आज 30 जुलाई का दिन विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस (International Friendship Day) के रूप में मनाया जाता हैं जो कि दोस्ती के अनोखे रिश्ते को मजबूत बनाने का काम करता हैं। लेकिन देखा जाता हैं कि आज भी लोग जब भी कभी लड़का-लड़की को साथ देखते हैं तो मनगढ़ंत कहानियां बनाने लगते हैं और अधिकतर लोगों के मन में फिल्म 'मैंने प्यार किया' के उस डायलॉग की आवाज आती हैं कि एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते। जबकि दोस्ती में दोस्तों के साथ का बड़ा महत्व होता हैं अब वो दोस्त लड़का हो चाहे लड़की इससे फर्क नहीं पड़ता हैं। लोगों को समय के साथ अपनी सोच में भी बदलाव लाने की जरूरत हैं।
दोस्ती एक विश्वास पर टिकी रहती है। एक बार के लिए खून का रिश्ता कमजोर पड जाता है पर दोस्ती का रिश्ता कमजोर नहीं पड़ता है। न जाने फिर भी इस रिश्ते को गलत समझ जाता है। गलत समझने के पीछे कारण होता है की एक लड़का और लडकी का आपस मे मिलना, साथ मे रहना, बोलना समाज के के नियमों के विरुद्ध है। समाज नहीं चाहता है की इन दोनों का रिश्ता दोस्ती का हो।यह जरूरी नहीं की हर कोई इस रिश्ते मे प्यार ही करे। अगर सच्ची दोस्ती है तो उसे समझने की जरूरत नहीं होती है। ऐसे कई लोग होते है जो सिर्फ दोस्त ही होते है उनके बीच मे कोई नाजायज़ रिश्ता नहीं होता है। यह रिश्ता आकर्षण से शुरू होता है। लेकिन शुरुआत तो दोस्ती से ही होती है। यह कहा लिखा होता है एक आदमी और औरत का रिश्ता सिर्फ पति और पत्नी का होता है। पति पत्नी बनने से पहले वह भी दोस्त ही होते है। जिस रिश्ते मे दोस्ती है वो रिश्ता अपने आप मे मज़बूत होता चला जाता है। सिर्फ नजरिया अच्छा होना चाहिए। नजरिया ही हमे इन्सान की सोच के बारे मे बताता है।