैं तो उनका यही जवाब होता है कि मम्मी बस दो मिनट और। मम्मी बस पांच मिनट। इस तरह वह काफी सारा वक्त स्क्रीन पर बिता देते हैं। ऐसे में बच्चों के स्क्रीन टाइम को लिमिटेड करने का सबसे आसान तरीका है कि आप बच्चों को गैजेट्स देने से पहले उसमें टाइमर सेट कर दें। इस तरह अगर आपने बच्चे के लिए आधे घंटे का समय सुनिश्चित किया है तो आधे घंटे बाद वह गैजेट खुद ब खुद बंद हो जाएगा।

सेट करें एग्जाम्पल

बच्चे घरवालों को देखकर ही चीजें सीखते हैं। अगर वे आपको न्यूजपेपर या किताबें पढ़ते देखेंगे तो उन्हें ऐसा करना पसंद आएगा। वहीं अगर आप उनके सामने हर वक्त टीवी या मोबाइल देखेंगे तो उन्हें भी इसकी लत लग जाएगी।

किड्स फ्रेंडली एप

अगर आप बच्चे के हाथ में फोन दे रहे हैं या वह टीवी पर कुछ देख रहे हैं तो यह जरूर सुनिश्चित करें कि वह किड्स फ्रेंडली हो। अगर आपके फोन या अन्य गैजेट में कुछ ऐसा है, जिसे बच्चे को नहीं देखना चाहिए तो आप उस एप में अलग से लॉक जरूर लगाएं।

बच्चों से करें बात

बच्चों से पूछें कि उन्हें कौन से प्रोग्राम्स पसंद हैं। उनके साथ कुछ दिन प्रोग्राम देखें अगर आपको लगता है कि ये बच्चे के लिए ठीक नहीं तो उन्हें दूसरे प्रोग्राम्स दिखाएं। उन्हें समझाएं भी कि आपने ऐसा क्यों किया। उन्हें कभी इस बात को लेकर डांटें नहीं।

टीवी देखने का वक्त सेट करें

टीवी पर पूरी तरह से बैन न लगाएं बल्कि एक टाइम फिक्स कर दें। उन्हें अगर पता होगा कि वे स्कूल के बाद एक प्रोग्राम देख सकते हैं और शाम को देख सकते हैं तो उनकी एक के बाद एक शो देखते जाने की आदत पर रोक लगेगी। कभी-कभी इस रूल में छूट भी दें।

सोने से पहले न देखने दें ऐसे प्रोग्राम

सोने से पहले बच्चे हिंसक और डरावने प्रोग्राम देखते हैं तो उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कोशिश करें कि वे सोने से पहले टीवी न देखें, अगर देख ही रहे हैं तो कॉमिडी या ज्ञानवर्धक प्रोग्राम देखने दें। सबसे अच्छा तरीका है बच्चों के और अपने बेडरूम में टीवी न रखें।

बच्चों के साथ खेलें

अगर आप चाहते हैं कि बच्चा स्क्रीन पर कम समय बिताएं तो आप बच्चे के लिए बनाए गए रूल्स का पालन खुद भी करें। बच्चे को बिजी रखने के लिए आप उसे कुछ अच्छे गेम्स लाकर दे सकते हैं या फिर कुछ वक्त बिताकर उसके साथ खेलें, ताकि उसे बोरियत का अहसास ना हो। बच्चों के साथ इनडोर और आउटडोर गेम्स खेलें। ऐसे बच्चों के साथ पैरंट्स की बॉन्डिंब भी मजबूत होती है।