बच्चों को लेकर पैरेंट्स कर बैठते हैं ये गलतियां, पड़ता हैं नकारात्मक प्रभाव

हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा एक अच्छा इंसान बने और इसके लिए वे बच्चों को सीख देते रहते हैं। लेकिन आपको यह भी जानने की जरूरत हैं कि बच्चे आपको देखकर ही बहुत चीजें सीखते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को भी अपना बर्ताव अच्छा रखना चाहिए अन्यथा बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको पैरेंट्स की कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। तो आइये जानते हैं पैरेंट्स की इन गलतियों के बारे में।

बच्चों को ज़रूरत से ज़्यादा सुरक्षा देना

जब पैरेंट्स बच्चों को ज़रूरत से ज़्यादा सुरक्षा प्रदान करते हैं, तो उनका आत्मविश्‍वास कमज़ोर पड़ने लगता है। जब उनके सामने आत्मविश्‍वास से भरपूर बच्चे आते हैं, तो उनमें ईर्ष्या या हीनभावना पनपने लगती है।

बच्चों को बिगाड़ना

सभी पैरेंट्स अपने बच्चों को बहुत लाड़-प्यार से पालते हैं, लेकिन कुछ बच्चे उनके इसी लाड़-प्यार का नाजायज़ फ़ायदा उठाते हैं, जब उन्हें इस बात का पता चलता है कि उनके घर में दूसरा नन्हा मेहमान आनेवाला है, तो वे अपने को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं। धीरे-धीरे असुरक्षा की यह भावना उनके मन में घर करने लगती है, जो आगे चलकर ईर्ष्या में बदल जाती है। कई बार बच्चे अवसाद में भी चले जाते हैं और दूसरे बच्चे के सामने उन्हें अपना अस्तित्व ख़तरे में लगने लगता है।

अन्य बच्चों के साथ तुलना करना


प्रतिस्पर्धा के दौर में अधिकतर पैरेंट्स अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से करते हैं, जिसका ख़ामियाज़ा बच्चों को भुगतना पड़ता है, परिणामस्वरूप उनमेंईर्ष्या और प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ने लगती है और उनका आत्मविश्‍वास कम होने लगता है।

ब़ड़े की उपेक्षा कर छोटे बच्चे पर अधिक ध्यान देना

अधिकतर पैरेंट्स को इस स्थिति का सामना करना पड़ता है। पहला बच्चा जब बड़ा हो जाता है, तो छोटा होने के कारण दूसरे बच्चे की तरफ़ पैरेंट्स का अधिक ध्यान देना स्वाभाविक है, जिसके कारण पहले बच्चे में जलन की भावना बढ़ने लगती है।

ओवर कंट्रोल करना


बच्चों को अनुशासित रखने के लिए कुछ पैरेंट्स उन पर ज़रूरत से ज़्यादा नियंत्रण और सख्ती करते हैं। उनकी इस ग़लती के कारण बच्चों में ईर्ष्या पैदा होने लगती है। बिना बताए उनके साथ सख्ती करना या उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए ज़बर्दस्ती नियम-क़ानून थोपने से बच्चों में आत्मविश्‍वास की कमी होने लगती है और वह ख़ुद को अपने भाई-बहन और दोस्तों से कमतर आंकने लगते हैं।