मानसिक समस्या की वजह से पनपती हैं बच्चों के व्यवहार से जुड़ी ये 6 बातें

पेरेंट्स अपने बच्चों की परवरिश करने के दौरान कई बातों का ध्यान रखते हैं और कोशिश करते हैं कि बच्चों का व्यवहार अच्छा रहे और वे आगे बढ़ते हुए सही राह अपनाए। कई बार पेरेंट्स के अधिक दबाव या अन्य कारणों की वजह से बच्चे गलत संगत में पड़ने लगते हैं और उनके व्यवहार में बदलाव आने लगता हैं। 5 से 10 साल की उम्र के बच्चों में अक्सर बच्चों में होने वाली व्यवहार से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती हैं जिनका कई बार कारण डिसऑर्डर या मानसिक समस्या भी हो सकती हैं जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं बच्चों में व्यवहार से जुड़ी समस्याएं और उनसे बचाव के बारे में।

हर बात में नकारात्मकता दिखाना

बच्चों का हर बात पर नकारात्मक रुख अपनाना भी एक तरह की व्यवहार से जुड़ी समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को बच्चों में सकारात्मकता लाने के लिए उनके खानपान, खेलकूद और व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।

दूसरों को दोष देने की समस्या

बच्चों की दूसरों को दोष देने की आदत उनकी संगत की वजह से विकसित हो सकती है। लेकिन जब बच्चा हर बात पर दूसरों को दोष देने की कोशिश करता है या अपनी गलतियों से बचने की कोशिश करता है तो ऐसे में आपको इससे उबरने के लिए विशेष तरीके को अपनाने की जरूरत है। यह आदत लगभग हर बच्चे में बचपन के दौरान होती है और इसके लिए माता-पिता को बच्चों के साथ नरमी से पेश आना चाहिए। बच्चों को अपनी गलती मान लेने के बारे में सिखाने से यह समस्या दूर हो सकती है।

किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित न करना


5 से 10 साल की उम्र के बच्चों में ध्यान न केंद्रित करने की समस्या आम होती है। लेकिन जब आपका बच्चा किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है तो इसके लिए आप बहुत सी कोशिशें करते हैं। लाख कोशिशों के बाद भी जब आपका बच्चा किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित या अटेंशन पे नहीं करता है तो इसे AHD का संकेत भी माना जाता है। अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर या एएचडी की समस्या में भी बच्चों में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी देखने को मिलती है। इस समस्या के निदान के लिए आप किसी एक्सपर्ट चिकित्सक से संपर्क करें।

बच्चों का दूसरों पर आक्रमण करना

बच्चे अक्सर बड़े होने पर खेलकूद के दौरान एक दूसरे से लड़ाई या बहस कर लेते हैं। लेकिन जब बच्चा हर किसी बात पर दूसरे के ऊपर शारीरिक आक्रमण करने लगे तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कई बार बच्चों में यह समस्या आचरण विकार का संकेत हो सकती है। कंडक्ट डिसऑर्डर या आचरण विकार से ग्रसित बच्चों में यह समस्या बार-बार हो सकती है।

किसी की बात न मानना या अवज्ञा करना


जब बच्चे बड़े हो रहे होते हैं तो उनमें जिद्दीपन और किसी की भी बात न मानने जैसी समस्याएं विकसित हो सकती हैं। बच्चों में इस आदत के विकसित होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन जब आपके बच्चे में यह समस्या लगातार बनी रहती है तो इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार माने जाते हैं। बच्चों का किसी की बात न सुनना या हर बात की अवज्ञा करना अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, अपोजिट डिफेंट डिसऑर्डर और आचरण विकार आदि समस्याओं के कारण हो सकता है।

असामाजिक व्यवहार


जिन बच्चों को कंडक्ट डिसऑर्डर की समस्या होती है उनमें असामाजिक व्यवहार की समस्या हो सकती है। ऐसे बच्चे हर जगह पर ऐसा व्यवहार कर सकते हैं जिसे असामाजिक व्यवहार माना जाता है। बचपन में बच्चों का गंभीर रूप से असामाजिक व्यवहार अपनाना कंडक्ट डिसऑर्डर या ओडीडी की वजह से हो सकता है।