बच्चों को उनके बचपन से ही सही सीख दी जाए तो अच्छा हैं क्योंकि बचपन में सीखी हुई चीज को इंसान कभी भी नहीं भूलता हैं। आमतौर पर पेरेंट्स अपने बच्चों की परवरिश बहुत प्यार और दुलार के साथ करते हैं और इस कारण से वे अपने बच्चों से कोई काम भी नहीं करवाते हैं। लेकिन पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चे जब किशोरावस्था में प्रवेश करने लगे तो उन्हें कुछ काम सिखाए जाएं जो उनके आगे आने वाले जीवन में मदद करें। इन आदतों का असर बच्चे के व्यक्तित्व में जीवन भर देखने को मिलता है। आइये जानते हैं उन काम के बारे में जो आपको अपने बच्चों को जरूर सिखाने चाहिए।
घर का सामान मंगवाएंबच्चों को बचपन से स्मार्ट बनाने के लिए उन्हें 12 साल की उम्र तक साइकिल चलाना सिखाएं और रोजमर्रा के छोटे-छोटे सामान बच्चों से ही मंगवाएं। ऐसे में बच्चे अकेले बाहर निकलना शुरू करेंगे और दुनिया के बारे में ज्यादा जान सकेंगे। इससे बच्चों में आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही। साथ ही में उन्हें खुशी मिलेगी कि उन्होंने आपके काम में हाथ बंटाया हैं।
सफाई और चीजों का रखरखावसफाई सभी के लिए बहुत जरूरी है। अगर इसकी आदत बचपन से ही लग जाए तो ये बहुत ही अच्छी बात है। ऐसे में अपने बच्चों को अपने कमरे की सफाई करना और अपने सामान का रखरखाव करना सिखाएं। इससे न सिर्फ आपका बच्चा व्यवस्थित रहेगा, बल्कि आपका भी काम थोड़ा कम होगा।
अपना बैग ख़ुद जमाना सिखाएं मांएं सुबह आनन-फानन में बच्चों का बैग लगाती हैं। ऐसा सिर्फ़ कुछ घरों में ही नहीं बल्कि अधिकतर घरों में यही स्थिति होती है। मां के बैग लगाने पर कई बार कुछ किताबें या कॉपियां घर पर ही छूट जाती हैं और बच्चे घर आकर शिकायत करते हैं कि आज फलां किताब नहीं रखी या पेन घर पर ही छूट गया था। स्कूल का बैग लगाने की आदत बच्चों को डलवाएं। उन्हें बताएं कि ये काम आपका नहीं बल्कि उनका है।
कैब बुकिंग की दें टिप्सबारह साल के बाद बच्चों को ऑनलाइन कैब बुक करना जरूर सिखाएं। ऐसे में वो किसी इमरजेंसी में कैब बुक करने में सक्षम रहेंगे। साथ ही बच्चों को घर के आस-पास के एड्रेस से अवगत कराना न भूलें।
कपड़ों की देखभालबच्चों को सेल्फ डिपेडेंट बनाने के लिए उन्हें अपने काम खुद करना सिखाएं। खासकर कपड़े धोकर सुखाना और प्रेस करके अलमारी में रखने के बारे में बताकर आप बच्चों को आत्म निर्भर बना सकते हैं। वहीं, कपड़े धोने और प्रेस करने से बच्चे हाइजीन का खास ख्याल रखेंगे और कपड़ों की साफ-सफाई पर ध्यान देना शुरू कर देंगे।
कुकिंग टिप्स है जरूरीकुछ मांएं बच्चों को इस डर से काम नहीं करने देतीं कि कहीं सामान न फैला दें, चोट न लग जाए। या लगता है कि बड़े हो जाएंगे तब सीख लेंगे। लेकिन जब वे बड़े होते हैं तो उन्हें काम करने की आदत ही नहीं होती। यहां बच्चों से खाना बनवाने की बात नहीं हो रही है बल्कि उन्हें थोड़ा बहुत नाश्ता आदि बनाना सिखाने की बात हो रही है। जब आप किचन में कुछ काम करें तो उनकी मदद लें जैसे- सब्ज़ी काटना, धुले बर्तन पोछकर जमाना, शाम की चाय बनाना या साथ में खड़े होकर देखने को कहें ताकि वे जान सकें कि खाना बनाना उतना आसान नहीं है जितना वे समझते हैं।