बच्चों का होता हैं खिलौनों से अलग ही रिश्ता, खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान

बच्चे किसी भी उम्र के हो उनके मनोरंजन का साथी बनते हैं उनके खिलौने जो सभी को पसंद आते हैं। बच्चों का खिलौनों से अलग ही रिश्ता और लगाव होता हैं जो आसानी से देखा जा सकता हैं। वहीँ खिलौने बच्चों को सीखाने का भी एक जरिया बनता हैं। खेलखेल में ही बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है। ऐसे में बच्चों के लिए खिलौने खरीदते समय जरूरी हो जाता हैं कि कुछ जरूरी बातों पर ध्यान दिया जाए ताकि बच्चों की जरूरत को समझते हुए उनकी पसंद के खिलौने लिए जा सकें। आज इस कड़ी में हम आपको उन जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।

बच्चों के लिए सुरक्षित हो

बच्चे के लिए खिलौने खरीदते समय इस बात का ध्यान ज़रूर रखना चाहिए कि वो पूरी तरह से सुरक्षित हो। खिलौने ज्यादा नुकीले न हों इससे बच्चे को चोट लग सकती है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि खिलौने बहुत ज्यादा कलरफुल न हों क्योंकि रंगों में केमिकल्स की वजह से खिलौने विषाक्त हो सकते हैं जिससे बच्चे की सेहत को खतरा हो सकता है। इसके साथ ही बच्चे के लिए खिलौने खरीदने से पहले उसकी उम्र को भी ध्यान में रखना ज़रूरी है। उदाहरण के तौर पर तीन साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सिर्फ फोम, फर, कपड़े और रूई के खिलौने ही सुरक्षित होते हैं।

उम्र के उपयुक्त हो

जब भी आप छोटे बच्चों के लिए खिलौना खरीदने जाएं, तो ध्यान रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात है कि खिलौनों का बच्चे की उम्र के साथ कितनी उपयोगिता है? अगर आप सही खिलौना नहीं लेंगे, फिर आपके बच्चे की रूचि इन खिलौनों के साथ नहीं होगा। इसी बात को दूसरों के बच्चों के लिए भी उपहार खरीदते समय ध्यान देना आवश्यक है। छोटे बच्चों के लिए खिलौनें खरीदते समय उनकी उम्र का ध्यान रखें।

तय करें प्राथमिकताएं

यह भी एक जरूरी टिप है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आजकल वुडन से लेकर प्लास्टिक तक, सॉफ्ट टॉय से लेकर एजुकेशनल गेम्स तक बच्चों के लिए काफी कुछ अवेलेबल हैं। इसलिए, जब भी आप ऑनलाइन खिलौने खरीदें, तो पहले यह अवश्य तय करें कि आप बच्चे के लिए किस तरह के खिलौने खरीदना चाहती हैं। जब आपके दिमाग में पहले से ही खिलौनों को लेकर रूपरेखा तैयार होती है तो आप बच्चे के साथ बैठकर एक बेहतरीन खिलौना खरीद सकती हैं।

एक्टिविटी को बढ़ावा देने वाले हो

कोरोना के इस दौर में ज़रूरी है कि बच्चे अपना ज्यादा समय घर में भी बिताएं, ऐसे में वीडियो गेम और ब्लॉक्स जैसे खिलौने खरीदने से बेहतर होगा कि ऐसे खिलौनों का चुनाव किया जाए जिससे बच्चे की फिज़िकल एक्टिविटी होती रहे और बच्चा घर में एक जगह बैठने की बजाय खेलते हुए चलता-फिरता भी रहे।

क्रिएटिव थिंकिंग वाले हो

खिलौने बच्चों के साथी हैं। बच्चे अकेले होने पर अधिकतर या तो सो रहे होते हैं, या फिर खिलौनों करे साथ खेल रहे होते हैं। एक साल की उम्र के बच्चे अपनी कल्पना का उपयोग अधिक करते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें, कि आप उन्हें जो बेबी टॉयज दे रहे हैं, वे इसे प्रोत्साहित करते हैं ! मसलन, अगर कुछ बिल्डिंग ब्लॉक खरीदेंगे, तो बच्चा जो उसे इधर-उधर बिखेर कर कोई आकृति बनाने की कोशिश करेगा। इससे उनकी रचनात्मकता को बढ़ने का मौका देता है।

सामाजिक मूल्यों की शिक्षा देने वाले हो

खिलौने ऐसे होने चाहिए जो बच्चों को सामाजिक मूल्यों के प्रति शिक्षित कर सकें। बच्चों को बंदूक या तलवार जैसे खिलौने नहीं देने चाहिए न ही चोर, डकैत की वेशभूषा वाले खिलौने ही देने चाहिए। क्योंकि बच्चे खिलौनों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं इसलिए ऐसे खिलौने बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डालते हैं।

एजुकेट करने वाले हो

बच्चों के लिए ऐसे खिलौने का चुनाव करें जो मनोरंजन के साथ उनको एजुकेट भी कर सके। बच्चों के लिए प्रकृति, साहित्य, विज्ञान और गणित जैसे विषयों से जुड़े खिलौनों को चुने। बच्चों के साथ खेलकर पहले खिलौने के बारे में उनको पूरी जानकारी दें ताकि बच्चा आसानी से समझ सके और बाद में खिलौने के ज़रिये उसको शिक्षा भी मिल सके।