क्या ब्रेकअप के बाद आप भी है डिप्रेशन के शिकार, जाने इससे बाहर निकलने के उपाय

आज के समय में ब्रेकअप होना कोई बड़ी बात नहीं है। अक्सर छोटी-छोटी बातों को मुद्दा बना कर लोग रिश्ता तोड़ देते हैं। जो लोग ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, ब्रेकअप का उनके मन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। कई बार इससे वे सदमे में चले जाते हैं। इससे निकल पाना आसान नहीं होता। बहुत से लोग इससे इस हद तक डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं कि उन्हें काउंसलिंग या साइकेट्रिस्ट से ट्रीटमेंट कराने की जरूरत पड़ती है। वहीं, बहुत से लोगों पर ब्रेकअप का ज्यादा असर नहीं पड़ता। लेकिन कमोबेश सभी इससे प्रभावित होते हैं। किसी भी रिश्ते का टूट जाना अपने आप में बड़ी बात होती है। अगर आपसी सहमति से लोग एक-दूसरे से संबंध नहीं रखते तो यह अलग बात होती है, लेकिन जहां कोई एक पार्टनर दूसरे की मर्जी के बिना रिश्ता तोड़ता है तो दिल पर गहरी चोट लगती है। कुछ खास तरीके अपना कर इससे उबरा जा सकता है, वैसे यह दर्द आसानी से जाता नहीं।

ब्रेकअप के बाद डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं?

लोगों से दूर रहें


ब्रेकअप के कारण डिप्रेशन में जाने से इंसान शांत हो जाता है। उनका किसी से मिलने का मन नहीं करता। अगर आपके अंदर भी ऐसी आदत आ रही है तो इसे इग्नोर न करें बल्कि लोगों से बात करना और मिलना शुरू कर दें। ऐसा करके आप खुद को डिप्रेशन से बाहर ला सकते हैं।

चिड़चिड़ापन

ब्रेकअप के बाद अगर इंसान डिप्रेशन में चला गया है तो उसे चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। या आपके अंदर गुस्सा बढ़ गया है। ऐसे में इस लक्षण को हल्के में न लें बल्कि खुद को शांत रखें और लोगों से बात करें। ऐसा करने से आपका चिड़चिड़ापन दूर हो जाएगा।

शारीरिक कमजोरी
इंसान से रिश्ता टूटने के गम में इंसान अपनी डाइट पर ध्यान नहीं दे पाता है. मानसिक रूप से टूटे हुए व्यक्ति की शारीरिक क्षमता कम होने लगती है और वह कमजोर हो सकता है। साथ ही व्यक्ति को भूख भी नहीं लगती है। ऐसा करने से आपके शरीर में कमजोरी आ जाती है।

प्रदर्शन घटना
ब्रेकअप के बाद अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो गया है तो उसके काम करने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में अगर आपने अपनी कार्यक्षमता खो दी है और आपका ब्रेकअप हो गया है तो आपको खुद पर ध्यान देने की जरूरत है।

डिप्रेशन से उभर ने के उपाय

किसी भरोसेमंद दोस्त से बात करें

इस तरह की समस्या होने पर बहुत से लोग किसी से कुछ कहते नहीं, वे मन ही मन घुटते रहते हैं। इससे उनकी समस्या बढ़ती जाती है। इसलिए आइसोलेशन में नहीं रहें। किसी भरोसेमंद दोस्त या फैमिली मेंबर से अपने दिल की बातें शेयर करें। ऐसा करने से आपके मन का बोझ कुछ कम होगा। हो सकता है, आपको कोई बेहतर सलाह मिले। लेकिन ध्यान रखें, किसी से बात करने के पहले अच्छी तरह समझ लें कि कहीं वह आपकी बातों को लोगों के बीच फैलाए नहीं।

हेल्थ का रखें ध्यान


डिप्रेशन में हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसलिए अगर परेशानी से बचना है तो हेल्थ पर ध्यान दें। समय से खाना खाएं और भरपूर नींद लें। वैसे डिप्रेशन में भूख कम लगती है और नींद भी जल्दी नहीं आती। लेकिन इसके लिए कोशिश करनी होगी। थोड़े-थोड़े समय पर कुछ न कुछ पौष्टिक चीजें खाएं। ज्यादा मीठी और तली-भुनी चीजें नहीं खाएं। अगर खाने का मन नहीं करता हो तो फ्रूट जूस और सूप वगैरह पिएं।

माइंडफुल ब्रीदिंग पर फोकस करें

डिप्रेशन कम करने में यह तकनीक काफी कारगर साबित हो रही है। इससे आपको तनाव से तत्काल राहत मिल सकती है। इसमें कोशिश कर के पुरानी बातों को भूलना होता है और भविष्य की चिंता छोड़ कर वर्तमान पर फोकस करते हुए गहरी सांसें लेनी होती है। 60 बार गहरी सांस लेने पर बेहतर महसूस होगा।

शराब और नशीली चीजें नहीं लें

अक्सर डिप्रेशन होने पर लोग शराब और नशीली चीजों का सहारा लेने लगते हैं। इससे उन्हें तत्काल राहत तो मिलती है, लेकिन नशा उतरने पर ज्यादा परेशानी महसूस होने लगती है। शराब पीने से नींद भी ठीक से नहीं आती। इसलिए किसी भी तरह के नशे से बचें।

सोशल एक्टिविटीज से जुड़ें


इस दौरान अगर किसी सोशल एक्टिविटी से जुड़ने पर आपकी मानसिक समस्या कम होगी। इससे आपका अकेलापन दूर होगा और आपको लगेगा कि किसी अच्छे काम में समय बीत रहा है। गरीब लोगों के बच्चों को ही कुछ समय पढ़ाने का काम करें। यह काम घर पर भी किया जा सकता है। धीरे-धीरे आपकी मानसिक तकलीफ कम होगी। नकारात्मक सोच को कभी हावी होने मत दें।