दोस्ती में कड़वाहट का कारण बन सकती हैं ये बातें, ना आने दें अपने रिश्ते के बीच

दोस्ती रिश्तों का सबसे महत्वपूर्ण और गहरा भाव है। कई बार दोस्ती का यह रिश्ता रक्त सम्बन्धों से भी ऊपर हो जाता है। दोस्ती को सबसे पवित्र और मजबूत रिश्ता माना गया है जिसमें लोग जीने मरने की कसमें तक खाते हैं। यह इसलिए हो पाता हैं क्योंकि इस रिश्ते को इंसान खुद बनाता है। अगर आपकी जिंदगी में एक सच्चा दोस्त है तो वह आपको जीवन की कठिनाइयों में टूटने नहीं देता। ऐसे में सबके पास एक सच्चा दोस्त होना जरूरी हैं। लेकिन आपको यह भी समझने की जरूरत हैं कि जिस तरह आप दूसरे रिश्तों को संभालते हैं, उसी तरह आपको अपनी दोस्ती का रिश्ता भी संभालने की जरूरत होती हैं। जी हां, आपकी कुछ आदतें या बातें दोस्ती में कड़वाहट का कारण बन सकती हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें कभी भी अपनी दोस्ती के रिश्ते के बीच नहीं आने देना चाहिए। आइये जानते हैं इसके बारे में...

नजरअंदाज करना

किसी और की वजह से अपने सच्चे दोस्त को नजरअंदाज न करें। चाहे वह स्कूल-कॉलेज में बना आपका नया दोस्त हो, कॉलोनी में आया नया फ्रेंड या गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड। याद रखिए आपका सच्चा दोस्त इन सबसे पहले से आपके साथ है। जब आप किसी नए रिश्ते की वजह से पुराने रिश्ते से एकदम कट जाते हैं तो किसी को भी बुरा लगना स्वाभाविक है। इससे यह प्रश्न भी उठता है कि क्या अब तक की आपकी दोस्ती सिर्फ मतलब की दोस्ती थी, इसमें आपकी तरफ से कोई स्थाइत्व नहीं था? इसलिए नए दोस्त अथवा नए रिश्ते बनाते हुए भी अपने पुराने सच्चे दोस्त को जोड़े रखें। उसे कभी यह महसूस न होने दें कि उसकी जगह आपके जीवन में सबके बाद है। इस व्यवहार से दोस्त भी स्थिति को समझते हुए आपको पूरा स्पेस देगा और आपके नए रिश्तों का सम्मान भी करेगा।

डिमोटिवेट करना

एक दोस्त को दूसरे दोस्त के मोटिवेशन की हमेशा जरूरत होती है। हो सकता है कि आपका दोस्त कोई ऐसा काम करने जा रहा हो जो उसके लिए मुश्किल हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप उसे डिमोटिवेट करें। आपने अक्सर एक दोस्त को दूसरे दोस्त से कहते सुना होगा कि 'बेटा तुमसे न हो पाएगा'। हो सकता है कि ये बात मजाक में ही कही जा रही हो लेकिन बार-बार एक ही तरह की बात कहने से आपके दोस्त में आत्मविश्वास की कमी आ जाए और वह आपसे नाराज भी हो जाए।

पीठ पीछे बुराई

कभी भी अपने दोस्त की बुराई किसी दूसरे दोस्त से नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते है तो आपके दोस्त को काफी ज्यादा बुरा लग सकता है और इससे आपकी दोस्ती भी खराब हो सकती हैं। अगर आपको अपने दोस्त की कोई चीज या कोई आदत पसंद नहीं है तो आप उसे सामने से कहें, या उसे समझाएं। लेकिन आपको उसकी बुराई नहीं करनी चाहिए।

झूठ बोलना

अगर आप किसी को अपना सच्चा दोस्त मानते हैं, तो उनसे कभी भी किसी बात को लेकर झूठ न बोले। कई बार आप अपने बेस्टफ्रेंड से भी कुछ बातों को लेकर सच नहीं बोलते, जिससे बाद में उन्हें तकलीफ पहुंचती है और आपकी फ्रेंडशिप कमजोर पड़ जाती है। दोस्ती में झूठ की कोई गुंजाइश नहीं होती और न ही वहां कोई आपको जज करता है। यही कारण है कि अपने दोस्तों के सामने लोग वैसे ही रहते हैं, जैसे वे असल में होते हैं। आप भी अपने अच्छे दोस्तों के साथ सच्चाई के साथ रहें।

अधिक निर्भरता

अक्सर हम अपने छोटे-छोटे काम दोस्त को बोलकर करवा लेते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें, कि हर काम के लिए दोस्तों पर निर्भरता ठीक नहीं है। ऐसा करने से आप दोस्त पर बोझ बन सकते हैं। शायद वह आपको यह बात नहीं कह पाए, लेकिन यह भावना आपके रिश्ते में दीमक की तरह कार्य करती है। हमेशा ध्यान रखें, कि दोस्तों पर निर्भरता की एक सीमा है। हो सकता है, कि उनकी निजी जिंदगी और काम आपके कारण प्रभावित हो रहे हों। इसीलि‍ए उस पर बोझ न बनें, कोशिश करें कि अपना कार्य स्वयं करें।

नीचा दिखाना

दोस्ती में अगर आप किसी को नीचा दिखाते हैं तो समझो आपकी दोस्ती ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने दोस्त को भी नीचा दिखाए बिना नहीं रह पाते हैं। आपको हमेशा अवॉयड करेंगे। इससे आपकी दोस्ती पर असर पड़ता है। आपका रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चल सकता है। दोस्तों के लुक्स का मजाक उड़ाना लोग अपना अधिकार समझते हैं लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। ये किसी के बस में नहीं होता कि वो अपना चेहरा या लुक्स बदल ले। जो जैसा है उसे वैसा ही पसंद करें। बार-बार मजाक उड़ाने से उसका कॉन्फिडेंस खो सकता है और आपके रिश्ते में भी दरार आ सकती है।

विश्वासघात

कभी-कभी जानबूझकर, मस्ती में या परिस्थि‍तिवश हम अपने दोस्तों की पर्सनल बातों के दूसरों के सामने उजागर कर देते हैं, या फिर बगैर उसकी जानकारी के उसके विश्वास को तोड़ने वाला कोई कार्य कर देते हैं। यह बातें आगे चलकर दोस्ती में दरार पैदा कर देती है और कभी-कभी दोस्तों से उम्रभर की दूरी पैदा कर देती है। हमेशा अपने दोस्त का विश्वास कायम रखें। उसने अपना मानकर ही आप विश्वास किया है, इस बात का ध्यान रखें। अगर आपसे ऐसी कोई गलती हुई है, तो दोस्त से बिल्कुल न छुपाएं,और साफ तरीके से समझाएं। बाद में पता चलने पर गलतफैमी और ज्यादा बढ़ सकती है।