क्यों पति-पत्नी में उम्र का अंतर माना जाता है जरूरी, जानिए कारण

हमारे देश में पति का पत्नि से बड़ा होना जरूरी होता है और जब बात होती है अरेंज मैरिज की तो घर वाले इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि बहू हमारे बेटे से छोटी हो। हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि हमारे दादा-दादी, मम्मी-पापा, चाचा-चाची, मामा-मामी और अब तो हमारे भाई-भाभी के बीच भी ऐज का गैप जरूर है। बड़े-बुर्जुग हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि शादी करते समय वर वधू की उम्र में अच्छा खासा फर्क होना चाहिए। हालांकि रिश्ता ढूंढते वक्त आज भी इन बातों का खास ध्यान दिया जाता है। अक्सर लड़के से 5-6 साल उम्र में छोटी उम्र की लड़की देखी जाती है। वैसे तो लोगों को ये बात समझ नहीं आती लेकिन इसके पीछे कुछ खास कारण हैं। आइए जानते हैं इन वजहों के बारे में।

-वक्त के साथ-साथ महिलाओं में होने वाले हार्मोन चेंज की वजह से वो पुरुषों के मुकाबले जल्द ही उम्रदराज दिखना शुरू हो जाती हैं। अपने पति से उम्र में ज्यादा न लगे इसलिए परिवार वाले पहले से ही लड़की से 5-6 साल बड़े लड़के से उसकी शादी करते थे।

-एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक लड़के और लड़की में परिपक्वता यानी कि मैच्योरिटी के स्तर में फर्क होता है। लड़कियां, लड़कों से जल्दी मैच्योर हो जाती हैं, जबकि लड़कों को भावनात्मक रूप से मैच्योर होने में अधिक समय लगता है। यह अंतर 3 से 4 साल का हो सकता है।

-उम्रदराज हमसफर होने से जिम्मेदारियों का एहसास जल्द होेने लगता है। अगर दोनों एक ही उम्र के होंगे तो उनमें अनुभव की कमी होगी और जीवन में कई परेशानियों झेलनी पड़ेगी।

-विशेषज्ञों के अनुसार यदि समान उम्र के वर-वधु की शादी हो जाए तो उनमें आपसी समझ पनप नहीं पाती। बल्कि उम्र का अंतर होने से दोनों एक-दूसरे की बात को समझ पाते हैं और यही एक सफल शादी की निशानी है।

-यह बात तो आम लोगों ने भी आजमा कर देखी है कि पत्नी की उम्र बड़ी होने से इसका शादी पर कोई असर नहीं होता। लेकिन लोगों की सोच यह मानती है कि पत्नी यदि उम्र में बड़ी हुई तो अपना अधिकार ज्यादा दिखाएगी।