हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहते हैं ताकि वह एक अच्छा इंसान बने। खासतौर से अपनी बेटी को क्योंकि वह उनका मान-सम्मान होती है और शादी के बाद दूसरे घर जाकर अपनी गरिमा के चलते माता-पिता का गौरव बनती हैं। लेकिन इसमें सबसे बड़ा काम होता है एक पिता का जो शादी के वक़्त अपनी बेटी को कई बातें सिखाता है। आज हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे है जो एक पिता को अपनी बेटी की शादी के समय बतानी चाहिए जो उसके शादीशुदा जीवन को खुशियों से भर देगी। तो आइये जानते है इनके बारे में।
* सास-ससुर को मां-पिता की तरह मानो
शादी के बाद तुम्हे अपने सास-ससुर को अपने मां-पिता के समान मानना होगा। तुम्हे उनकी इज़्ज़त उसी तरह करनी होगी जिस तरह अपने मां-पिता की करती हो। इससे तुम्हारे और तुम्हारे सास-ससुर के बीच एक अच्छा रिश्ता बन पाएगा।
* परिवार वालों की इज़्ज़त करो
तुम्हारा प्यार केवल अपने सास-ससुर तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, उसके बाकि परिवार वालों को भी उतना ही प्यार करना और इज़्ज़त देना ठीक उसो तरह जिस तरह तुम चाहती हो कि तुम्हारा पति ना कवल हमसे प्यार करे बल्कि तुम्हारे भाई-बहनो से भी करें। अपने हर रिश्ते की बराबर से इज़्ज़त करनी होगी।
* अपने निर्णय को थोपो नहीं
शादी के बाद ऐसा हो सकता है कि तुम्हारे कुछ निर्णय पर सवाल उठे पर इसका मतलब ये नहीं कि जिद में आकर अपने निर्णय पर डटी रहो। अपने हर फैसले का स्पष्ट जवाब देना और वहीं करना जो घरवाले कहें।
* अपनी इज़्ज़त करो
चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों ना हो, हमेशा खुद की इज़्ज़त करना, क्योंकि अगर तुम खुद की इज़्ज़त नहीं करोगे तो तुम्हारा साथी भी नहीं करेगा। और अक्सर पुरूषों को वही लड़की अच्छी लगती है जो अपने फैसले खुद ले सके।
* नये तौर तरीके सीखने में हिचकिचाना मत
शादी के बाद कुछ तौर-तरीके ज़रूर बदलेंगी। हो सकता है तुम्हे घर से कुछ काम करने पड़े या घर की अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखना पड़े या अपने ससुराल के हिसाब से अपने रहन-सहन के तरीके में बदलाव करना पड़े। इन सभी बदलावों को बखूबी अपनाना और इन नई चीज़ो के बारे में सीखना।
* समस्या या परिस्थिति से भागना मत
हो सकता है कि तुम्हारे सामने कुछ ऐसी समस्याएं आएं, जिसमें तुम्हे लगे कि अब तुम और नही सह सकती और अब परिस्थिति तुम्हारे काबू से बाहर है, इन सभी समस्याओं से भागने से अच्छा होगा कि तुम उस समस्या की जड़ ढूंढ़ो और उसका समाधान निकालो। बस यही एक तरीका है जिससे तुम अपने दिमाग को शांत कर सकोगी और चीज़े ठीक रहेंगी।
* शादी के बाद भी यह घर तुम्हारा रहेगा
हालांकि हम ऐसे वातावरण में रहते हैं जहां लड़कियों को यही समझाया जाता है कि शादी के बाद लड़की का ससुराल ही उसका असली घर होता है पर ऐसा कुछ नहीं है। तुम्हारा मायका भी हमेशा तुम्हारा घर रहेगा और इस घर के दरवाज़े सदा तुम्हारे लिए खुले रहेंगे।
* मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं
चाहे तुम किसी भी मुश्किल या परेशानी में क्यों न हो मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा क्योंकि तुम चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जाओ तुम हमेशा मेरे लिए नन्ही सी परी रहोगी।
* हर छोटे बड़े कदम पर पति का साथ दो
पुरुषों को शादी के बाद भी कुछ समय अकेले बिताना पसंद होता है तो उसे ज़्यादा बदलने की कोशिश मत करना। अगर तुम चाहती हो की वो तुम्हे वैसे ही अपनाएं जैसी तुम हो तो तुम्हे भी उसे वैसे ही अपनाना होगा और उसकी हर छोटी बड़ी सफलता और अपने परिवार के लिए उठाने वाले हर छोटे बड़े कदम पर तुम्हे उसकी प्रशंसा करनी होगी।
* रिश्ते को समझो और उसका हिस्सा बनो
जैसे एक पुरुष का व्यवहार अपनी मां के साथ होता है वैसे ही वो अपनी पत्नी या बेटी के साथ होगा। जब मेरी और तुम्हारी मां की शादी हुई थी तब उसे पता था कि मैं तुम्हारी दादी से कितना प्रेम करता हूं और तुम्हारी मां ने खुले दिल से इस बात को स्वीकारा था और उसने भी उतना ही प्यार तुम्हारी दादी को दिया, जिससे हमारा रिश्ता और भी मज़बूत हो गया, तो अपने पति पर ताने कसने की बजाए उनके रिश्ते को समझना और उस रिश्ते का हिस्सा बनने की कोशिश करना।