रिलेशनशिप की शुरुआत से पहले अपने बारे में ये बातें जान लेना बहुत जरूरी, बच सकेंगे इसकी जटिलताओं से

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग रिलेशनशिप की शुरुआत तो कर देते है लेकिन उसके बाद खुद को कोसते रहते हैं और अपने फैसले पर शर्मिंदा होते रहते हैं जिसके चलते वे अपने खुद के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में व्यक्ति को किसी भी रिश्ते की शुरुआत से पहले खुद को टटोलने की जरूरत होती है कि वे अपने लिए क्या चाहते हैं और फिर ही रिलेशनशिप की शुरुआत की जानी चाहिए। आपकी इस दुविधा को दूर करने के लिए आज हम कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी आप मदद ले सकते हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।

* सलाह जरूर लें लेकिन अंतिम निर्णय स्वयं लें

रिसर्च के मुताबिक, एक रोमांटिक रिश्ते में ज्यादातर लोग भावनाओं में बहकर फैसले लेते हैं। इमोशनल होने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन ऐसे में अगर आप कई चीजों पर राय नहीं बना पा रहे, तो आपके परिवार के लोग और दोस्त एक बेहतर सलाह दे सकते हैं। अंतिम फैसला खुद करें।

* पहले से राय तो नहीं बना रहे

किसी से मिलते वक्त अगर आप ये सोच रहे हैं कि आपको तुरंत फैसला लेना है, तो ये गलत है। बातचीत के लिए पूरा समय दें और पहले से किसी के बारे में राय न बनाएं। आप किसी को तभी अच्छी तरह जान पाएंगे, जब खुले दिमाग से उनकी बात को सुनेंगे और समझने की कोशिश करेंगे। साथ ही, अपना पक्ष खुलकर रखें।

* आपको क्या चाहिए, ये मालूम है?

पहले ये सवाल अपने आप से पूछें कि आप अपनी जिंदगी में क्या चाहते हैं? इसके बारे में अपने पार्टनर से बात कीजिए और जानिए कि वो क्या चाहते हैं। कई बार लोग शुरुआती दौर में शादी या भविष्य में होने वाली संतान के बारे में बात करना पसंद नहीं करते। लेकिन एक-दूसरे की राय जानना और समझना आपके लिए जरूरी है। इस बारे में बातचीत करने से आपको फैसले लेने में आसानी होगी।

* सुने मन की आवाज

कई बार एसा होता है कि आपके अंदर की आवाज आप से कह रही होती है कि ये इंसान आपके लिए ठीक नहीं, पर आप कोई एक खूबी देखकर या फिर मजबूरी में उसे अनसुना करते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपको कोई पसंद आता है, लेकिन किसी सोच में पड़कर आप आगे नहीं बढ़ते. हमारे मन को हमेशा पता होता है कि हमें किसी के साथ कैसा लग रहा है। इस बारे में गहराई से सोचें, क्या आप खुश हैं? क्या आप खुलकर बात कर पा रहे हैं? अगर एसा नहीं है, तो आपका जवाब साफ तौर पर 'ना' होना चाहिए।

* मतभेद को सावधानी से संभालें

हर चीज पर आप दोनों की सोच एक जैसी हो, ये जरूरी नहीं, इसलिए मतभेदों को समझना और संभालने करने का तरीका जानना जरूरी है। मुमकिन है कि किसी बात पर आप दोनों बिल्कुल भी एकमत न हों। ज्यादा जरूरी ये है कि क्या आप अपने मतभेदों के बारे में ठीक से बात कर पाते हैं या नहीं?