शादी सभी के जीवन में मायने रखती है और जीवन का सबसे महत्वपूर्ण फैसला होता है। शादी जीवन में एक बड़ा बदलाव लेकर आता है। शादी के बाद लड़की अपना घर छोड़कर नई जिंदगी बसाने आती हैं। लेकिन यह कहना कि शादी के बाद सारे एडजस्टमेंट्स लड़कियों को ही करना पड़ता है, ये गलत है। शादी के बाद एक लड़का भी उतना ही एडजस्ट करने की कोशिश करता है जितना कि एक लड़की करती है। गृहस्थी की गाड़ी को चलाने के लिए लड़के भी उन्हें स्वीकार लेते हैं। शादी के बाद बदलाव होना लाजमी हैं। आज यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि शादी के बाद लड़कों की जिंदगी में क्या-क्या बदलाव आते हैं।
सीख जाता है बांटना
अकेला होना कभी-कभी एक सुखद एहसास देता है। इस दौरान आप जीवन के सुखद पलों के अकेले मालिक होते हैं और उसमें किसी के हस्तक्षेप की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं होती। शादी के बाद आपका पर्सनल स्पेस पहले की तरह नहीं रह जाता। अब आपको हर छोटी-बड़ी चीज अपनी पत्नी और परिवार के साथ बांटनी पड़ती है। यहां तक कि आपको बाथरूम भी शेयर करना पड़ता है। शादी के बाद पहले अपनी पत्नी के साथ और फिर बच्चों के साथ आपको अपना वक्त बांटना पड़ता है।
प्राइवेसी से समझौता
अकेले रहना भी कभी-कभी दिलचस्प लगने लगता है। अकेलेपन में आप ही अपने साथी होते हैं और आप अपना सुख-दुख अपने साथ ज्यादा बांटने लगते हैं, ऐसे में किसी दूसरे का हस्तक्षेप आपको पसंद नहीं आता है लेकिन शादी के बाद लड़कों को ये प्राइवेसी नहीं मिल पाती है। अब आपको हर छोटी-बड़ी बात के लिए अपने परिवार और पत्नी से सलाह लेनी पड़ती है और उनसे बांटना पड़ता है। यहां तक कि बाथरूम भी शेयर करना पड़ता है। शादी के बाद पत्नी और फिर बच्चों के साथ समय बंट जाता है।
होना पड़ता है सोशल ऐक्टिव
शादी केवल दो लोगों का मिलन ही नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। शादी के बाद कई रिश्ते-नाते हमसे जुड़ जाते हैं जिनके प्रति हमें जवाबदेह होना पड़ता है। रिश्ते काफी नाजुक होते हैं इसलिए शादी के बाद इनका खास ख्याल रखना पड़ता है। हालांकि कुछ लोगों को एकांत पसंद होता है और वे ज्यादा सोशली ऐक्टिव नहीं रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए शादी के बाद यह बड़ी चुनौती होती है।
बनाना पड़ता है तालमेल
कुंवारे लड़के अपनी मर्जी से दोस्तों के साथ कभी भी घूमने के लिए निकल पड़ते है लेकिन शादी के बाद उन्हें रिश्तों का बराबर समय देना पड़ता है। पत्नी के आने के बाद मर्दों को अपने मां-बाप, भाई-बहन के साथ-साथ बाकी सगे-संबंधियों के लिए समय निकालना व उनके साथ तालमेल बिठा कर रखना पड़ता है। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो रिश्तों में दरारें आने लगती हैं।
समय का महत्व आता है समझ
लड़के जब अविवाहित होते हैं तो वे खाली समय में अक्सर दोस्तों के साथ घूमने चले जाते हैं, अपने शौक में लग जाते हैं या फिर देर तक घर से बाहर रहने में भी उन्हें ज्यादा सोचना नहीं पड़ता है लेकिन विवाह के बाद यह सब बदल जाता है क्योंकि उन्हें अपना समय अपने हमसफर के साथ बांटना होता है, घर के काम और जिम्मेदारियों को देखना होता है।
भविष्य को लेकर हो जाते हैं सतर्क
जो लड़के शादी से पहले मौज-मस्ती के चक्कर में अपने भविष्य की प्लानिंग करना भूल जाते थे, वहीं शादी के बाद अपने फ्यूचर को लेकर और भी सतर्क हो जाते हैं क्योंकि उनमें मन में परिवार व पार्टनर को संतुष्ट रखने की फिक्र जन्म लेने लगती हैं। परिवार के स्वास्थ्य व इच्छाएं, उसकी सुरक्षा के लिए वो पहले ही प्लानिंग करना शुरू कर देता है।